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यमुना नदी पर स्यानाचट्टी के पास बनी झील, गंगोत्री में महिला यात्री की मौत

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देहरादून। उत्तराखंड में बारिश का कहर थम नहीं रहा है। लगातार बारिश और मलबा आने से यमुनोत्री मार्ग पर स्यानाचट्टी में यमुना का पानी रुक गया, जिससे वहां अस्थाई झील बन गई है। प्रशासन की टीम पानी की निकासी में जुटी हुई है। उधर, गंगोत्री में भागीरथी की तेज धारा में बहने से एक महिला तीर्थयात्री की मृत्यु हो गई। इसके अलावा देहरादून, चमोली व टिहरी में प्रभावितों तक लगातार मदद पहुंचाई जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि इस वर्ष असामान्य बारिश और भूस्खलन से राज्य के लगभग सभी जिले प्रभावित हुए हैं और आपदा का असर दो से तीन गुना अधिक देखने को मिला है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केंद्र सरकार से प्राप्त सहयोग और राज्य के संसाधनों का उपयोग कर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से पुनर्निर्माण कार्य सुनिश्चित किया जाए। आपदा परिचालन केन्द्र के अनुसार गंगोत्री धाम में दर्शन के लिए रीता थापा पत्नी धीर बहादुर थापा, उम्र 61 वर्ष निवासी गिलोफू, जिला सरवंश, भूटान गंगा घाट पर पांव फिसलने से नदी में बह गई। शव बरामद कर लिया गया है।

टिहरी में हेलीकॉप्टर से पहुंच रहा खाद्यान्न
टिहरी जिले के जौनपुर ब्लाक के सकलाना पट्टी में भारी बारिश से नुकसान हुआ है। बारिश के कारण देहरादून से सटे रगड़ गांव जाने वाली सड़क, पुल, संपर्क मार्ग सभी सोंग नदी में आए बारिश से के पानी में बह जाने से टूट गया। हवाई सेवा के माध्यम से इस गांव के लिए राशन कीट पहुंचाई जा रही है। सड़क, पैदल रास्ते टूट जाने से गांव में राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राजस्व विभाग की टीमों को पोकलैंड से नदी में उतार कर गांव पहुंचाया गया। कल देर शाम तक विधायक प्रीतम सिंह पंवार और टिहरी के अपर जिलाधिकारी अवधेश सिंह के नेतृत्व में राजस्व विभाग द्वारा गांव के 52 प्रभावित परिवारों को राशन की किट, दवाइयां आदि सामग्री बांटी गई।


देहरादून के सुदूर गांवों तक पहुंची टीम, डीएम ने संभाला मोर्चा
देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल बीते दिन प्रशासनिक अमले के साथ दुर्गम रास्ते और पगडंडियों से होते हुए 12 किलोमीटर पैदल चलकर आपदा प्रभावित सुदूरवर्ती गांव फूलेत और छिमरौली पहुंचे और आपदा पीडितों की आपबीती सुनी। जिलाधिकारी ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में पूरा प्रशासन हर पल प्रभावितों के साथ खड़ा है। आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद एवं राहत पहुंचाने के साथ उनकी समस्याओ का प्राथमिकता पर निराकरण किया जाएगा। जिलाधिकारी ने फूलेत और छमरौली में प्रभावितों की समस्याएं सुनी। उन्होंने अधिकारियो को निर्देश दिए कि भूमि कटाव, फसल क्षति, भवन व पशु हानि आकलन जल्द पूरा किया जाए। मुआवजा वितरण के लिए तहसीलदार, ब्लॉक प्रभारी, एडीओ कृषि व उद्यान; जेई लोनिवि को अंतिम व्यक्ति को मुआवजा वितरण तक मौके पर ही रहने के निर्देश दिए।

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