राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में मंगलवार दोपहर एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। दोपहर करीब 3:30 बजे जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर एक एसी स्लीपर बस में अचानक आग लग गई। आग इतनी तेज़ी से फैली कि यात्रियों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। इस भयावह हादसे में एक ही परिवार के पाँच सदस्यों सहित कुल 20 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि कई यात्री झुलसकर गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस जैसलमेर से जोधपुर की ओर जा रही थी। बस में लगभग 40 यात्री सवार थे। हादसा जस्सू की ढाणी के पास उस वक्त हुआ जब बस के इंजन से धुआं निकलना शुरू हुआ। देखते ही देखते धुआं आग की लपटों में बदल गया और कुछ ही मिनटों में पूरी बस आग की चपेट में आ गई। बस चालक और परिचालक ने बस को रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक आग बहुत फैल चुकी थी।
स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत मदद की और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। ग्रामीणों ने बस की खिड़कियां तोड़कर यात्रियों को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन घनी लपटों और धुएं के कारण बचाव कार्य बेहद मुश्किल हो गया। फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुँचे। जैसलमेर के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने राहत-बचाव कार्य का नेतृत्व किया। सभी मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। अस्पताल परिसर में मृतकों के परिजनों का रुदन माहौल बेहद गमगीन बना हुआ था।
जांच के प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, बस के इंजन में शॉर्ट सर्किट से आग लगी हो सकती है। बस एक निजी ट्रैवल कंपनी की बताई जा रही है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह ने घटना पर गहरा दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को पाँच-पाँच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। साथ ही घायलों के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था के निर्देश भी दिए हैं।
घटना के बाद जोधपुर और जैसलमेर के बीच बस सेवाएँ अस्थायी रूप से रोक दी गई हैं। परिवहन विभाग ने सभी निजी बस संचालकों को अपने वाहनों की तकनीकी जांच कराने के आदेश दिए हैं ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह हादसा एक बार फिर सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करता है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बस में अग्निशमन यंत्र मौजूद नहीं थे और आपातकालीन दरवाजे भी ठीक से काम नहीं कर रहे थे। अगर बस में पर्याप्त सुरक्षा उपकरण होते तो शायद इतनी बड़ी जनहानि टल सकती थी।
जैसलमेर का यह हादसा पूरे राजस्थान ही नहीं, पूरे देश को झकझोर गया है। इस दर्दनाक घटना ने फिर साबित कर दिया कि सड़क सुरक्षा और वाहन रखरखाव में थोड़ी सी लापरवाही भी कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है। प्रशासन ने मामले की विस्तृत जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
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