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हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही ने थाने में धरना शुरू, पुलिस कार्रवाई न करने पर जताया नाराजगी

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जिले में हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही ने पुलिस प्रशासन पर नाराजगी जताते हुए थाने में धरना शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि उन्हें और उनके समर्थकों को मिली धमकियों के बावजूद पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की।

सचिन सिरोही ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पिछले कुछ दिनों से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं, लेकिन संबंधित पुलिस विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि जनता और नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस की जिम्मेदारी है, और अगर कार्रवाई नहीं हुई तो उन्हें मजबूरी में इस तरह का कदम उठाना पड़ा।

धरने के दौरान सचिन सिरोही के समर्थक भी थाने में जमा हुए और उन्होंने पुलिस प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस ने तुरंत उचित कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि शिकायत की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर सचिन सिरोही और उनके समर्थकों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

स्थानीय लोगों ने धरने की घटना पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी। कुछ लोगों ने इसे लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल बताया, जबकि अन्य ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना सभी के लिए जरूरी है और इस प्रकार के प्रदर्शन से स्थिति बिगड़ सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि नेताओं और नागरिकों के खिलाफ धमकियां एक गंभीर मुद्दा हैं और इसे नजरअंदाज करना सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस को समय पर कार्रवाई कर जनता का विश्वास बनाए रखना चाहिए।

धरने के दौरान सचिन सिरोही ने कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे और यदि पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की तो उन्हें अन्य उपाय अपनाने पड़ सकते हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि मामला गंभीरता से न लिया गया तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

पुलिस अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि मामले में जल्द ही जांच पूरी कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने नागरिकों और नेताओं से संयम बरतने और कानून का पालन करने का अनुरोध किया।

इस तरह, हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही का थाने में धरना पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताने का संकेत है। यह घटना कानून और व्यवस्था बनाए रखने, नागरिकों और नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रशासनिक जवाबदेही की आवश्यकता को स्पष्ट करती है।

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