मानवता और सामाजिक सरोकार की मिसाल पेश करते हुए लालसोट थाना पुलिस ने वर्षों से थाने में सफाईकर्मी के पद पर कार्यरत सुनीता वाल्मीकि की तीन बेटियों की शादी में दहेज देकर समाज को सकारात्मक संदेश दिया है। थानाधिकारी किशन मीना के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने सुनीता के घर पहुंचकर 1 लाख 11 हजार रुपए नकद, कपड़े, साड़ी, शर्ट-पैंट व अन्य उपहार भेंट किए। आखा तीज के दिन 30 अप्रैल 2025 को होने वाली शादी से पहले भात की रस्म के तहत यह आयोजन किया गया।
लालसोट के बड़ा मोहल्ला निवासी सुनीता देवी पिछले 22 वर्षों से लालसोट थाना परिसर में सफाई का काम कर रही हैं। उनकी बेटियों सुमन, मनीषा व सोना की शादी एक साथ तय हुई थी, जिनके निमंत्रण पर पुलिसकर्मी उनके घर पहुंचे। सुनीता की आर्थिक स्थिति को देखते हुए थाने के स्टाफ ने सामूहिक निर्णय लिया कि दहेज की राशि अपने निजी वेतन से तथा एसपी कार्यालय के सहयोग से दी जाएगी।
सुनीता की साड़ी लहराकर निभाई गई भात की रस्म
मंगलवार शाम को जब पुलिसकर्मी दहेज का सामान लेकर सुनीता के घर पहुंचे तो भावुक पल देखने को मिला। सुनीता को बहन मानकर गेट पर उसकी साड़ी लहराकर भात की रस्म निभाई गई। इसके बाद महिलाओं ने मंगल गीत गाए और माहौल भावुक हो गया। सुनीता की आंखों से आंसू छलक आए और पूरे मोहल्ले में इस मानवीय पहल की सराहना होने लगी।
पुलिस के इस कदम की हर कोई तारीफ कर रहा है
इस पहल ने पुलिस की छवि को नई दिशा दी है। आमतौर पर अपनी सख्त छवि के लिए जानी जाने वाली पुलिस ने इस उदाहरण के जरिए साबित कर दिया है कि वह समाज के हर वर्ग के सुख-दुख में भागीदार बन सकती है। लालसोट पुलिस की यह संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी का भाव पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है और इसे बेहतर, समरस समाज के निर्माण की दिशा में एक सार्थक कदम बताया जा रहा है।
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