विटामिन का उद्योग दिनोंदिन तेज़ी से बढ़ रहा है और बहुत से लोग इसे अपनी सेहत का अहम हिस्सा मानने लगे हैं.
लंदन आधारित मार्केट रिसर्च फ़र्म मिनटेल के अनुसार, ब्रिटेन के दो तिहाई उपभोक्ता विटामिन, मिनरल्स या कोई न कोई सप्लीमेंट लेते हैं.
और बहुत से लोग विटामिन की किसी कमी को पूरा करने के लिए ऐसा नहीं करते, बल्कि वो इस विश्वास के साथ विटामिन की गोलियां लेते हैं कि इससे उनकी सेहत और अच्छी हो जाएगी.
बाज़ार में कई सारे सप्लीमेंट उपलब्ध हैं और इनमें बहुत सारे सप्लीमेंट अलग अलग विटामिन और मिनरल्स का मिश्रण यानी मल्टीविटामिन होते हैं और ये जान पाना मुश्किल होता है कि इनमें से कौन आपके लिए फ़ायदेमंद है.
दरअसल, सेहतमंद बने रहने के लिए बुनियादी तौर पर 13 विटामिन्स की ज़रूरत होती है, लेकिन क्या इन्हें सप्लीमेंट के रूप में लेना चाहिए?
विटामिन दो तरह के होते हैं, फ़ैट यानी वसा में घुलनशील और पानी में घुलनशील.
फ़ैट में घुलनशील विटामिन्स (विटामिन ए, डी, ई और के) आपके शरीर में इकट्ठा होते रहते हैं, इसलिए रोज़ाना इनकी गोली लिए बिना भी आप अपने शरीर में इनका स्तर बनाए रख सकते हैं.
इनके लेने से ओवरडोज़ का ख़तरा हो सकता है, इसलिए बहुत अधिक मात्रा में इन्हें नहीं लेना चाहिए.
पानी में घुलनशील विटामिंस (विटामिन सी और बी, जैसे कि फ़ोलिक एसिड) शरीर में इकट्ठा नहीं हो सकते, इसलिए इनकी संतुलित मात्रा लेते रहने की ज़रूरत होती है.
लेकिन अगर ज़रूरत से अधिक मात्रा में ये विटामिन्स लेते हैं तो अतिरिक्त मात्रा पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है. हालांकि विटामिन बी को लिवर स्टोर कर सकता है.
कुछ मल्टीविटामिन की गोलियों में ख़ासतौर पर कैल्शियम, ज़िंक और आयरन जैसे मिनरल्स होते हैं. जब तक ऐसी कोई परिस्थिति न हो कि आपको इनकी अधिक मात्रा लेना ज़रूरी हो, तब तक ये तीनों मिनरल्स आपको अपने खाने से ही पर्याप्त मिल जाते हैं.
कैल्शियम मज़बूत हड्डियों के लिए ज़रूरी होता है और आपको हर दिन 700 मिली ग्राम की ज़रूरत होती है.
ज़िंक आपके प्रतिरोधी और पाचन तंत्र के लिए ज़रूरी होता है. महिलाओं को रोज़ाना 7 मिली ग्राम और पुरुषों को 9.5 मिली ग्राम की ज़रूरत होती है.
भोजन के लिए ऊर्जा मुक्त करने और ख़ून में ऑक्सीजन ले जाने के लिए आयरन ज़रूरी होता है. 19 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के लिए रोज़ाना 14.8 मिली ग्राम और पुरुषों के लिए 8.7 मिली ग्राम आयरन की ज़रूरत होती है.
ब्रिटेन की सरकारी स्वास्थ्य संस्था एनएचएस का कहना है कि ब्रिटेन में रहने वाले लोगों को शरद ऋतु और सर्दियों में विटामिन डी के सप्लीमेंट लेने चाहिए.
विटामिन डी कैल्शियम अवशोषित होने में मदद करता है जो कि दांत, हड्डियों और मांसपेशियों के मज़बूत और सेहतमंद होने के लिए ज़रूरी होता है.
यह फ़ॉस्फ़ेट और मैग्नीशियम को अवशोषित होने में भी हमारी मदद करता है.
जिन्हें भूख कम लगती है या जो बुज़ुर्ग हैं उन्हें कुछ विशेष मल्टीविटामिन लेने का फ़ायदा हो सकता है. इसमें अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
बुज़ुर्ग लोग या घर में रहने वाले लोगों को पूरे साल विटामिन डी के सप्लीमेंट लेने चाहिए और साथ में कैल्शियम भी.
अगर आप डाइट पर हैं और कुछ विशेष भोजन पर ख़ुद ही रोक लगा रखी है, चाहे यह लाइफ़स्टाइल में बदलाव के लिए हो या वज़न कम करने के लिए, तब आपको सप्लीमेंट का फ़ायदा हो सकता है और यह उस विशेष भोजन से मिलने वाले पोषक तत्वों की भरपाई कर देता है.
अगर आप बहुत कम कैलोरी वाली डाइट पर हैं तो मल्टीविटामिन लेना फ़ायदेमंद हो सकता है. यहां ऐसी कुछ डाइट का ज़िक्र किया जा रहा है जिसमें सप्लीमेंट की ज़रूरत पड़ सकती है.
अगर आप दुग्ध उत्पादों से परहेज़ कर रहे हैं तो आपके लिए कैल्शियम सप्लीमेंट या कैल्शियम युक्त गोलियां फ़ायदेमंद हो सकती हैं.
वीगन यानी दुग्ध उत्पादों का भी न सेवन करने वाले पूर्ण रूप से शाकाहारी व्यक्ति में विटामिन बी 12 और कैल्शियम की कमी होने का जोख़िम होता है, इसलिए इन पोषक तत्वों के सप्लीमेंट लेने का सुझाव दिया जाता है.
उन लड़कियों और महिलाओं में आयरन की कमी हो सकती है जिन्हें पीरियड में भारी कमज़ोरी आ जाती है.
ब्रिटेन के नेशनल डाइट एंड न्यूट्रिशन सर्वे के अनुसार, 35 से 49 साल की 4.8% महिलाएं आयरन की कमी के चलते एनीमिया का शिकार हैं, जबकि 12.5% में आयरन का संग्रह कम पाया गया. लेकिन आयरन की गोलियां लेने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर ले लें.
गर्भधारण करने के पहले 12 सप्ताहों में फ़ोलिक एसिड के सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है. इससे उनके बच्चों में न्यूरल ट्यूब के विकार का ख़तरा कम हो जाता है.
लोग सर्दी-ज़ुख़ाम से बचने के लिए सालों से विटामिन सी ले रहे हैं. इसे सुपरफ़ूड का दर्जा मिला हुआ है, क्योंकि यह एक किस्म का एंटी ऑक्सिडेंट भी है.
हालांकि इसके बहुत कम साक्ष्य हैं कि यह संक्रमण, बीमारी या ज़ुख़ाम के शुरुआती लक्षणों में रोकथाम का काम कर सकता है.
चूंकि शरीर अतिरिक्त विटामिन सी संग्रह नहीं कर सकता इसलिए अधिक मात्रा लेते हैं तो यह पेशाब के रास्ते निकल जाएगा.
आमतौर पर विटामिन सी फलों और सब्ज़ियों में मौजूद रहता है.
एक संतरे में क़रीब 70 मिली ग्राम विटामिन सी होता है, इसलिए इसकी कमी आमतौर पर नहीं होती है.

हर व्यक्ति के लिए विटामिन और मिनरल्स की ज़रूरत अलग अलग होती है. यह आपकी उम्र, आपकी सक्रियता के स्तर, लिंग और अन्य चीज़ों पर निर्भर करता है.
अधिकांश एक्सपर्ट का मानना है कि स्वास्थ्यवर्द्धक और संतुलित भोजन से ही हमें सभी विटामिन्स और मिनरल्स मिल जाते हैं, विटामिन डी सिर्फ अकेला अपवाद है.
हालांकि नेशनल डाइट एंड न्यूट्रिशन सर्वे कहता है कि कुछ लोग मानक ख़ुराक नहीं ले पाते हैं और इसकी भरपाई सप्लीमेंट से ख़ुद करने लगते हैं. इसके बजाय उन्हें अपनी ख़ुराक में सुधार लाना चाहिए और अपने भोजन में पांच किस्म के फल और सब्ज़ियां शामिल करने से स्वस्थ रहा जा सकता है.
यह लेख रूप से अक्तूबर 2018 में प्रकाशित हुआ था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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