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दुर्गापुर गैंगरेप मामला: तीन अभियुक्तों को 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया

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BBC गैंगरेप मामले में तीन लोगों की गिरफ़्तारी हुई है

पश्चिम बंगाल में पश्चिम बर्धमान ज़िले के दुर्गापुर में एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा के साथ गैंगरेप के आरोप की पुलिस जांच जारी है.

इस मामले में तीन लोगों की गिरफ़्तारी हुई है, जिनमें छात्रा के साथ पढ़ने वाला एक छात्र भी शामिल है. अभियुक्तों को एक स्थानीय अदालत ने 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा है.

प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की सेकेंड ईयर की छात्रा ओडिशा की रहने वाली हैं.

आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस उपायुक्त अभिषेक गुप्ता ने पत्रकारों को बताया, "मामले की जांच की जा रही है. यह मामला बेहद संवेदनशील होने के कारण पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रही है."

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पुलिस ने क्या बताया? image BBC पुलिस के मुताबिक़ इस मामले में दो और लोगों की तलाश की जा रही है

छात्रा के माता-पिता ने पुलिस को जो शिकायत दी है, उसके मुताबिक़ 23 वर्षीय छात्रा सेकेंड ईयर में पढ़ रही हैं.

शिकायत की गई है, "10 अक्तूबर को रात क़रीब आठ बजे छात्रा को उनके ही कॉलेज का एक छात्र अपने दोस्तों के साथ बरगला कर किसी सुनसान जगह पर ले गया. और बाद में माता-पिता को ये जानकारी मिली कि उनकी बेटी के साथ गैंगरेप हुआ है."

वहीं, पुलिस ने स्थानीय पत्रकारों को बताया है कि छात्रा शुक्रवार रात को क़रीब आठ बजे अपने एक परिचित के साथ कुछ खाने के लिए कॉलेज परिसर से बाहर निकली थीं, जहां कुछ युवकों ने छात्रा पर टिप्पणी की और उनके साथ खींचतान की और छात्रा का मोबाइल और पैसे छीन लिए.

पुलिस के मुताबिक़, इस घटना के बाद पुरुष साथी को धमकी देकर वहां से भगा दिया गया और नज़दीक के जंगल में ले जाकर छात्रा के साथ कथित रूप से गैंगरेप किया गया.

मगर माता-पिता की ओर से दी गई शिकायत में ये कहा गया है कि गैंगरेप के बाद अभियुक्त छात्रा का फ़ोन और पैसे लेकर भाग गए. शिकायत में ये भी कहा गया है कि छात्रा को दुर्गापुर के एक अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया और डॉक्टरों ने कहा है कि हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.

छात्रा के माता-पिता ने मौक़े पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमारी बेटी यहां सुरक्षित नहीं है. दोषियों को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए."

छात्रा की मां ने उसके साथ गैंगरेप का दावा किया है. लेकिन एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि मेडिकल जांच की रिपोर्ट आने से पहले इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता.

पुलिस ने उसी रात उस सहपाठी को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. शनिवार देर रात दो और युवकों को हिरासत में लिया गया और पूछताछ के बाद सुबह तीनों को गिरफ़्तार कर लिया गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में दो और लोगों की तलाश की जा रही है.

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कॉलेज प्रशासन का बयान image BBC

इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन का बयान आया है. कॉलेज प्रशासन ने सेकेंड ईयर के अपने एक छात्र और छात्रा के साथ एक घटना होने की बात कही है.

कॉलेज की ओर से कहा गया, "दोनों शाम 7:58 बजे कैंपस से बाहर गए, थोड़ी देर बाद छात्र वापस लौटा और मेन गेट के सामने इंतजार किया, फिर 5-7 मिनट बाद वापस चला गया. इसके बाद वो छात्रा के साथ लौटा, दोनों में से किसी ने भी तब कुछ भी रिपोर्ट नहीं किया और छात्रा अपने हॉस्टल लौट गई."

कॉलेज प्रशासन के मुताबिक़ हॉस्टल लौटने के बाद छात्रा ने दावा किया कि उसका मोबाइल खो गया है और कॉलेज कैंपस के बाहर उस पर हमला हुआ.

कॉलेज प्रशासन ने कहा, "इसके तुरंत बाद डीन और प्रिंसिपल को सूचना दी गई. छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया, अभी वह मेडिकल ऑब्ज़र्वेशन में है, उसकी हालत बेहतर है. अभी हमारी प्राथमिकता छात्रा की शारीरिक और मानसिक बेहतरी है."

कॉलेज प्रशासन ने इस मामले की जांच में सहयोग करने की बात कही है.

कॉलेज प्रशासन ने कहा, "दोनों स्टूडेंट्स वयस्क हैं और अपनी मर्ज़ी से कैंपस बाहर गए थे...क्योंकि वे कैंपल से बाहर चले गए थे, इसलिए हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि बाहर क्या हुआ, हालांकि हम पुलिस के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं."

सीएम ममता बनर्जी बोलीं- 'दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाएगी'

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले पर कहा है कि यह घटना "चिंताजनक और स्तब्ध करने वाली" है, लेकिन कॉलेज प्रशासन को भी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.

ममता बनर्जी ने कहा, "यह एक प्राइवेट कॉलेज है. तीन हफ़्ते पहले ओडिशा के समुद्र तट पर तीन लड़कियों के साथ बलात्कार हुआ था. ओडिशा सरकार वहां क्या कार्रवाई कर रही है? यह लड़की एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ती थी. वह रात 12:30 बजे कैसे बाहर आई? जहां तक मुझे जानकारी है, यह घटना जंगल वाले क्षेत्र में हुई. मुझे नहीं पता वहां क्या हुआ, जांच जारी है."

उन्होंने कहा, "वह इलाक़ा जंगल के पास है. पुलिस सभी से पूछताछ कर रही है. किसी को छोड़ा नहीं जाएगा. तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाएगी."

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की घटनाएं "किसी भी राज्य में निंदनीय हैं."

उन्होंने कहा, "ऐसी वारदातें मणिपुर, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा में भी हुई हैं. वहां भी सरकारों को सख़्त क़दम उठाने चाहिए. हमारे राज्य में हमने एक-दो महीने में चार्जशीट दायर की और अदालत ने दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाई."

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को अपने छात्रों, ख़ासकर छात्राओं की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने यह भी दोहराया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को "कड़ी से कड़ी सज़ा" दी जाएगी.

विपक्षी पार्टियां क्या बोलीं? image Getty Images पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि ममता सरकार में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है

ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर इस घटना की निंदा की.

उन्होंने लिखा, "ओडिया छात्रा के साथ पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में गैंगरेप की दुर्भाग्यपूर्ण घटना घोर निंदनीय और पीड़ादायी है. ये ख़बर सुनकर मैं गहरे सदमे में हूं. इस संवेदनशील मामले में मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से ये मांग करता हूं कि वह अभियुक्तों के ख़िलाफ़ क़ानून के तहत ऐसी कार्रवाई करें, जो मिसाल बने."

उन्होंने कहा, "मैं पीड़िता के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. साथ ही, मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को ये निर्देश दिया है कि वे पश्चिम बंगाल सरकार से संपर्क करें और ज़रूरी कदम उठाएं. पीड़िता के परिवार को ओडिशा सरकार की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी."

पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना पर कहा, "ममता बनर्जी की सरकार में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है. पुलिस पूरी तरह से राजनीतिक पक्षपात के साथ काम करती है. पुलिस का एजेंडा सिर्फ़ ममता बनर्जी और उनके भ्रष्ट भतीजे को प्रोटेक्ट करना है."

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वहीं, समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, "पश्चिम बंगाल में दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है. खाली पश्चिम बंगाल में ही नहीं देश भर में महिलाओं के ख़िलाफ़ इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. "

वहीं झारखंड में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा, "बंगाल में सरकार जिस तरह से गुंडागर्दी करती है. सरकार के विरोध में कोई आवाज़ सुनना नहीं चाहते. घटनाएं होती थीं लेकिन वे घटनाएं दबा देते थे. कानून-व्यवस्था पहले से वहां बिगड़ी हुई है."

राज्य सरकार ने क्या कहा? image Getty Images पश्चिम बंगाल की महिला और बाल कल्याण मंत्री शशि पांजा ने कहा है कि मामले की जांच जारी है और बीजेपी को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए

पश्चिम बंगाल सरकार की मंत्री शशि पांजा ने इस घटना पर एक वीडियो जारी किया है.

उन्होंने इसमें कहा, "दुर्गापुर के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई. गैंगरेप का आरोप है. पुलिस जांच कर रही हैं. जांच चल रही है. विक्टिम के माता-पिता ओडिशा से आए हैं और उन्होंने जांच पर भरोसा जताया है. पीड़िता की देखभाल की जा रही है. मेडिकल और साइकोलॉजिकल काउंसलिंग, चेकअप हो रहे हैं. उनका बयान भी बहुत महत्वपूर्ण है."

शशि पांजा ने कहा, "बीजेपी एक पॉलिटिकल पार्टी है और महिलाओं के ख़िलाफ़ इस तरह के अपराधों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. दुर्भाग्य से, बीजेपी हमेशा राजनीति के चश्मे से ही देखती है जो गै़र ज़रूरी है. हमें ये दोहराने की ज़रूरत नहीं कि कोलकाता भारत के सुरक्षित मेट्रोपॉलिटन शहरों में से एक है. हमें ये दोहराने की ज़रूरत नहीं कि पश्चिम बंगाल महिलाओं और बच्चियों के सशक्तीकरण के लिए काम करता है. "

"हम ये दोहराना नहीं चाहते क्योंकि सब जानते हैं कि मुख्यमंत्री महिलाओं के ख़िलाफ़ किसी भी तरह के अन्याय से समझौता नहीं करेंगी. हमें जांच पूरी होने तक इंतज़ार करना होगा. और बीजेपी को राजनीति करने या इसका राजनीतिक फ़ायदा उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए."

पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बीते कुछ समय से घिरती दिख रही है.

ख़ासतौर पर कोलकाता के कॉलेज परिसर में हुए बलात्कार के दो मामलों के सामने आने के बाद.

इसी साल जुलाई में कोलकाता के एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था. इस मामले में आरोप कॉलेज के ही पूर्व छात्र पर लगा, जिनके साथ दो मौजूदा स्टूडेंट और एक सिक्योरिटी गार्ड को गिरफ़्तार किया गया था.

वहीं, बीते साल अगस्त में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसके बाद उनकी हत्या के विरोध में कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन हुए थे.

इस मामले में कॉलेज में ही काम करने वाले संजय रॉय को गिरफ़्तार किया गया था और उम्रकैद की सज़ा हुई थी.

(कोलकाता से स्थानीय पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी के इनपुट के साथ)

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