अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है.
उन्होंने भारत को 'टैरिफ़ का महाराजा' करार दिया और आरोप लगाया कि भारत की व्यापार नीतियाँ अमेरिकी कामगारों के लिए नुकसानदेह हैं.
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर तनाव बना हुआ है. अमेरिका ने भारत पर 50% तक टैरिफ़ लगाया है, जिसमें रूस से जुड़े लेन-देन पर 25 फ़ीसदी की पेनल्टी भी शामिल है
तब भारत ने अमेरिकी टैरिफ़ को "अनुचित और अव्यावहारिक" बताते हुए साफ़ कर दिया था कि वह अपने 140 करोड़ नागरिकों के हित में 'जहाँ से भी सस्ता तेल मिलेगा, ख़रीदना जारी रखेगा.'
हालांकि, इसी बीच दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता होने वाली है, जिससे हालिया तनातनी के बाद संबंधों में किसी प्रगति की उम्मीद जताई जा रही है.
अमेरिकी दक्षिण एशिया मामलों के व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच मंगलवार को एक दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली आएंगे.
यह बैठक द्विपक्षीय व्यापार चर्चा प्रक्रिया का हिस्सा होगी और इससे व्यापार गतिरोध को तोड़ने की कोशिश की जाएगी.
पीटर नवारो ने अपने ताज़ा बयान में क्या कहा?वहीं, सोमवार (15 सितंबर) को में पीटर नवारो ने भारत पर फिर से कड़ी टिप्पणी की.
उन्होंने कहा, "यूक्रेन पर हमले के तुरंत बाद से ही भारतीय रिफ़ाइनर रूसी रिफ़ाइनरों के साथ साँठ-गाँठ में थे. वे हमारे साथ ग़लत तरीके से व्यापार करके पैसा कमाते हैं और इसकी मार कई अमेरिकी कामगारों पर पड़ती है. वह (भारत) उसी पैसे से रूसी तेल ख़रीदता है, और रूसी उस पैसे का इस्तेमाल हथियार ख़रीदने में करते हैं."
नवारो ने कहा, "भारत के लिए चीन लंबे समय से एक गंभीर ख़तरा रहा है, ऐसे में मोदी को चीन और पुतिन के साथ मंच पर देखना काफ़ी दिलचस्प था. मुझे नहीं लगता कि मोदी वहाँ ख़ुद को सहज महसूस कर रहे थे."
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- "रूसी तेल से भारत में 'ब्राह्मण' कमा रहे मुनाफ़ा"- ट्रंप के सलाहकार ने फिर साधा निशाना
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हाल ही में नवारो तब भारत में चर्चा का विषय बने जब उन्होंने कहा था कि'ब्राह्मण' भारतीय लोगों की क़ीमत पर मुनाफ़ाकमा रहे हैं और इसे 'रोकने' की ज़रूरत है..
फ़ॉक्स न्यूज़ सन्डे को दिए एक इंटरव्यू में नवारो ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी एक महान नेता हैं. मुझे समझ नहीं आता कि भारतीय नेता रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ कैसे सहयोग कर सकते हैं, जबकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है."
उन्होंने आगे कहा, "तो मैं बस इतना ही कहूँगा: भारतीय लोगों, कृपया समझें कि यहाँ क्या हो रहा है. ब्राह्मण भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफ़ा कमा रहे हैं. हमें इसे रोकना होगा."
नवारो के इन बयानों की भारत में कड़ी आलोचना हुई. भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नवारो के 'ब्राह्मणों की मुनाफ़ाखोरी' वाले बयान को ब्रिटिश राज की 'फूट डालो और राज करो' की नीति जैसा करार दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी नवारो की टिप्पणियों को "गलत और भ्रामक" बताते हुए उन्हें सख़्ती से ख़ारिज किया.
नवारो की एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भी हाल ही में विवाद हुआ.
उन्होंने एक्स पर भारत के ख़िलाफ़ एक तीखा पोस्ट लिखा, जिसमें कहा गया कि "भारत की ऊँची टैरिफ़ दरें अमेरिकी नौकरियों को प्रभावित करती हैं. भारत महज़ मुनाफ़े के लिए रूस से तेल ख़रीदता है और यह पैसा रूस की युद्ध मशीन को जाता है. इससे यूक्रेनी और रूसी लोग मारे जा रहे हैं और अमेरिकी करदाताओं को और ज़्यादा पैसा ख़र्च करना पड़ रहा है. भारत सच्चाई नहीं मानता और केवल कहानी घुमाता है."
इस पोस्ट पर एक्स ने कम्युनिटी नोट के तहत एक फ़ैक्ट-चेक जोड़ दिया. कंपनी के अनुसार ये कम्युनिटी नोट प्लेटफ़ॉर्म के यूज़र्स की तरफ़ से लगाए जाते हैं, न कि सीधे एक्स मैनेजमेंट की तरफ़ से.
कम्युनिटी नोट में नवारो के दावे का खंडन करते हुए लिखा गया, "भारत रूस से तेल अपनी ज़रूरत पूरी करने के लिए ख़रीद रहा है, सिर्फ़ फायदे के लिए नहीं. यह किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं है. भारत कुछ वस्तुओं पर टैरिफ़ लगाता है, लेकिन अमेरिका को भारत के साथ सेवाओं के व्यापार में अधिक कमाई होती है. साथ ही अमेरिका ख़ुद भी रूस से कुछ सामान आयात करता है, जो दोहरा रवैया दिखाता है."
अपनी पोस्ट पर इस तरह का कम्युनिटी नोट देख कर नवारो भड़क गए. उन्होंने पलटकर एक्स पर लिखा कि "भारतीय सरकार का प्रचार तंत्र पूरी ताक़त से काम कर रहा है", और एलन मस्क पर ऐसे "प्रचार" को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.
अमेरिकी राजनीति, ख़ासकर व्यापार नीतियों की चर्चा हो तो पीटर नवारो का नाम अक्सर सामने आता है.
उन्हें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भरोसेमंद आर्थिक सलाहकार माना जाता है. ट्रंप प्रशासन की आर्थिक दिशा तय करने में नवारो की नीतियों ने अहम भूमिका निभाई है.
पीटर नवारो का जन्म 15 जुलाई 1949 को मैसाचुसेट्स, अमेरिका में हुआ था. उन्होंने टफ्ट्स यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री हासिल की और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी पूरी की. लंबे समय तक नवारो यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया में अर्थशास्त्र और पब्लिक पॉलिसी (सार्वजनिक नीति) के प्रोफ़ेसर रहे.
इस दौरान उन्होंने वैश्विक व्यापार, मैन्युफ़ैक्चरिंग और चीन की आर्थिक नीतियों पर कई किताबें लिखीं.

2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप की टीम ने नवारो को आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल किया. जैराड कुशनर की सिफ़ारिश पर नवारो को ट्रंप का मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया.
ट्रंप प्रशासन में नवारो ने अमेरिकी विनिर्माण उद्योग को मजबूत बनाने और चीन के ख़िलाफ़ सख़्त रुख अपनाने की रणनीति तैयार की.
कैपिटल हिल पर हुई हिंसा की जाँच कर रही अमेरिकी कांग्रेस की समिति के सामने नवारो पेश नहीं हुए थे. इस मामले में उन्हें 'कंटेंप्ट ऑफ़ कांग्रेस' (कांग्रेस की अवमानना) का दोषी ठहराया गया और चार महीने की जेल की सज़ा हुई.
इसके बावजूद 2025 में ट्रंप की दूसरी पारी शुरू होने के बाद नवारो को फिर से व्यापार सलाहकार नियुक्त किया गया.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
- ट्रंप बोले भारत टैरिफ़ कटौती को तैयार, पीटर नवारो ने फिर साधा मोदी पर निशाना
- टैरिफ़ लागू होने के बाद भी भारत पर क्यों बरस रहे हैं ट्रंप के ये सलाहकार?
- 'आख़िरकार हमें साथ आना ही है', क्या अमेरिकी मंत्री का ये बयान है टैरिफ़ पर नरमी का संकेत?
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