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पाहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी का कड़ा संदेश: आतंकियों को मिलेगी सज़ा, पाकिस्तान से रिश्ते सीमित किए | cliQ Latest

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की रैली में भावुक और सख्त प्रतिक्रिया दी। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत हर आतंकी, उसके मददगार और सरपरस्त को खोजेगा और सज़ा देगा। उन्होंने पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सीधा संदेश दिया कि आतंक अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब शब्दों से आगे बढ़कर कूटनीतिक और सामरिक स्तर पर ठोस कदम उठा रहा है।

पीएम मोदी ने हिंदी में बोलते हुए कहा कि भारत अब आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में है और फिर अंग्रेज़ी में दुनिया से कहा—“India will identify, track and punish every terrorist and their backers. We will pursue them till the end of the Earth.” उन्होंने चेतावनी दी कि इस हमले के ज़िम्मेदारों को “कल्पना से परे” सज़ा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़ देगी। साथ ही, उन्होंने दुनिया के उन देशों का धन्यवाद भी किया जो भारत के साथ खड़े हैं। घायल लोगों के इलाज और मृतकों के परिजनों को सहयोग देने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की जवाबी कार्रवाई
भारत ने केवल बयानबाज़ी तक ही सीमित नहीं रहते हुए सीधे कार्रवाई की है। हमले के अगले ही दिन भारत ने पाकिस्तान के लिए SAARC वीज़ा छूट योजना रद्द कर दी और इसके तहत भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया।

कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक के बाद भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में राजनयिक कर्मियों की संख्या घटाकर 30-30 करने का फैसला लिया गया। साथ ही, दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात सभी सैन्य सलाहकारों को ‘persona non grata’ घोषित कर एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है। इसी के साथ भारत ने भी अपने सैन्य सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुलाने का फैसला लिया है। अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।

सबसे बड़ा कदम यह रहा कि भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह निर्णय पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद का समर्थन समाप्त करने की शर्त पर निर्भर होगा। जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार, यह हमला सीमा पार मौजूद हैंडलरों के निर्देश पर अवैध हथियारों से किया गया था, जिससे भारत की कूटनीतिक रणनीति को और मज़बूती मिली है।

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