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Bitcoin ने बनाया नया रिकॉर्ड, कीमत ₹95.50 लाख के पार! जानिए बिटकॉइन क्या है, ये कैसे काम करता है, इसके फायदे-नुकसान क्या हैं

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नई दिल्ली: बिटकॉइन की कीमत ने आज एक नया रिकॉर्ड बना लिया है. अब एक बिटकॉइन की कीमत $1.10 लाख डॉलर, यानी करीब ₹95.50 लाख हो गई है. 2009 में जब इसे पहली बार शुरू किया गया था, तब इसकी कीमत केवल 0.0041 डॉलर थी. सोचिए, अगर उस समय आपने 10-20 पैसे भी बिटकॉइन में लगाए होते, तो आज वह निवेश लाखों में बदल चुका होता.आज इस आर्टिकल में हम बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं बिटकॉइन क्या है, ये कैसे काम करता है, इसके फायदे-नुकसान क्या हैं. 1. बिटकॉइन क्या है?सोचिए, जैसे हमारे पास 10 रुपए, 100 रुपए के नोट होते है वैसे ही बिटकॉइन भी एक तरह की करेंसी (मुद्रा) है. बस फर्क इतना है ये नोट या सिक्का नहीं है, ये सिर्फ डिजिटल है, मतलब सिर्फ ऑनलाइन मौजूद है.इसे कोई बैंक, कोई सरकार नहीं चलाती. इसका कोई मालिक नहीं होता. इसीलिए इसे डीसेंट्रलाइज कहा जाता है और क्योंकि इसकी मात्रा भी सीमित है (सिर्फ 21 मिलियन बिटकॉइन) इसीलिए इसे “डिजिटल सोना” कहा जाता है. 2. बिटकॉइन कैसे काम करता है?अगर आप किसी दोस्त को पैसे भेजना चाहते हैं. बैंक में ट्रांसफर करने के लिए आपको बैंक की ज़रूरत पड़ती है. लेकिन बिटकॉइन में ऐसा नहीं है.यह एक तकनीक पर काम करता है जिसका नाम है ब्लॉकचेन (Blockchain).ब्लॉकचेन को ऐसे समझिए जैसे एक बड़ा रजिस्टर जिसमें दुनिया भर के सारे बिटकॉइन ट्रांजैक्शन लिखे जाते हैं. इस रजिस्टर की कॉपी हजारों कंप्यूटरों पर होती है और ये सब मिलकर चेक करते हैं कि जो लेनदेन हो रहा है, वह सही है या नहीं. 3. माइनर्स कौन होते हैं और क्या करते हैं?जब आप किसी को बिटकॉइन भेजते हैं, तो उस ट्रांजैक्शन को कंप्यूटर पर चेक करने और ब्लॉकचेन में जोड़ने का काम माइनर्स करते हैं. माइनर्स अपने कंप्यूटर से गणित के सवाल हल करते हैं और जब सही हल मिल जाता है, तो उन्हें इनाम के तौर पर नए बिटकॉइन मिलते हैं, इसे ही कहते हैं माइनिंग. 4. ब्लॉकचेन क्या है?ब्लॉकचेन मतलब हर ब्लॉक में बहुत सारे ट्रांजैक्शन की जानकारी होती है. जब एक ब्लॉक पूरा भर जाता है, तो वो अगले ब्लॉक से जुड़ जाता है और ऐसे ही ये चेन बनती जाती है. क्योंकि ये डेटा हज़ारों कंप्यूटरों में सेव होता है, इसलिए इसे हैक करना लगभग नामुमकिन होता है. 5. बिटकॉइन को डिजिटल सोना क्यों कहते हैं?बिलकुल वैसे ही जैसे सोना लिमिटेड होता है वैसे ही बिटकॉइन की संख्या भी लिमिटेड है. सिर्फ 2.1 करोड़ बिटकॉइन ही बन सकते हैं, इससे ज़्यादा नहीं. जैसे अगर कोई देश बहुत ज़्यादा नोट छाप दे, तो उसकी कीमत गिर जाती है. लेकिन बिटकॉइन लिमिटेड है इसलिए इसकी वैल्यू बनी रहती है. 6. बिटकॉइन और फिएट करेंसी (जैसे रुपये) में क्या फर्क है?फिएट करेंसी मतलब — जो सरकार छापती है, जैसे हमारा ₹500 का नोट. सोचिए अगर सरकार एक दिन बोले कि ये नोट बंद है (जैसे नोटबंदी में हुआ), तो उसका कोई मतलब नहीं रह जाता लेकिन बिटकॉइन को सरकार कंट्रोल नहीं करती और इसकी वैल्यू इस पर नहीं टिकी कि कोई उसे मान्यता दे या नहीं ये खुद में वैल्यू रखता है, क्योंकि ये दुर्लभ और डिजिटल है. 7. क्या बिटकॉइन रिस्की है?हां, बिटकॉइन में रिस्क है इसकी कीमत बहुत तेज़ी से ऊपर-नीचे होती है.अगर आप अपना पासवर्ड भूल गए, तो बिटकॉइन खो सकते हैं.कुछ देश इस पर पाबंदी भी लगा सकते हैं. 8. बिटकॉइन के फायदे और नुकसान फायदे
  • किसी सरकार का कंट्रोल नहीं
  • ट्रांसपेरेंट सिस्टम (ब्लॉकचेन)
  • विदेश में पैसे भेजने का सस्ता और तेज़ तरीका
  • महंगाई से बचाव क्योंकि ये लिमिटेड है
नुकसान
  • बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव
  • हर जगह इसे एक्सेप्ट नहीं किया जाता
  • अवैध कामों में भी इस्तेमाल हो सकता है
9. बिटकॉइन का भविष्य क्या है?अगर आगे चलकर ज्यादा लोग और कंपनियां बिटकॉइन को अपनाते हैं, अगर सरकारें इसे साफ-सुथरे तरीके से रेगुलेट करती हैं और अगर इसकी तकनीक और मजबूत होती है तो बिटकॉइन डिजिटल दुनिया की आम करेंसी बन सकता है.लेकिन जब तक ये सब नहीं होता तब तक इसमें समझदारी से, सोच-समझकर निवेश करना चाहिए.
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