नई दिल्ली: टाटा ग्रुप की मेटल कंपनी Tata Steel Ltd के स्टॉक में बुधवार को तेज़ी देखने को मिली. स्टॉक में 2 प्रतिशत से ज़्यादा की तेज़ी देखी गई, जिससे स्टॉक ने 186.94 रुपये के इंट्राडे हाई लेवल को टच किया. पिछले छह ट्रेडिंग सेशन से यह स्टॉक तेज़ी दिखा रहा है और इस दौरान इसमें 9 प्रतिशत की तेज़ी देखी गई है. यह तेज़ी इसलिए देखने को मिल रही है क्योंकि मोतीलाल ओसवाल समेत कई ब्रोकरेज फर्मों ने स्टॉक को खरीदने की सलाह दी है.
मोतीलाल ओसवाल ने क्या कहा?घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने स्टॉक पर अपनी रेटिंग को अपग्रेड करके अब इसे खरीदने की सलाह दी है. इसके लिए ब्रोकरेज ने 210 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है. यह टारगेट प्राइस स्टॉक के पिछले बंद भाव 182 रुपये से 15.3 प्रतिशत की तेज़ी की संभावना को दिखाता है.
मोतीलाल ओसवाल ने 27 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की सबसे बड़ी स्टील कंपनियों में से एक, टाटा स्टील को स्टील की ऊँची कीमतों, ऑपरेशन में बेहतर ताकत और भारत में मज़बूत माँग से लाभ होने की संभावना है. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रस्तावित सेफगार्ड ड्यूटी से टाटा स्टील को अपने भारतीय कारोबार से बेहतर प्रॉफिट कमाने में मदद मिलेगी.
मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि टाटा स्टील की बढ़ोतरी दर में और तेज़ी आएगी क्योंकि कंपनी अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ा रही है. टाटा स्टील की योजना भारत में अपनी स्टील बनाने की क्षमता को वित्त वर्ष 2025 के 26.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2030 तक 40 MTPA करने की है.
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्लोबल टैरिफ को लेकर अनिश्चितता के कारण कुछ शॉर्टटर्म समस्याएँ हो सकती हैं, फिर भी लॉन्गटर्म के लिए उनका नज़रिया पॉजिटिव है. उनका मानना है कि टाटा स्टील का भारतीय कारोबार अच्छा प्रदर्शन करता रहेगा और अगर कंपनी के यूरोपीय ऑपरेशन में सुधार होता है, तो इससे टाटा स्टील के समग्र मुनाफे में और बढ़ोतरी होगी.
वित्तीय वर्ष 2026 और 2027 के दौरान भारत में स्टील की मांग में 8-10% की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. यह बढ़ोतरी मजबूत समग्र मांग, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर सरकारी खर्च और स्टील इंडस्ट्री में बेहतर स्थितियों से प्रेरित होगी.
भारतीय स्टील निर्माताओं की सुरक्षाभारतीय स्टील निर्माताओं की सुरक्षा करने के लिए, सरकार ने विदेशों से आने वाले फ्लैट स्टील प्रोडक्ट्स पर 12% सेफगार्ड ड्यूटी (अतिरिक्त कर) लगाने का सुझाव दिया है. इस कदम से भारतीय बाजार में स्टील की कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलने की उम्मीद है.
कंपनी का नया स्टील प्लांटकंपनी ने कलिंगनगर में 5 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) क्षमता वाला एक नया स्टील प्लांट शुरू किया है, जिससे 27,000 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद उस प्लांट की कुल क्षमता बढ़कर 8 एमटीपीए हो गई है. अगले चरण (चरण III विस्तार) में, कंपनी प्लांट की क्षमता को और भी बढ़ाकर 13 एमटीपीए करने की योजना बना रही है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
मोतीलाल ओसवाल ने क्या कहा?घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने स्टॉक पर अपनी रेटिंग को अपग्रेड करके अब इसे खरीदने की सलाह दी है. इसके लिए ब्रोकरेज ने 210 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है. यह टारगेट प्राइस स्टॉक के पिछले बंद भाव 182 रुपये से 15.3 प्रतिशत की तेज़ी की संभावना को दिखाता है.
मोतीलाल ओसवाल ने 27 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की सबसे बड़ी स्टील कंपनियों में से एक, टाटा स्टील को स्टील की ऊँची कीमतों, ऑपरेशन में बेहतर ताकत और भारत में मज़बूत माँग से लाभ होने की संभावना है. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रस्तावित सेफगार्ड ड्यूटी से टाटा स्टील को अपने भारतीय कारोबार से बेहतर प्रॉफिट कमाने में मदद मिलेगी.
मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि टाटा स्टील की बढ़ोतरी दर में और तेज़ी आएगी क्योंकि कंपनी अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ा रही है. टाटा स्टील की योजना भारत में अपनी स्टील बनाने की क्षमता को वित्त वर्ष 2025 के 26.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2030 तक 40 MTPA करने की है.
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्लोबल टैरिफ को लेकर अनिश्चितता के कारण कुछ शॉर्टटर्म समस्याएँ हो सकती हैं, फिर भी लॉन्गटर्म के लिए उनका नज़रिया पॉजिटिव है. उनका मानना है कि टाटा स्टील का भारतीय कारोबार अच्छा प्रदर्शन करता रहेगा और अगर कंपनी के यूरोपीय ऑपरेशन में सुधार होता है, तो इससे टाटा स्टील के समग्र मुनाफे में और बढ़ोतरी होगी.
वित्तीय वर्ष 2026 और 2027 के दौरान भारत में स्टील की मांग में 8-10% की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. यह बढ़ोतरी मजबूत समग्र मांग, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर सरकारी खर्च और स्टील इंडस्ट्री में बेहतर स्थितियों से प्रेरित होगी.
भारतीय स्टील निर्माताओं की सुरक्षाभारतीय स्टील निर्माताओं की सुरक्षा करने के लिए, सरकार ने विदेशों से आने वाले फ्लैट स्टील प्रोडक्ट्स पर 12% सेफगार्ड ड्यूटी (अतिरिक्त कर) लगाने का सुझाव दिया है. इस कदम से भारतीय बाजार में स्टील की कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलने की उम्मीद है.
कंपनी का नया स्टील प्लांटकंपनी ने कलिंगनगर में 5 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) क्षमता वाला एक नया स्टील प्लांट शुरू किया है, जिससे 27,000 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद उस प्लांट की कुल क्षमता बढ़कर 8 एमटीपीए हो गई है. अगले चरण (चरण III विस्तार) में, कंपनी प्लांट की क्षमता को और भी बढ़ाकर 13 एमटीपीए करने की योजना बना रही है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
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