भारतीयों के पास 34,600 टन गोल्ड है. (फाइल फोटो)
सोने की कीमतों में हालिया वृद्धि ने भारतीय परिवारों के पास रखे सोने का मूल्य लगभग 3.8 ट्रिलियन डॉलर, यानी करीब ₹315 लाख करोड़ तक पहुंचा दिया है। यह आंकड़ा देश की GDP का लगभग 88.8% है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि ने घरों की कुल संपत्ति पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। वर्तमान में भारतीय परिवारों के पास लगभग 34,600 टन सोना है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत इस समय दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसकी GDP लगभग 4.18 ट्रिलियन डॉलर है। वहीं, पाकिस्तान की GDP लगभग 375 बिलियन डॉलर है। इस प्रकार, भारतीयों के पास पाकिस्तान की GDP से 10 गुना अधिक मूल्य का सोना है।
सरकार के उपायों का प्रभाव सरकार के कदम से बढ़ी आय
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि सोने से मिलने वाला धन और भी बढ़ गया है, क्योंकि ब्याज दरों में कमी के चलते लोन पर ब्याज का बोझ कम हुआ है। इसके अलावा, हाल ही में की गई आयकर कटौती से लोगों की खर्च करने योग्य आय में वृद्धि हुई है। सरकार ने GST दरों में भी कटौती की है, जिसका उद्देश्य लोगों की आय को बढ़ाना है।
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सोने की कीमतों में वृद्धि सोने की कीमतों में इतनी तेजी
इस वर्ष अब तक सोने की कीमतों में 61.8% की वृद्धि हुई है, और यह ₹1.27 लाख प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2024 से अब तक लगभग 75 टन सोना खरीदा है, जिससे इसके कुल भंडार 880 टन हो गए हैं। यह भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का लगभग 14% है।
शेयर बाजार में उछाल शेयर मार्केट में भी तेजी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि घरों की वित्तीय बचत में शेयर बाजार की हिस्सेदारी FY24 में 8.7% से बढ़कर FY25 में 15.1% के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, बैंकों में जमा की हिस्सेदारी FY24 के 40% से घटकर FY25 में 35% हो गई है। महामारी से पहले यह लगभग 46% थी। मॉर्गन स्टैनली का अनुमान है कि भविष्य में घरेलू निवेश में इक्विटी की हिस्सेदारी और बढ़ेगी, क्योंकि भारत की युवा जनसंख्या और निवेश शिक्षा तेजी से बढ़ रही है।
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