SBI New IPO: पब्लिक सेक्टर के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की तरफ से एक और आईपीओ लाने का ऐलान किया गया है. बैंक की तरफ से गुरुवार को ऐलान किया गया कि बैंक सब्सिडियरी कंपनी एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड (SBIMFL) में 6.3 प्रतिशत हिस्सेदारी आईपीओ (IPO) के जरिये बेचने जा रहा है. इस कदम के साथ बैंक को पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी. देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर के बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार ईसीसीबी ने 3,20,60,000 इक्विटी शेयर को आईपीओ के जरिये बेचने को मंजूरी दी है. यह कंपनी की कुल हिस्सेदारी का 6.3007 प्रतिशत है.
अंतिम फैसला अभी रेग्युलेटरी से मंजूरी के तहत
हालांकि, यह फैसला अभी अंतिम रूप से नहीं हुआ है. यह फैसला सभी रेग्युलेटरी से मंजूरी के अधीन रहेगा. एसबीआईएफएमएल (SBIMFL) की दूसरी प्रमोटर कंपनी अमुंडी इंडिया होल्डिंग भी अपने 1,88,30,000 इक्विटी शेयर की बिक्री करेगी. जो कि एसबीआईएफएमएल की कुल इक्विटी पूंजी का 3.7006 प्रतिशत है. यानी कुल 10.0013 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ 5,08,90,000 शेयर लिस्ट किये जाएंगे. एसबीआईएफएमएल (SBIMFL) की पहचान भारत की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड मैनेजमेंट कंपनियों में से एक के रूप में होती है.
SBIMFL का मार्केट शेयर 15.55 प्रतिशत
एसबीआईएफएमएल (SBIMFL) का मार्केट शेयर 15.55 प्रतिशत है और यह एसबीआई म्यूचुअल फंड्स की अलग-अलग स्कीमों के तहत 11.99 ट्रिलियन रुपये के तिमाही औसत एसेट अंडर मैनेजमेंट और अल्टरनेटिव्स के तहत 16.32 ट्रिलियन रुपये के एयूएम को मैनेज करती है. मौजूदा समय में एसबीआई और अमुंडी इंडिया होल्डिंग के पास एसबीआईएफएमएल (SBIMFL) में क्रमश: 61.91 प्रतिशत और 36.36 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.
SBI की तीसरी सब्सिडियरी कंपनी की होगी लिस्टिंग
एसबीआईएफएमएल (SBIMFL) के दोनों प्रमोटर्स ने मिलकर आईपीओ शुरू किया है, जिसके 2026 में पूरे होने की उम्मीद की जा रही है. एसबीआई के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु शेट्टी ने इस दौरान कहा कि एसबीआई कार्ड्स और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के बाद एसबीआईएफएमएल एसबीआई की तीसरी सब्सिडियरी कंपनी होगी, जो लिस्ट होने जा रही है. बीते कुछ वर्षों से ‘एसबीआईएफएमएल’ के लगातार मजबूत प्रदर्शन और मार्केट लीडरशिप को देखते हुए यह एक आईपीओ प्रॉसेस लॉन्च करने का एक सही समय माना जा रहा है.’
एसबीआई म्यूचुअल फंड की स्थापना 1987 में एसबीआई के स्पॉन्सरशिप के साथ हुई थी, जो कि भारत का पहला नॉन-यूटीआई म्यूचुअल फंड था. 1992 में अलग-अलग एसेट क्लास में इन्वेस्टमेंट सॉल्यूशन के उद्देश्य से एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड को एसबीआई की पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में एसबीआई म्यूचुअल फंड्स के लिए इन्वेस्टमेंट मैनेजर के तौर पर शामिल किया गया.
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