Gold Rate: दीवाली बीतने के बाद से सोने की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. सोना लगातार सस्ता हो रहा है. सोने की कीमत अपने पीक हाई से 13000 रुपये तक गिर चुकी है. जो सोना 17 अक्टूबर को 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को छू रहा था, अब वो लुढ़ककर 1.19 लाख रुपये पर पहुंच गया है. सोने की कीमत में जारी ये गिरावट उन लोगों के लिए बड़ी राहत है, जिनके घर आने वाले दिनों में शादी-ब्याह होने वाली है. सोने की कीमत में जारी इस भारी गिरावट के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि ये सोना कितना सस्ता होगा ? क्या सोना 1 लाख रुपये के आंकड़े से फिसल पाएगा? आने वाले दिनों में सोने की कीमत और गिरेगी या फिर सोना चढ़ जाएगा?
सोना कितना सस्ता हुआ ?
सोने-चांदी के दाम में भारी गिरावट देखने को मिली. हालांकि बुधवार, 29 अक्टूबर को सोने की कीमत में एक बार फिर से बढ़त देखने को मिली है, लेकिन बीते 8 दिनों में सोना 13 हजार तक सस्ता हो चुका है. इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम सोने की कीमत 118874 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच चुकी है. करीब दो हफ्तों में सोने की कीमतों में करीब 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है. MCX पर सोने की कीमतें अपने पीक से करीब 13 हजार रुपए प्रति दस ग्राम तक गिर गई हैं.
क्या सोने की कीमतें और गिरेंगी ?
सोने की कीमत और गिरेगी या फिर गोल्ड एक बार फिर से बाउंसबैक करेगा ? ये सवाल लोगों को सता रहा है. अगर जानकारों की माने तो सोने की कीमत में दोनों ही बातें संभव हो सकती है. हालांकि अगले कुछ दिन सोने की कीमत पर मुनाफावसूली का असर दिख सकता है. मौजूदा समय में गोल्ड को गिराने की संभावना बनी हुई है. दरअसल भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं. खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वो जल्द भारत के साथ बड़ी ट्रेड डील कर सकते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी की है. उम्मीद है कि भारत औपर अमेरिका के बीच ट्रेड डील को अंतिम रूप जल्द मिल जाएगा. सोने के गिरते दाम से अभी खुश हो ही रहे थे कि ट्रंप ने फिर खेला कर दिया, रूसी तेल की ‘आग’ से फिर तपेगा सोना, चढ़ेगा भाव
अमेरिकी फैक्टर का सोने पर असर
अगर भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील होती है तो सोने की कीमत पर दवाब और बढ़ सकता है. ट्रेड डील की स्थिति में शेयर बाजार को बल मिलेगा. निवेशक शेयर बाजार से पैसा निकालकर सोने में निवेश बढ़ा सकते हैं. ट्रेडर्स की माने तो संभावित भारत-अमेरिका ट्रेड डील और अमेरिका-चीन व्यापार समझौते को लेकर आशावाद सोने से हटकर शेयरों और जोखिम भरी संपत्तियों में निवेश को बढ़ा सकते हैं. ऐसे में सोने की कीमत में गिरावट आ सकती है, हालांकि निवेशक केवल इसी फैक्टर पर नजर नहीं रख रहे हैं. फेडरल रिजर्व की आगामी ब्याज दर निर्णय सोने की चाल को काफी प्रभावित कर सकता है.अगर फेडरल की ओर से ब्याज दरों में कटौती होती है तो गोल्ड की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है .
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