दुख और परेशानी हर किसी के जीवन में आती है। कई बार हम इतनी बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं कि हार मान लेते हैं। लेकिन एक सकारात्मक सोच आपको बड़ी से बड़ी मुसीबत से भी बाहर निकाल सकती है। आपको बस अपने अंदर या आसपास की नकारात्मकता को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना है। चलिए इस बात को एक कहानी से समझते हैं।
कुएं में जा गिरा बूढ़ा गधा, ऐसे निकला बाहरएक समय की बात है। एक गांव में एक किसान रहता था। उसके पास कई जानवर थे, जिसमें एक बूढ़ा गधा भी था। एक दिन वह गधा सूखे कुएं में जा गिरा। उसने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया। आसपास के लोग आवाज सुन आए और किसान को गधे के कुएं में गिरने की बार बताई।
किसान जब कुएं के पास आया तो देखा कि कुएं से गधे को निकालना बड़ा मुश्किल है। इसके लिए बहुत मेहनत करनी होगी। फिर उसके मन में ये ख्याल भी आया कि ये गधा तो अब बूढ़ा हो गया है। उसे निकालने के लिए इतनी मेहनत और समय की बर्बादी क्यों करे।
किसान गांव वालों से बोला “मेरे ख्याल से गधे को बाहर नहीं निकाला जा सकता है। समय गवाने का कोई मतलब नहीं है। आप अपने अपने काम पर लग जाइए।” यह सुन एक मजदूर बोला “भाई इस गधे ने तुम्हारी जिंदगीभर सेवा की है। तुम उसे ऐसे तड़प-तड़प कर मरने के लिए कैसे छोड़ सकते हो? कम से कम हम उसे कुएं में ही मिट्टी डालकर दफना देते हैं।”
किसान इस बात के लिए राजी हो गया। नीचे गधा ये सारी बातें सुन रहा था। वह बहुत डर गया। उसे यकीन हो गया कि मालिक अब उसे नहीं बचाएगा। कुछ देर डरने के बाद उसने खुद को संभाला और मन ही मन तय कर लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए वह खुद को इस कुएं में यूं ही मरने नहीं देगा।
अब ग्रामीणों ने एक के बाद एक मिट्टी की बोरियाँ कुएं में डालना शुरू किया। हालांकि जैसे ही ये मिट्टी गधे को छूती वह तेजी से उछाल मारता और बाहर आने की कोशिश करता। किसान अब समझ गया कि मिट्टी डालते रहे तो ये गधा बाहर आ सकता है। फिर उसने और मिट्टी डाली। देखते ही देखते हर बार गधे की उछाल पहले से अधिक होने लगी और अंत में वह कूद कर बाहर आ गया।
कहानी की सीखजीवन में हम कितनी भी बुरी परिस्थितियों में फंस जाए, लेकिन हमे कभी हार नहीं मानना चाहिए। डिप्रेशन में जाने की बजे सोच समझकर उस समस्या का हल निकालना चाहिए। एक पॉजिटिव सोच आपको दुनिया की बड़ी से बड़ी मुसीबत से भी बाहर निकाल सकती है।
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