एक महात्मा मर रहा था शिष्य ने उससे पूछा गुरुवार आप कोई अंतिम संदेश दीजिए गुरु ने आंखें खोली और इतना कहा मेरे शिष्य जिंदगी में तुम सब करना पर ‘बिल्ली मत पालना’ इतना कहते ही गुरु श्री चरणों में विलीन हो गए।
व्याख्या नहीं कर पाए की बिल्ली क्यों नहीं पालना ?
शिष्य हैरान परेशान पूरे शास्त्र उठा कर देख लिया कहीं भी “बिल्ली मत पालना” सूत्र नहीं मिला ।
सब तरह के शास्त्रों में सारी जिज्ञासाओं का निदान मिला पर बिल्ली से संबंधित कहानी किसी शास्त्र में वर्णन नहीं मिला।
शिष्य भी कहा हार मानने वाला था वह भी तलाशता रहा कि आखिर मेरे गुरु यह क्यों कह गए की “बिल्ली मत पालन” तलाशते तलाशते वह एक बुजुर्ग से मिला बुजुर्ग से उन्होंने पूछा कि मुझे शास्त्र में सारे सूत्र मिले पर मेरे गुरु का “बिल्ली मत पालना” वाला सूत्र किसी शास्त्र में नहीं मिला !
बुजुर्ग कहने लगे मुझे तुम्हारे गुरु का कहानी का सूत्र मालूम है तू सुन और ठीक ही कहा तेरे गुरु ने की “कभी बिल्ली मत पालन” क्योंकि बिल्ली पाल कर ही तेरा गुरु बर्बाद हुआ ।
शिष्य ने कहा बताइए इस सूत्र का राज उसे बुजुर्ग ने कहा तेरा गुरु सन्यासी हुआ सब कुछ छोड़कर जंगल गया और सिर्फ दो लंगोट अपने साथ ले गया लेकिन एक झंझट आ गई लंगोट धोकर डालता और कुछ समय बाद देखता कि वह लंगोट चूहा काट जाते ।
अब झंझट आ गई लंगोट दो और वह भी चूहे काट जाएं उसने गांव में लोगों से पूछा की बड़ी मुसीबत है यह चूहे मेरी लंगोट काट जाते हैं।
मैं क्या करूं? गांव वालों ने सलाह दी की एक काम करें “बिल्ली पाल लें” अब चूहे से लंगोट काटने को बचने के लिए तेरे गुरु ने बिल्ली पाली लेकिन मामला यहां नहीं रूका । आगे चला आए दिन बिल्ली खड़ी हो जाती कि मुझे दूध दो नहीं तो मैं चली। अब क्या करें ?
बिल्ली जाए तो लंगोट फिर कटने की समस्या होने लगे । गांव वाले भी कहने लगे गुरुजी रोज-रोज हम आपको बिल्ली के लिए कहां तक दूध देंगे ?
ऐसा करें ! दूध के लिए गाय पाल लें सब गाँव वालों ने मिलकर एक गाय दे दी गाय पाली गई ।
अब गाय के लिए चारा चाहिए क्या करें
बड़ी समस्या हो गई ।
फिर गांव में चर्चा हुई गांव वाले कहने लगे गुरुजी हमें और भी काम है हम रोज-रोज आपको चार तो दे नहीं सकेंगे ।
क्यों नहीं आप आपके आसपास की जो जमीन है उसे पर घास फूस चारा उगा कर गाय के लिए प्रबंध कर ले ।
पर इस सब झंझट में तेरे गुरु का “हरि भजन” हो ना सके! क्योंकि सुबह जल्दी उठो दूध लगाओ बिल्ली को पिलाओ गाय को नहलाओ चराने ले जाओ “हरि भजन” “हो ही नहीं सका”
फिर भी बचाना तो ‘लंगोट’ है। गांव वालों ने सलाह दी कि आप एक काम करें गांव में एक विधवा स्त्री है ।
उसका भी कोई नहीं आप अपने यहां काम पर रख ले, ताकि वह सारा प्रबंध करके खेती-बाड़ी कर कर गेहूं सब्जी उगा कर आपकी सेवा कर सके।
गुरु जी को बात जम गई ।
वह उसे विधवा महिला को अपने यहां पर ले आए ।
विधवा महिला भली औरत थी कभी-कभी गुरुजी के हाथ पैर भी दबा देती थी सिर दुखे तो सर दुख दबा देती थी।
अब धीरे-धीरे आपस में लगाव हो गया गांव वालों ने कहा महात्मा जी ऐसे नहीं चलेगा।
मर्यादा भंग हो रही है ।
आप विवाह करें । बिना विवाह साथ रहना ठीक नहीं ।
गांव वालों ने तेरे गुरु का विवाह करवा दिया विवाह हुआ बच्चे हो गए संसार बढ़ गया ।
एक “लंगोटी” को बचाने के पीछे इतना सारा संसार एकत्र कर लिया!
इसलिए तेरे गुरु ने कहा की जिंदगी में सब काम कर लेना पर एक बात का ध्यान रखना
कभी बिल्ली मत पालना
You may also like
Apply for Top 5 Government Jobs in April 2025 Across India – Over 21,000 Vacancies Open for 10th Pass to Graduates
मप्रः मुख्यमंत्री आज विज्ञान मंथन यात्रा के छात्र-छात्राओं से करेंगे संवाद
रीवाः आईटीआई में आज युवा संगम कार्यक्रम और रोजगार मेले का आयोजन
Karni Sena's Jharkhand President Vinay Singh Shot Dead in Jamshedpur, Sparks Massive Protests and NH Blockade
IPL 2025: विराट कोहली ने खत्म की डेविड वार्नर की बादशाहत, रच डाला है ये इतिहास