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पानी पर रार: पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में ऐलान, हरियाणा को नहीं देंगे अतिरिक्त पानी, BBMB पहुंचा हाईकोर्ट..

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पंजाब सरकार हरियाणा को अतिरिक्त पानी न देने को लेकर अड़ गई है और इस मुद्दे पर विधानसभा के विशेष सत्र में प्रस्ताव लाई है। पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे पानी विवाद के बीच पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में हरियाणा को पानी देने का विरोध किया गया। विधायक अमृत पाल सिंह सुखानंद ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के फैसले की कॉपी फाड़ दी। उसमें हरियाणा को 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने को कहा गया है. उधर बीबीएमबी हाईकोर्ट पहुंच गया है और पंजाब सरकार द्वारा उसके कामकामज में बाधा न डालने की अपील की है.

पंजाब अड़ा, हरियाणा को नहीं देगा अतिरिक्त पानी

विशेष सत्र में सबसे पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की गई। स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने शोक प्रस्ताव के बाद सदन को स्थगित कर दिया। सदन के दोबारा शुरू होने पर जल स्रोत मंत्री बरिंद्र गोयल ने सदन में डैम सेफ्टी एक्ट- 2021 को रद्द करने का प्रस्ताव पेश किया। सोमवार को सदन की कार्रवाई में विशेष रूप से सांसद अमरिंदर सिंह, मलविंदर सिंह कंंग और गुरमीत सिंह मीत हेयर गवर्नर बॉक्स में उपस्थित रहे।

पंजाब ने केंद्र का भी निर्देश नहीं माना

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने हरियाणा को 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने को कहा है. इसके बाद दो मई को दिल्ली में एक बैठक हुई जिसमें केंद्रीय गृह सचिव ने पंजाब से बीबीएमबी के प्रस्ताव के अनुसार हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने को कहा. इसके अलावा केंद्र ने नंगल बांध (भाखड़ा बांध के कंट्रोल रूम) पर पंजाब पुलिस के पहरे पर आपत्ति जताई थी और तत्काल इसे बीबीएमबी को सौंपने को कहा था। ताज्जुब की बात यह कि केंद्र के निर्देश के बाद भी रविवार शाम तक पंजाब ने कंट्रोल रूम से अपना नियंत्रण नहीं हटाया।

पानी विवाद पर पंजाब की भगवंत मान सरकार का तर्क है कि हरियाणा को जरूरत के मुताबिक 4000 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है जबकि वो 8500 क्यूसेक पानी मांग रहा है। अतिरिक्त पानी का उपयोग हरियाणा सिंचाई के लिए करेगा।

पंजाब बोला हमें भी पानी की जरूरत

पंजाब सरकार में मंत्री हरपाल चीमा ने जल विवाद पर पंजाब सदन के विशेष सत्र बुलाए जाने पर कहा कि पानी पंजाब की भी बहुत बड़ी जरूरत है। जब से देश आजाद हुआ है तब से लेकर अब तक केंद्र में चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की, पंजाब के पानी को लेकर पंजाब पर ही दबाव बनाया. पंजाब की जरूरतें नहीं देखी गई. जितना पानी हरियाणा का बनता है, उतना पानी हम हरियाणा को दे चुके हैं. मानवता के नाम पर हम उन्हें 4000 क्यूसेक फीट पानी दे रहे हैं। हरियाणा और केंद्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है। ये दोनों सरकार पंजाब के हक को छीनना चाहती हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

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