दुनिया में विज्ञान कितनी भी तरक्की कर लें मगर अभी तक यह पता नहीं लगा पाया है कि इस संसार को किसने बनाया है और संसार में मुनष्य की उत्पती किस प्रकार से हुई है। यह सवाल कई बार हमारे मन में आता है।
मगर इसका उत्तर हमें कई धार्मिक पुस्तकें और विज्ञान द्वारा खोजे गए तथ्य देते तो जरूर है मगर वह आधे अधूर होते हैं। किसने बनाया हमें
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार हमारे संसार को ईश्वर ने ही बनाया है मगर एक युग के विकास के बाद किस तरह से मनुष्य जाति का जन्म हुआ और कैसे इस जाति ने धरती पर अपने रहन सहन का तरीका बनाया यह हमारे लिए सबसे अहम सवाल है। मगर वो कौन सा इसान था जो हमें धरती पर लेकर आया।
कौन था पहला मानव
मगर इस सवाल से भी उपर एक ओर सवाल यह भी है कि आखिरकार पहला मनुष्य कौन था । वो कहां से आया था और उसे बनाने वाला यानी उसका रचिता कौन था। उसका संसार में आना और किस समय पर आना यह सभी कुछ ऐसे सवाल है जिनका जवाब हर इसान जानना चाहता है। क्योंकि हम सब का वहीं आधार है जिसके कारण हम सब की उत्पती हुई है।
क्या कहता है पुराण
हमारे हिंदू धर्म के अनुसार संसार में सबसे पहले जन्म लेने वाला मनुष्य मनु था। या फिर पश्चिम सभ्यता के अनुसार एडेम था और उनके आने बाद ही मनुष्य जाति का आंरभ हुआ। मगर इन दोनों को बनाने वाला कौन था।
पुराण में मनु
एक पौराणिक कथा के अनुसार मनु की रचना स्वयं भगवान ब्रहा ने की थी। ऐसा कहा जाता है कि मानव जाति की रचना के लिए भगवान ब्रहमा ने दो लोगों को बनाया था। एक तो पुरूष और दूसरा स्त्री। क्योंकि मानव जाति को आगे बढाने के लिए ब्रहमा के लिए जरूरी था कि वह पुरूष ओर स्त्री की भी रचना करें।
ब्रह्मा द्वारा हुई रचना
भगवान ब्रहमा द्वारा बनाए गए पुरूष थे मुन और स्त्री। आज हमारी सांसारिक दुनिया में जितने भी लोग मौजूद हैं यह सभी मनु से उत्पन्न हुए हैं।
मनु से बना मानव
संसार में आने वाला सबसे पहला इंसान मुन था इसलिए इस जाति का नाम मानव पडा था। संस्कृत में इसे मुनष्य कहा जाने लगा और अंग्रेजी भाषा में भी मिलते जुलते नाम मैन का प्रयोग हुआ। आपको बता दे कि यह सभी नाम पहले मुनष्य मनु से ही जुडे हुए हैं।
पौराणिक कथा
पुराणों में दर्ज एक कथा के अनुसार एक समय था जब भगवान ब्रहा देवों और असरों तथा पत्रिं का निर्माण करने के काफी शक्तिहीन महसूस करने लगे थे। इसके आगे उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि अब किसकी रचना की जाए। जिसके बाद उन्होंने काफी विचार करके मन तथा मस्तिक को कुछ शांति हासिल हो सके।
क्या थी वो काया
उस क्षण ब्रहा जी अपने कुछ कार्यो में व्यस्थ ही थे कि अचानक उनके अंदर एक काया उत्पन्न हुइ्र ओर उनके सामने आकर खडी हो गई । जिसे देखने के बाद उन्हे काफी अंचभा हो रहा था कि वह कोई मामूली काया नहीं बल्कि बिल्कुल उनके ही जैसे दिखाई देने वाली थी।
भगवान ब्रह्मा हुए हैरान
उस परछाई को देख कर कुछ देर तक तो भगवान ब्रहमा समझ नहीं सके कि उनके साथ आखिरकार हुआ क्या है। आपको बता दें कि यही मानव संसार का पहला मुनष्य था जिसे स्वयंभु मनुष्य के नाम से जाना जाता है। अब इसके बाद एक और सवाल मन में आता है कि यदि हिंनू मान्यताओं कें अनुसार मनु पहला मनुष्य था तो पश्चिमी सयता के अनुसार पहला मानव कौन था।
बाइबल और मनु
अगर हम बाइबल की बात करें तो जिस तरह से पौराणिक कथा में भगवान ब्रहा के शरीर से मनु ने जन्म लिया था उसी प्रकार बाइबल में भी ईश्वर के शरीर की परछाई ने जन्म लिया था और यही परछाई मुन की तरह ईश्वर की छाया थी और उनकी तरह ही दिखाई भी देती थी।
एडेम का जन्म
बाइबल में इस परछाई का नाम एडेम दिया गया है। बताया जा रहा है कि बाइबल में एडेम के जन्म पर एक वाक्या भी लिखा गया है। मैन वाज क्रिएटेड इन दि इमेज ऑफ हिज मेकर जिसका मतलब होता है कि भगवान की परछाई में मनुष्य ने जन्म लिया है। इन दोनों कथाओं से यह साबिता होता है। कि मुन ही वह पहला इंसान है जिसने मनुष्य के रूप में धरती पर जन्म लिया।
मनु और वह स्त्री
मनु के साथ इस संसारिक दुनिया में भगवान ब्रहा द्वारा एक स्त्री शतरूपा की भी रचना की गई थी। जहां पर पुराणों के अनुसार वर्णित कथाओं के अनुसार शतरूपा का जन्म हुआ था और बाइबल के अनुसार एडेम के साथ एम्बेला का जन्म हुआ था।
लेकिन हैं कुछ अंतर
मगर इन सभी तथ्यों को जानने के बाद यह साबित होता है कि हिन्दू इतिहास तथा पश्चिमी सभ्यता की बाते काफी हद तक समान है। मगर इसके बावजूद भी दोनों सभ्यताओं में काफी भिन्नता है।
बाइबल में मनु का जन्म
बाइबल में लिखी गई कहानी के अनुसार एडेम का निर्माण खुद ईश्वर ने किया था मगर दूसरी और मनु तो स्वयं भगवान ब्रहमा के शरीर से काया बनकर बाहर आए थे। दूसरी ओर मुनष्य का पहला स्त्री रूप बाइबल के अनुसार मुन की पसली से बनाया गया था। मगर पुराणों के अनुसार शतरूपा का जन्म भी भगवान ब्रहमा की निकली काया से ही हुआ था।
जन्म के बाद समानता
पुराण के अनुसार मनु तथा शतरूपा के जन्म के बाद भगवान ब्रह्मा द्वारा उन्हें धरती पर मानवीय संसार को स्थापित करने का आदेश दिया गया था। ठीक इसी तरह बाइबल में भी इस तरह की घटना का वर्णन है।
पूर्ण विकसित रूप से जन्म
इसके साथ ही बाइबल में एडेम के बिना किसी गर्भ द्वारा इस संसार में आने की बात पुराण के तथय से मिलती है। जिस प्रकार मनु की उत्पती ब्रहमा के भीतर से निकली काया से हुआ है ठीक उसी प्रकार एडेम की उत्पती भी ईश्वर के शरीर से हुई है।
एक से ज्यादा मनु
हिन्दू पुराण के अनुसार बताया गया है कि केवल एक ही नहीं बल्कि एक से भी ज्यादा मनु ने जन्म लिया था। यदि पुराण में दर्ज आंकडे यह बताते हैं कि उस समय एक नहीं 10 मनु ने जन्म लिया था।
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