DA Merger: महंगाई भत्ता (DA) केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की आमदनी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह उनके खर्चों को महंगाई के बीच संतुलित करने में मदद करता है। वर्तमान में DA की दर 55 प्रतिशत है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या सरकार इसे आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की रिपोर्ट से पहले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी या पेंशन में मर्ज करेगी।
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान ने इस बारे में सवाल पूछा था, जिसका जवाब वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का इस समय DA को बेसिक सैलरी या पेंशन में मर्ज करने का कोई इरादा नहीं है।
DA/DR के उद्देश्य और संशोधन प्रक्रिया: वित्त मंत्री ने यह बताया कि DA और DR केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई के असर से बचाने के लिए दिया जाता है, ताकि उनकी सैलरी और पेंशन की परचेजिंग पावर बनी रहे। महंगाई भत्ते की दरें हर 6 महीने में AICPI-W (ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) के आधार पर संशोधित की जाती हैं।
7वें वेतन आयोग से अब तक 15 बार बढ़ी DA: 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद से अब तक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के DA/DR में 15 बार वृद्धि हो चुकी है, जिससे महंगाई को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिल रही है।
क्या भविष्य में कोई बदलाव होगा? हालांकि वित्त राज्य मंत्री ने साफ कर दिया है कि आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट से पहले DA को सैलरी में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन यह देखना बाकी है कि भविष्य में इस पर सरकार क्या निर्णय लेती है।
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