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वाघा-अटारी बॉर्डर से लौट रहे पाकिस्तानी, पहलगाम आतंकी हमले को बताया 'अमानवीय'

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अमृतसर, 28 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर उन्हें तत्काल देश छोड़ने का आदेश जारी किया. इस बीच अटारी-वाघा सीमा पर सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिकों के लौटने का सिलसिला जारी है.

कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने से बात की. पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए फिरदास दिल्ली में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे. वह अपने परिवार के साथ तीन-चार दिन पहले भारत पहुंचे थे. सरकार के आदेश के बाद उन्हें वापस जाना पड़ रहा है.

फिरदास ने कहा, “हम पांच लोग आए थे. बच्चों को लेकर चिंता है. कोई भी जान लेना गलत है. जो हुआ, वह ठीक नहीं हुआ.”

पाकिस्तान के पेशावर से आए 70 वर्षीय जनमराज ने बताया कि वह 45 दिन के वीजा पर रिश्तेदारों से मिलने आए थे. उन्होंने कहा, “तीन हफ्ते पहले भारत आए थे. पहली बार आए, लेकिन अब अचानक जाना पड़ रहा है. पहलगाम में जो हुआ, वह अमानवीय है. आतंकवादियों ने इंसानियत को मारा.”

पाकिस्तानी नागरिक रूखसार 13 साल बाद भारत अपने माता-पिता से मिलने आई थीं. वह चार बच्चों के साथ ढाई महीने पहले भारत आई थीं.

वह हमले की निंदा करते हुए कहती हैं, “हमें बहुत दुख है कि लोग मारे गए. यह गलत हुआ. लेकिन इसके चक्कर में हम मासूमों को क्या सजा मिल रही है? आतंकवादी पाकिस्तान से आते हों, हमें नहीं पता. हम तो घर में रहते हैं.”

जोधपुर में रिश्तेदारों से मिलने आए चनुमल ने कहा कि वह अपने बच्चों की वजह से वापस जा रहे हैं, जो पाकिस्तान में हैं.

उन्होंने हमले के बारे में अनजान होने का दावा किया. चनुमल ने कहा, “मेरे पास मोबाइल नहीं है, मुझे किसी ने नहीं बताया. आतंकवाद गलत है. जो लोग मारते हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए.”

एक अन्य पाकिस्तानी महिला, जो 40 दिन के वीजा पर भारत आई थीं. उन्होंने बताया कि वह अपने तीन बच्चों को पाकिस्तान में छोड़कर आई थीं. वह माहौल खराब होने के कारण वापस जा रही हैं. उन्होंने कहा, “हम तीर्थ करने आए थे, लेकिन अब बच्चों की चिंता है. जो लोग मरे, वह गलत है.”

एसएचके/केआर

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