Next Story
Newszop

'खीर भवानी' मेले में हर साल जुटते हैं विस्थापित कश्मीरी श्रद्धालु : डॉ. अरविंद करवानी

Send Push

जम्मू, 31 मई . जम्मू-कश्मीर में हर साल खीर भवानी मेला लगता है. इस साल यह मेला 3 जून को लगेगा. राहत एवं पुनर्वास आयुक्त डॉ. अरविंद करवानी ने कहा कि सरकार मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की बुनियादी जरूरतों की व्यवस्था कर रही है.

समाचार एजेंसी से बात करते हुए डॉ. अरविंद करवानी ने कहा, “माता खीर भवानी को समर्पित वार्षिक खीर भवानी मेला इस वर्ष 3 जून को आयोजित किया जाएगा. मेला हर साल ज्येष्ठ अष्टमी के दिन लगता है. हर साल विस्थापित कश्मीरी लोग इस उत्सव में भाग लेने आते हैं. हमारा विभाग पंजीकृत भक्तों के लिए परिवहन सुविधाओं का आयोजन करने में अग्रणी भूमिका निभाता है.”

खीर भवानी मंदिर कश्मीरी हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल है. यह मंदिर गांदरबल जिले के तुलमुला गांव में स्थित है, जो श्रीनगर से 27 किलोमीटर दूर है. जानकारी के मुताबिक, मंदिर का निर्माण महाराजा प्रताप सिंह ने 1912 में कराया था. बाद में महाराजा हरि सिंह ने इसका पुनर्निर्माण करवाया.

मंदिर का नाम खीर भवानी देवी के नाम पर पड़ा है, जो कश्मीरी हिंदुओं की कुलदेवी मानी जाती है. खीर भवानी देवी को देवी दुर्गा का एक माना जाता है. उनकी पूजा कश्मीरी हिंदू व्यापक रूप से करते हैं. मंदिर में खीर का प्रसाद चढ़ाया जाता है और इसीलिए मंदिर का नाम खीर भवानी पड़ा है.

खीर भवानी मंदिर के बारे में मान्यता है कि मंदिर के कुंड का पानी किसी आपदा से पहले काला हो जाता है. ऐसा माना जाता है कि 2014 में कश्मीर में आई बाढ़ से पहले कुंड का पानी काला हो गया था. कहा जाता है कि कुंड के पानी का काला होना कश्मीर में किसी बड़ी आपदा का संकेत होता है. इस मंदिर में एक षट्कोणीय झरना है, जिसे देवी मां का प्रतीक माना जाता है. यहां आने वाले अधिकांश श्रद्धालु मंदिर परिसर में बने इस पवित्र झरने में दूध एवं खीर अर्पित करते हैं.

खीर भवानी मेला कश्मीरी पंडितों के सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में से एक है. यह मेला सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक भी माना जाता है, क्योंकि इस इलाके में मुसलमान भक्तों के लिए सारी व्यवस्थाएं करते हैं.

पीएके/जीकेटी

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now