Bengaluru, 30 अक्टूबर . कर्नाटक Government के आईटी-बीटी एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खड़गे ने Thursday को भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अदालती निर्देशों की गलत व्याख्या करना भाजपा नेताओं की पुरानी आदत बन चुकी है.
कर्नाटक में आरएसएस को लेकर जारी विवाद के बीच प्रियांक खड़गे ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, अदालती निर्देशों की गलत व्याख्या करना भाजपा नेताओं की आदत बन गई है. कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण, कलबुर्गी पीठ ने केवल एक अंतरिम आदेश पारित किया है और आरएसएस की रैली में भाग लेने वाले पीडीओ के निलंबन आदेश को रद्द या निरस्त करने का कोई आदेश नहीं दिया है.”
उन्होंने लिखा, “निलंबन आदेश मामले के अंतिम फैसले तक स्थगित रहेगा. न्यायाधिकरण ने मामले को 14 नवंबर को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है और राज्य Government को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. हम बयान दाखिल करेंगे और मामले का विरोध करेंगे.”
कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण (केएसएटी) की कलबुर्गी पीठ ने पंचायत विकास अधिकारी (पीडीओ) के निलंबन आदेश पर केवल अंतरिम राहत दी है, लेकिन भाजपा इसे अपनी जीत की तरह प्रचारित कर रही है. खड़गे ने स्पष्ट किया कि निलंबन आदेश अंतिम फैसले तक स्थगित रहेगा और Government मामले का कड़ा विरोध करेगी.
यह विवाद कर्नाटक में आरएसएस की गतिविधियों को लेकर छिड़ा है. अक्टूबर 2025 में चित्तापुर क्षेत्र में आरएसएस के ‘पथ संचालन’ (रूट मार्च) में भाग लेने वाले एक पीडीओ को राज्य Government ने सेवा नियमों का उल्लंघन मानकर निलंबित कर दिया था. खड़गे ने 13 अक्टूबर को Chief Minister सिद्धारमैया को पत्र लिखकर Governmentी कर्मचारियों को आरएसएस जैसे संगठनों की गतिविधियों में भाग लेने से सख्ती से रोकने की मांग की थी.
उन्होंने शो-कॉज नोटिस जारी करने और निलंबन की चेतावनी दी थी. पत्र में खड़गे ने कहा कि आरएसएस Governmentी स्कूलों, कॉलेजों और मंदिरों में शाखाएं चला रहा है, जो युवाओं के मन में नकारात्मक विचार डालता है और संविधान विरोधी दर्शन को बढ़ावा देता है.
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एससीएच/वीसी
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