तेहरान, 12 मई . ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए ओमान में अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष बातचीत “अधिक गंभीर और खरी” हो गई है. यह बयान तब आया है, जब ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने तेहरान से परमाणु ढांचे को खत्म करने की अमेरिकी मांगों को खारिज कर दिया.
मस्कट में ओमान की मध्यस्थता से हो रही ये बातचीत जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन को बचाने की नवीनतम कोशिश है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि अमेरिका ने 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में इस समझौते से एकतरफा रूप से हटने का फैसला किया था, जिसके बाद ईरान ने धीरे-धीरे अपने परमाणु प्रतिबद्धताओं का पालन कम कर दिया.
ओमान की राजधानी में चौथे दौर की बातचीत के बाद ईरान के सरकारी आईआरआईबी टीवी से बात करते हुए अराघची ने कहा कि चर्चा सामान्य विषयों से हटकर अब विशिष्ट प्रस्तावों पर केंद्रित हो गई है. उन्होंने बातचीत को सकारात्मक बताया, लेकिन इसके और जटिल होने की बात भी स्वीकारी. दोनों पक्षों ने चर्चा जारी रखने पर सहमति जताई है.
यह नवीनतम दौर लगभग तीन घंटे चला, जो मस्कट में 12 और 26 अप्रैल को और रोम में 19 अप्रैल को हुई पिछली बैठकों का हिस्सा है.
इस बीच, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने अमेरिका की उस मांग को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें ईरान से अपने परमाणु ढांचे को पूरी तरह खत्म करने को कहा गया था.
उन्होंने कहा, “यह अस्वीकार्य है. ईरान अपने शांतिपूर्ण परमाणु अधिकारों को नहीं छोड़ेगा.”
उन्होंने दोहराया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम केवल नागरिक उपयोग के लिए है. उन्होंने सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के उस धार्मिक फरमान का भी जिक्र किया, जिसमें परमाणु हथियारों के विकास पर रोक लगाई गई है.
मस्कट में बातचीत से पहले अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने ईरान से अपना परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह खत्म करने की मांग दोहराई, जिसमें नतांज, फोर्डो और इस्फहान की सुविधाएं शामिल हैं. अमेरिकी अधिकारियों, जिनमें विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी शामिल हैं, उन्होंने सुझाव दिया कि ईरान को समृद्ध यूरेनियम का आयात करना चाहिए.
मसूद पेजेशकियान ने जोर देकर कहा कि ईरान की परमाणु गतिविधियां “शांतिपूर्ण” उद्देश्यों के लिए जरूरी हैं, जिनमें रेडियोफार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य सेवा, कृषि और उद्योग शामिल हैं.
उन्होंने कहा, “हम बातचीत में गंभीर हैं और समझौता चाहते हैं. हम शांति के लिए बातचीत करते हैं.”
उन्होंने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के प्रति ईरान की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया.
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एफएम/केआर
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