अगली ख़बर
Newszop

मानव अधिकार संगठनों ने कोलकाता में एसआईआर के खिलाफ निकाली विरोध रैली –

Send Push

कोलकाता, 25 अक्टूबर . एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (एपीडीआर) सहित कई अधिकार समूहों ने Saturday को भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा पश्चिम बंगाल में नियोजित मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ एक विरोध रैली निकाली.

चुनाव आयोग बंगाल की मतदाता सूची का एसआईआर करने की तैयारी कर रहा है, ऐसे में अधिकार निकाय ने दावा किया है कि एसआईआर के नाम पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू किया जाएगा.

अपने विरोध प्रदर्शन के लिए अधिकार समूह के सदस्यों ने उत्तरी कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट से मध्य कोलकाता के डोरीना क्रॉसिंग तक रैली निकाली. एपीडीआर ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया के माध्यम से कई लोगों के मताधिकार और नागरिकता छीनने की साजिश चल रही है.

एपीडीआर के महासचिव रंजीत सूर ने कहा कि एसआईआर के तहत मतदाता सूची बनाने के नाम पर 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्य रूप से एसआईआर फॉर्म भरना होगा.

इसके साथ ही प्रत्येक आवेदक को मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराने के लिए स्व-घोषणा पत्र भी भरना होगा. जन्म स्थान और तिथि के साथ-साथ माता-पिता के जन्म स्थान और तिथि का भी प्रमाण सहित उल्लेख अनिवार्य रूप से करना होगा. यहां तक कि पति-पत्नी की जानकारी भी ली जाएगी, लेकिन वोटर कार्ड में इनमें से किसी का भी उल्लेख नहीं होगा. फिर यह जानकारी क्यों ली जा रही है?

उन्होंने कहा कि उन्हें एसआईआर नहीं, बल्कि एक सटीक मतदाता सूची चाहिए. उनके अनुसार, सटीक मतदाता सूची को दो बार संशोधित और अपडेट किया जा चुका है.

एपीडीआर महासचिव ने आगे कहा कि वे इन सभी जानकारियों के आधार पर एनआरसी तैयार करेंगे. 2019 में, इस जानकारी को जनगणना में शामिल करने का प्रयास किया गया था, लेकिन तब नागरिक आंदोलन के दबाव के कारण Government ऐसा नहीं कर पाई थी.

नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी व्यक्ति पर थोप दी गई है. यह भारतीय न्याय व्यवस्था के विरुद्ध है. इसके अलावा, चुनाव आयोग को इस मामले में कोई अधिकार नहीं है. इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का एक फैसला भी है. ज्यादातर लोगों को वे सभी दस्तावेज नहीं मिल पाएंगे जिनकी मांग की जा रही है.

मानव अधिकार संगठन ने दावा किया कि चुनाव आयोग न तो आधार कार्ड और न ही वोटर कार्ड स्वीकार कर रहा है.

एमएस/डीकेपी

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें