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आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का साइप्रस ने किया समर्थन

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New Delhi, 30 अक्टूबर . साइप्रस के विदेश मंत्री कॉन्स्टेंटिनोस कोम्बोस ने ने India के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की. साइप्रस मुद्दे पर India के दृढ़ रुख के लिए आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ India की जीरो टॉलरेंस की नीति का समर्थन किया.

आतंकवाद पर India का पक्ष रखते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि न केवल आतंकवादियों के लिए, बल्कि उन्हें धन मुहैया कराने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए.

वहीं साइप्रस के विदेश मंत्री कोम्बोस ने कहा, “हमने हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के बाद India के प्रति अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त की है और हम इस दृष्टिकोण से पूरी तरह सहमत हैं कि आतंकवाद से निपटने के लिए शून्य सहनशीलता के अलावा कोई और रास्ता नहीं हो सकता है. यह दृष्टिकोण न केवल आतंकवादियों पर लागू होता है, बल्कि उन पर भी लागू होता है जो उन्हें समर्थन और वित्तपोषण देते हैं.

कोम्बोस की यह पहली India यात्रा है, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. इसके लिए साइप्रस के विदेश मंत्री ने जयशंकर का धन्यवाद किया और कहा कि यह 14 साल में साइप्रस से पहली मंत्रिस्तरीय यात्रा है.

जून में Prime Minister Narendra Modi की साइप्रस यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “Prime Minister की साइप्रस यात्रा 22 साल के बाद हुई थी. इसलिए मुझे लगता है कि हम अब उस बिंदु से आगे बढ़ रहे हैं, जहां हमारे पूर्ववर्तियों ने यात्रा रोक दी थी. हमारे सामने बहुत काम है, वह काम जो घोषणा और संयुक्त कार्य योजना के बाद नेतृत्व द्वारा Political रूप से निर्धारित किया गया है. पांच वर्षों की संयुक्त कार्य योजना में प्रगति हुई है.”

दरअसल, साइप्रस आने वाले दिनों में यूरोपीय संघ परिषद की अध्यक्षता संभालने की तैयारी कर रहा है. ऐसे में कोम्बोस ने दोहराया कि निकोसिया Political क्षेत्र में यूरोपीय संघ-India संबंधों को और बेहतर बनाने के साथ-साथ वर्तमान में बातचीत के अधीन मुक्त व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने के लिए काम करना जारी रखेगा.

साइप्रस के विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा, “हमारा मानना है कि यह यूरोपीय संघ के लिए एक रणनीतिक विकल्प है जिसे पूरा किया जाना जरूरी है. यह यूरोपीय संघ और India दोनों के पारस्परिक हित में है. साइप्रस इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने के सभी प्रयासों में समर्थन करेगा. निष्कर्ष यह है कि यह एक ऐसा रिश्ता है जिसकी ऐतिहासिक जड़ें बहुत गहरी हैं, लेकिन साथ ही, मेरा मानना है कि इसका भविष्य बहुत लंबा और उज्ज्वल है.”

केके/वीसी

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