New Delhi, 31 अक्टूबर India ने आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की एक बैठक में काउंटर टेररिज्म का मुद्दा उठाया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मलेशिया में बोलते हुए कहा कि India आपदा राहत, आतंक-विरोधी गतिविधियों, और समुद्री सुरक्षा में योगदान देता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि India दक्षिण चीन सागर में मुक्त नेविगेशन व अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का समर्थन करता है.
मलेशिया की अध्यक्षता में 31 अक्टूबर को एक अनौपचारिक बैठक हुई, जिसमें India और आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों ने हिस्सा लिया. इस बैठक में India की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि वह आपदा राहत, काउंटर टेररिज्म, और समुद्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है. साथ ही कहा गया कि दक्षिण चीन सागर में मुक्त नेविगेशन तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन महत्वपूर्ण है. इस तरह से India ने क्षेत्रीय सुरक्षा, समुद्री अधिस्वीकृति, एवं बहुपक्षीय रक्षा संवाद की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता जताई है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने Friday को आसियान-India रक्षा मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लिया.
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह Thursday को मलेशिया पहुंचे, जहां वे आगामी दो दिनों तक विभिन्न देशों के रक्षा मंत्रियों से मुलाकात करेंगे. जहां राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रियों के एक सम्मेलन का हिस्सा बने, वहीं वे कई देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी कर रहे हैं. यह वार्ता मलेशिया में ही हो रही है. इसी क्रम में राजनाथ सिंह आसियान-प्लस सदस्य देशों के अपने समकक्ष से भी मुलाकात कर रहे हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने Friday को ही कुआलालंपुर, मलेशिया में मलेशिया के रक्षा मंत्री मोहम्मद खालिद नोरदिन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की. राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री पीटर हेगसेथ से भी मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान 10 वर्षीय ‘फ्रेमवर्क फॉर द यूएस-इंडिया मेजर डिफेंस पार्टनरशिप’ पर हस्ताक्षर किए गए. दोनों देशों के बीच हुए इस करार को भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग में एक नया मील का पत्थर माना जा रहा है.
इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री पीटर हेगसेथ के साथ बैठक बेहद सार्थक रही. हमने 10 वर्षों के ‘फ्रेमवर्क फॉर द यूएस-इंडिया मेजर डिफेंस पार्टनरशिप’ पर हस्ताक्षर किए हैं. यह हमारे पहले से मजबूत रक्षा सहयोग में एक नए युग की शुरुआत करेगा.
राजनाथ सिंह का कहना है कि यह फ्रेमवर्क भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के पूरे स्पेक्ट्रम को नीतिगत दिशा प्रदान करेगा. उन्होंने बताया कि यह हमारे बढ़ते रणनीतिक सामंजस्य का प्रतीक है और साझेदारी के नए दशक का शुभारंभ करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि रक्षा सहयोग भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों का प्रमुख स्तंभ बना रहेगा. उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, खुला और नियम-आधारित बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
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जीसीबी/डीकेपी
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