ऋषिकेश, 20 सितंबर . दिल्ली में आयोजित होने वाली लव कुश रामलीला में Actress पूनम पांडे के मंदोदरी की भूमिका निभाने की घोषणा के बाद विवाद खड़ा हो गया है. कुछ लोग इस निर्णय पर विरोध जता रहे हैं.
श्री भरत मिलाप आश्रम के महंत स्वामी नारायण दास ने से कहा, “रामलीला समिति ने Actress पूनम पांडे को मंदोदरी का जो रोल दिया है, वह रोल देने से पहले समिति को उनके चरित्र का मूल्यांकन करना चाहिए. उनकी भाषा, विचार और पहनावे पर विचार करना चाहिए. सनातन धर्म मे मंदोदरी को सतियों मे गिना गया है. जो मंदोदरी की भूमिका निभा रहा है. उसमें कुछ तो सांस्कृतिक गुण होने चाहिए. अभद्र भाषा और वेशभूषा नहीं होनी चाहिए. अगर इन सब का ध्यान नहीं रखा जा रहा है यह उचित नहीं है. निसंदेह यह निर्णय हमारी धार्मिक भावनाओं को ही नहीं बल्कि हमारी सनातन संस्कृति को धूमिल करने वाला है. सनातन धर्म के सांस्कृतिक मूल्यों की अवहेलना करने वाला है. इसका किसी भी व्यक्ति को अधिकार नहीं है. इसलिए यदि कोई भी धार्मिक कार्य किया जाए. इससे पहले संदर्भित व्यक्ति से बात की जानी चाहिए कि इसका हम प्रसारण करने जा रहे हैं या इस भूमिका की हम लीला करने जा रहे हैं. इसको कैसे किया जाए इसका मंचन कैसे किया जाना चाहिए. इसके लिए साधु संतों और महापुरुषों से राय लेनी चाहिए.”
उन्होंने रामानंद सागर का भी उदाहरण दिया और बताया कि जब उन्होंने ‘रामायण’ सीरियल बनाया तो पात्रों को इस तरह से चुना कि कोई विवाद नहीं हुआ.
वहीं बड़ा उदासीन अखाड़ा के महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद ने से कहा, “मंदोदरी का जो चरित्र है वो बहुत ही पवित्र है. हमारे यहां पंच कन्याओं में अहिल्या, कुंती, द्रौपदी, मंदोदरी और तारा को स्मरण किया जाता है. इनको अभिनय करना है तो अपने क्षेत्र में करें, यह सर्वथा अनुचित है. आज ये मंदोदरी का अभिनय कर रही हैं, बाद में सीता और सावित्री का करेंगी. इससे हमारे समाज पर क्या असर पड़ेगा? हम विश्व हिंदू परिषद का पूरा समर्थन करते हैं, ऐसा हमारे यहां नहीं होना चाहिए.”
दूसरी तरफ भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने पूनम पांडे का समर्थन किया है. नेगी ने कहा कि यदि पूनम पांडे मंदोदरी की भूमिका निभाती हैं तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. से बातचीत में रविंद्र सिंह नेगी ने कहा कि Actor और अभिनेत्रियां अपना किरदार निभाते हैं. उनका असली काम अभिनय करना है. अगर कोई कलाकार किसी विशेष किरदार को निभा रहा है तो मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई दिक्कत है.
लाल किला मैदान में आयोजित लव कुश रामलीला का भव्य मंचन 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक होगा और 2 अक्टूबर को दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा.
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जेपी/डीएससी
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