तिरुवनंतपुरम, 2 मई . अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत के पहले डीप-सी ऑटोमेटेड पोर्ट के निर्माण में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के आभारी हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह पोर्ट भविष्य का वैश्विक ट्रांसशिपमेंट हब होगा.
अदाणी ने कहा, “हम सब मिलकर एक मजबूत और साहसी भारत की ओर बढ़ रहे हैं.”
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से 8,900 करोड़ रुपए की लागत वाले विझिनजाम इंटरनेशनल डीप-वाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद गौतम अदाणी ने कहा कि यह दूरदर्शिता, मजबूती और साझेदारी की जीत है.
अरबपति कारोबारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज विझिनजाम में इतिहास, नियति और संभावना एक साथ आए और केरल का 30 साल पुराना सपना अब दुनिया के लिए भारत का प्रवेशद्वार बन गया है.”
गौतम अदाणी ने कहा, “हमें भारत का पहला डीप-सी ऑटोमेटेड पोर्ट बनाकर गर्व है. यह भविष्य में एक बड़ा वैश्विक ट्रांसशिपमेंट हब होगा.”
रणनीतिक महत्व वाले विझिनजाम पोर्ट को एक प्रमुख प्राथमिकता वाली परियोजना के रूप में पहचाना गया है, जो वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने, लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ाने और कार्गो ट्रांसशिपमेंट के लिए विदेशी पोर्ट पर निर्भरता को कम करने में योगदान देगा.
इसका लगभग 20 मीटर का नेचुरल डीप ड्राफ्ट और दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री व्यापार मार्गों में से एक के पास स्थित होना वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को और मजबूत करता है.
अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (एपीएसईजेड) के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “यह एक ऐतिहासिक दिन है. इस पोर्ट को भारत की रणनीतिक और साहसिक समुद्री महत्वाकांक्षाओं का प्रमाण बनाने में सहयोग के लिए केंद्र और राज्य सरकारों और केरल, विशेष रूप से तिरुवनंतपुरम के प्रशासन और लोगों का आभारी हूं.”
इस पोर्ट से भारतीय मैन्युफैक्चरर्स के लिए लॉजिस्टिक्स लागत में 30-40 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है, जिससे देश की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी.
केंद्र और राज्य सरकार के साथ काम करते हुए अदाणी ग्रुप ने विझिनजाम इंटरनेशनल सीपोर्ट प्रोजेक्ट में 4,500 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले चरणों में अदाणी ग्रुप इस पोर्ट में अतिरिक्त 20,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश कर सकता है. इससे 5,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है. साथ ही इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा.
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एबीएस/एबीएम
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