जालंधर, 1 सितंबर . पंजाब में लगातार बारिश और बाढ़ ने हालात को गंभीर बना दिया है. जालंधर सहित दस जिले, पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर, फाजिल्का, अमृतसर, तरनतारन और मोगा बाढ़ की चपेट में हैं. इस बीच जालंधर के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने अलर्ट जारी किया है.
भाखड़ा, पोंग, और रणजीत सागर डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण सतलुज, ब्यास, और रावी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. जालंधर के डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया, “भाखड़ा डैम से 1,14,782 क्यूसेक पानी रोपड़ हेडवर्क्स पहुंचेगा, जो 18 घंटों में रोपड़ से फिल्लौर और 20 घंटों में हरिके पतन होते हुए 28 घंटों में सुलेमान हेडवर्क्स तक पहुंचेगा. फिल्लौर पहुंचते-पहुंचते यह पानी 1.5 लाख क्यूसेक से अधिक हो सकता है, जिससे फिल्लौर, शाहकोट, और लोहियां में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं. यह बरसाती पानी है, और सतलुज के किनारे बसे क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ने की आशंका है.”
राहत बचाव कार्य के बारे में बताते हुए अग्रवाल ने कहा, “प्रशासन ने 54 राहत केंद्र स्थापित किए हैं, जहां भोजन, आश्रय, और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं. नदी किनारे के इलाकों में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है. गुरुद्वारों और मंदिरों से मुनादी के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है. पुलिस, एनडीआरएफ, और एसडीआरएफ की टीमें स्टैंडबाय पर हैं, और सभी संबंधित अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं.”
उन्होंने बताया, “चिट्टी बेई में पानी के ओवरफ्लो की खबरें आई हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में सतलुज का पानी नहीं पहुंचा है. हमारी टीमें रात 2 बजे से राहत कार्यों में जुटी हैं. मैंने 400 से अधिक लोगों से बात की है.”
वहीं, दूसरी तरफ पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री लालचंद कटारुचक ने पठानकोट के भोआ विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने पाकिस्तानी सीमा के नजदीकी गांवों में बाइक से स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित लोगों से बातचीत की.
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एससीएच
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