New Delhi, 4 अक्टूबर . घुटनों का दर्द और सूजन आज के समय की सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन चुका है. बदलती जीवनशैली, गलत खान-पान, मोटापा, बढ़ती उम्र और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके प्रमुख कारण हैं. पहले यह समस्या केवल बुजुर्गों में दिखाई देती थी, लेकिन अब युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं.
घुटनों का दर्द न केवल चलने-फिरने में बाधा डालता है, बल्कि रोज़मर्रा के छोटे-छोटे कामों को भी कठिन बना देता है. लगातार दर्द और सूजन रहने से जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है और व्यक्ति को मानसिक तनाव तक होने लगता है. इसलिए इसकी सही देखभाल और घरेलू-आयुर्वेदिक उपायों को अपनाना बेहद जरूरी है.
तुरंत राहत के लिए सबसे प्रभावी तरीका है आर.आई.सी.ई. रूल यानी रेस्ट, आईस, कम्प्रेशन और एलिवेशन. घुटनों को आराम देना, बर्फ की 15–20 मिनट तक सिकाई करना, हल्का इलास्टिक बैंडेज बांधना और पैरों को ऊंचाई पर रखकर आराम करना सूजन और दर्द को काफी हद तक कम करता है.
अगर सूजन कम हो और जकड़न ज्यादा हो तो गर्म पानी की सिकाई करना भी लाभकारी है, खासकर गठिया और मांसपेशियों की अकड़न में. इसके अलावा हल्की स्ट्रेचिंग और व्यायाम जैसे क्वाड्रिसेप्स को मजबूत करना, लेग रेज और हील स्लाइड वैज्ञानिक रूप से घुटने के दर्द से राहत देने में कारगर पाए गए हैं.
आहार में सुधार भी घुटनों की सेहत के लिए बहुत जरूरी है. ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अलसी, अखरोट और मछली सूजन और दर्द को कम करते हैं. वहीं, अगर यूरिक एसिड की समस्या हो तो दाल, मांस और अल्कोहल से परहेज करना चाहिए. आयुर्वेदिक तेल जैसे महा नारायण तेल, विशगर्भ तेल, धन्वंतरम तेल या पंचगुण तेल से हल्की मालिश करने से रक्त संचार बढ़ता है और दर्द व जकड़न से आराम मिलता है.
घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे भी लंबे समय तक राहत देते हैं. हल्दी वाला दूध प्राकृतिक रूप से दर्द और सूजन को कम करता है, क्योंकि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण रखता है. मेथी के दानों को रातभर भिगोकर सुबह चबाने से जोड़ों का दर्द और अकड़न दूर होती है. लहसुन में मौजूद औषधीय गुण घुटनों की सूजन घटाते हैं, खासकर जब इसे घी में भूनकर खाया जाए. गर्म तिल या सरसों के तेल से मालिश करने से रक्त प्रवाह सुधरता है और दर्द घटता है. वहीं, अदरक और तुलसी की चाय रोज पीने से भी सूजन और दर्द से काफी राहत मिलती है.
आयुर्वेदिक औषधियां जैसे योगराज गुग्गुल, महारास्नादि काढ़ा और अश्वगंधा चूर्ण भी चिकित्सक की सलाह से सेवन करने पर लाभकारी हैं. साथ ही वजन नियंत्रित रखना, नियमित योग और व्यायाम जैसे वज्रासन, ताड़ासन और पवनमुक्तासन करना, तैलीय व जंक फूड से परहेज करना और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना घुटनों को स्वस्थ रखने के सरल उपाय हैं.
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पीआईएम/डीएससी
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