हिंदी सिनेमा के मशहूर कमीडियन और शानदार अभिनेता देवेन वर्मा अपनी अदाकारी से लोगों के दिलों पर राज करते थे। उन्होंने फिल्मों में हास्य के जादू को इस तरह पेश किया कि आज भी उनकी कॉमेडी याद की जाती है और सराही जाती है।
उनकी फिल्मी यात्रा रोमांचक, प्रेरणादायक और उतार-चढ़ाव से भरपूर रही। उनकी शुरुआत बेहद मामूली फीस से हुई थी। देवेन वर्मा को उनकी पहली फिल्म 'धर्मपुत्र' के लिए मात्र 600 रुपये मिले थे। यह छोटी सी रकम उनके लंबे और सफल करियर की शुरुआत थी, जिसने उन्हें बॉलीवुड के सबसे प्यारे हास्य कलाकार के रूप में स्थापित किया।
देवेन वर्मा का जन्म 23 अक्टूबर 1937 को गुजरात के कच्छ क्षेत्र में हुआ था, लेकिन उनका परिवार बाद में पुणे शिफ्ट हो गया। उन्होंने नौरोजी वाडिया कॉलेज से राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र में ऑनर्स किया था। पढ़ाई के दौरान ही देवेन का झुकाव अभिनय की तरफ हो गया था। वे स्टेज शोज में हिस्सा लेने लगे और लोकप्रिय कलाकारों की मिमिक्री करने लगे।
एक बार वे नार्थ इंडिया पंजाबी एसोसिएशन के स्टेज शो में प्रदर्शन कर रहे थे, तभी बी. आर. चोपड़ा ने उन्हें देखा और उनकी प्रतिभा से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने देवेन को अपनी फिल्म 'धर्मपुत्र' में काम करने का मौका दिया। इस फिल्म के लिए देवेन को 600 रुपये की फीस मिली।
हालांकि 'धर्मपुत्र' फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही, लेकिन देवेन वर्मा के लिए यह एक बड़ा कदम साबित हुआ। इसके बाद उन्होंने फिल्म 'गुमराह' में नौकर का किरदार निभाया, जिसमें उनकी एक्टिंग को दर्शकों और निर्माताओं ने खूब सराहा। धीरे-धीरे देवेन ने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी।
1970 के दशक में देवेन वर्मा ने कॉमेडी के क्षेत्र में अपना नाम चमकाया। उनकी फिल्मों में 'चोरी मेरा काम', 'चोर के घर चोर', 'अंगूर', 'गोलमाल', 'खट्टा मीठा', और 'रंग बिरंगी' जैसी हिट शामिल हैं। खास बात यह थी कि देवेन ने कभी अपनी कॉमेडी में अश्लीलता का सहारा नहीं लिया। उनका मानना था कि दूसरों को हंसाने के लिए खुद की मर्यादा का ध्यान रखना जरूरी है।
देवेन वर्मा को उनकी प्रतिभा और मेहनत के लिए तीन बार फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया। उन्होंने 'चोरी मेरा काम', 'चोर के घर चोर', और 'अंगूर' जैसी फिल्मों में अपनी कॉमेडी के दम पर ये सम्मान जीते। इन फिल्मों में उनकी एक्टिंग ने दर्शकों को खूब हंसाया और मनोरंजन की परिभाषा को नया रंग दिया। देवेन वर्मा गुलजार, ऋषिकेश मुखर्जी और बासु चटर्जी जैसे दिग्गज निर्देशकों के साथ काम करके अपने करियर को और ऊंचाइयों तक ले गए।
देवेन वर्मा की निजी जिंदगी भी बॉलीवुड की तरह ही दिलचस्प थी। उन्होंने मशहूर अभिनेता अशोक कुमार की बेटी रूपा गांगुली से शादी की थी। यह शादी उनकी पहली मुलाकात के कुछ साल बाद हुई। अशोक कुमार के साथ कई फिल्मों में काम करने के दौरान उनकी दोस्ती गहरी हो गई थी, जिसने अंततः प्यार का रूप ले लिया।
अपने लंबे करियर में देवेन वर्मा ने लगभग 149 फिल्मों में काम किया। उन्होंने न केवल कॉमेडी में अपनी खास पहचान बनाई, बल्कि कुछ फिल्मों का निर्देशन और निर्माण भी किया। हालांकि, 2 दिसंबर 2014 को पुणे में उनका निधन हो गया। उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई। उनकी यादें और हंसी आज भी बॉलीवुड के दिल में जिंदा हैं।
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