जब आप हाइवे या एक्सप्रेसवे पर जा रहे होंते और आपको 'Speed thrills but kills' का साइन बोर्ड दिखता है, बहुत से लोग इस बोर्ड को इग्नोर कर देते हैं लेकिन यह काफी जरूरी और सही होता है। देश में होने वाली ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में एक बड़ा हिस्सा ओवर स्पीडिंग ( Over Speeding ) यानी तेज रफ्तार का है। मतलब ज्यादातर मामलों में लोग तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं। आप स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि हर रोज 280 लोग केवल ओवर स्पीडिंग की वजह से एक्सीडेंड का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं।
भारत में सड़क सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। वर्ष 2023 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं के पीछे तेज रफ्तार ही सबसे बड़ा और एकमात्र कारण था, जिसने 1 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली। हर रोज 280 लोगों की मौत सिर्फ तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने की वजह से हुई।
सड़क दुर्घटना में मौतों के प्रमुख कारणएनसीआरबी के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में एक बड़ा हिस्सा तेज रफ्तार से जुड़ा है।
ओवर स्पीडिंग - तेज रफ्तार यानी ओवर स्पीडिंग की वजह से देश में कुल 58.6% एक्सीडेंट हुए। इन दुर्घटनाओं में कुल 1,01,841 लोगों ने अपनी जान गंवाई। यह सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों का सबसे बड़ा हिस्सा है।
खतरनाक और लापरवाह ड्राइविंग - देश में खतरनाक और लापरवाह तरीके से गाड़ी चलाने की वजह से 23.6% एक्सीडेंट हुए, जिसमें कुल 41,035 लोगों की मौत हुई। इसमें रैश ड्राइविंग, ओवरटेकिंग जैसे कारण शामिल हैं।
अन्य कारण - इसके अलावा देशभर में करीब 17.8% सड़क दुर्घटनाएं अन्य कारणों की वजह से हुई। इन दुर्घटनाओं में 30,950 की जान गई। इन कारणों में खराब मौसम की स्थिति, जानवरों का सड़क पार करना और शराब या नशीले पदार्थों के सेवन के बाद गाड़ी चलाना शामिल हैं।
दुर्घटना से बचने के लिए करें ये कामसड़क दुर्घटना से बचने का तरीका है कि आप जिम्मेदारी से ड्राइविंग करें। हमेशा स्पीड लिमिट का पालन करें। ओवर स्पीडिंग खतरनाक हो सकती है जैसा कि आप ऊपर के आंकडों से देख सकते हैं। गाड़ी चलाते समय अपना ध्यान पूरी तरह से सड़क पर केंद्रित रखें और विचलित करने वाले कामों जैसे कि फोन पर बात करना या अन्य काम करने से बचें। अगर आप थके हुए हैं और आपको नींद आ रही है तो ड्राइव करने की जरूरत नहीं है। अच्छा होगा ऐसी स्थिति में आप ब्रेक लेकर सो जाएं। आराम करने के बाद जब आपको फ्रेश फील हो तब ड्राइविंग करें।
भारत में सड़क सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। वर्ष 2023 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं के पीछे तेज रफ्तार ही सबसे बड़ा और एकमात्र कारण था, जिसने 1 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली। हर रोज 280 लोगों की मौत सिर्फ तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने की वजह से हुई।
सड़क दुर्घटना में मौतों के प्रमुख कारणएनसीआरबी के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में एक बड़ा हिस्सा तेज रफ्तार से जुड़ा है।
ओवर स्पीडिंग - तेज रफ्तार यानी ओवर स्पीडिंग की वजह से देश में कुल 58.6% एक्सीडेंट हुए। इन दुर्घटनाओं में कुल 1,01,841 लोगों ने अपनी जान गंवाई। यह सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों का सबसे बड़ा हिस्सा है।
खतरनाक और लापरवाह ड्राइविंग - देश में खतरनाक और लापरवाह तरीके से गाड़ी चलाने की वजह से 23.6% एक्सीडेंट हुए, जिसमें कुल 41,035 लोगों की मौत हुई। इसमें रैश ड्राइविंग, ओवरटेकिंग जैसे कारण शामिल हैं।
अन्य कारण - इसके अलावा देशभर में करीब 17.8% सड़क दुर्घटनाएं अन्य कारणों की वजह से हुई। इन दुर्घटनाओं में 30,950 की जान गई। इन कारणों में खराब मौसम की स्थिति, जानवरों का सड़क पार करना और शराब या नशीले पदार्थों के सेवन के बाद गाड़ी चलाना शामिल हैं।
दुर्घटना से बचने के लिए करें ये कामसड़क दुर्घटना से बचने का तरीका है कि आप जिम्मेदारी से ड्राइविंग करें। हमेशा स्पीड लिमिट का पालन करें। ओवर स्पीडिंग खतरनाक हो सकती है जैसा कि आप ऊपर के आंकडों से देख सकते हैं। गाड़ी चलाते समय अपना ध्यान पूरी तरह से सड़क पर केंद्रित रखें और विचलित करने वाले कामों जैसे कि फोन पर बात करना या अन्य काम करने से बचें। अगर आप थके हुए हैं और आपको नींद आ रही है तो ड्राइव करने की जरूरत नहीं है। अच्छा होगा ऐसी स्थिति में आप ब्रेक लेकर सो जाएं। आराम करने के बाद जब आपको फ्रेश फील हो तब ड्राइविंग करें।
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