नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में स्पोर्ट्स कल्चर को बढ़ावा देने, खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं और सभी जरूरी संसाधन मुहैया कराने और उन्हें आगे बढ़ने के अधिक से अधिक मौके देने के लिए दिल्ली सरकार ने एक और बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की है कि दिल्ली सरकार में अब खेल और युवा मामलों का एक अलग विभाग बनाया जाएगा, ताकि खिलाड़ियों को उनकी जरूरत के मुताबिक सारी सुविधाएं मुहैया कराई जा सके और उनसे जुड़े सभी मामलों पर विशेष ध्यान दिया जा सके।
दिल्ली की ओलिंपिक असोसिएशन के पदाधिकारियों के नेतृत्व में विभिन्न सरकारी स्कूलों और खेल प्रशिक्षण केंद्रों से आए बच्चों ने गुरुवार को दिल्ली विधानसभा पहुंचकर मुख्यमंत्री रेखा से मुलाकात की। इसी अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दिल्ली में अब खेल और युवा मामलों के लिए एक अलग विभाग बनेगा, ताकि खिलाड़ियों को जरूरत के मुताबिक सुविधाएं मिल सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में खेलों के प्रशिक्षण के लिए कोचिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे, ताकि कोई भी खिलाड़ी संसाधनों की कमी के कारण पीछे न रह जाए। इस अवसर पर दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार में अभी खेल और युवा मामले शिक्षा विभाग के अधीन ही आते हैं।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से किया संवाद
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि जब उन्होंने सरकार की जिम्मेदारी संभाली, तो उन्हें यह महसूस हुआ कि दिल्ली के खिलाड़ी कड़ी मेहनत तो करते हैं, लेकिन उन्हें वह मान्यता, सहायता और सम्मान नहीं मिलता है, जिसके वो हकदार है। इसी को बदलने के उद्देश्य से उन्होंने देश की सबसे बड़ी इनामी राशि के साथ एक नई खेल नीति लागू की। इसके तहत अब दिल्ली में ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को 7 करोड़, सिल्वर मेडलिस्ट को 5 करोड़ और ब्रॉन्ज मेडलिस्ट को 3 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। यह इनामी राशि देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे अधिक है। NBT ने दिल्ली में BJP के नेतृत्व में नई सरकार के शपथ लेने के तुरंत बाद 27 फरवरी को दिल्ली में खेल मंत्रालय नहीं होने की खबर को प्रमुखता से स्थान दिया था।
दिल्ली की ओलिंपिक असोसिएशन के पदाधिकारियों के नेतृत्व में विभिन्न सरकारी स्कूलों और खेल प्रशिक्षण केंद्रों से आए बच्चों ने गुरुवार को दिल्ली विधानसभा पहुंचकर मुख्यमंत्री रेखा से मुलाकात की। इसी अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दिल्ली में अब खेल और युवा मामलों के लिए एक अलग विभाग बनेगा, ताकि खिलाड़ियों को जरूरत के मुताबिक सुविधाएं मिल सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में खेलों के प्रशिक्षण के लिए कोचिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे, ताकि कोई भी खिलाड़ी संसाधनों की कमी के कारण पीछे न रह जाए। इस अवसर पर दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार में अभी खेल और युवा मामले शिक्षा विभाग के अधीन ही आते हैं।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से किया संवाद
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि जब उन्होंने सरकार की जिम्मेदारी संभाली, तो उन्हें यह महसूस हुआ कि दिल्ली के खिलाड़ी कड़ी मेहनत तो करते हैं, लेकिन उन्हें वह मान्यता, सहायता और सम्मान नहीं मिलता है, जिसके वो हकदार है। इसी को बदलने के उद्देश्य से उन्होंने देश की सबसे बड़ी इनामी राशि के साथ एक नई खेल नीति लागू की। इसके तहत अब दिल्ली में ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को 7 करोड़, सिल्वर मेडलिस्ट को 5 करोड़ और ब्रॉन्ज मेडलिस्ट को 3 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। यह इनामी राशि देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे अधिक है। NBT ने दिल्ली में BJP के नेतृत्व में नई सरकार के शपथ लेने के तुरंत बाद 27 फरवरी को दिल्ली में खेल मंत्रालय नहीं होने की खबर को प्रमुखता से स्थान दिया था।
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