नई दिल्ली : भारत और एशिया के दूसरे बड़े रईस गौतम अडानी की अगुवाई वाला अडानी ग्रुप देश का तीसरा बड़ा औद्योगिक घराना है। इसकी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज अपनी कई सहायक कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट करने की तैयारी कर रही है। इसमें एयरपोर्ट, मेटल, रोड और डेटा सेंटर जैसे बिजनेस शामिल हैं। यह लिस्टिंग 2027 से 2031 के बीच होने की उम्मीद है।
ईटी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अगले तीन साल में कंपनी के कई बड़े प्रोजेक्ट तैयार हो जाएंगे जिससे नई लिस्टिंग का रास्ता साफ होगा। इससे पहले ग्रुप ने 2016 से 2020 के बीच अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी विल्मर जैसी कंपनियों को लिस्ट कराया था। एक सूत्र ने बताया कि 2027-28 तक एयरपोर्ट बिजनेस की कमाई (EBITDA) अभी के मुकाबले तीन गुना हो जाएगी। इसी तरह कॉपर और अन्य मेटल बिजनेस भी पूरी तरह लिस्टिंग के लिए तैयार होंगे।
गंगा एक्सप्रेसवे
इसी दौरान गंगा एक्सप्रेसवे और सात अन्य रोड प्रोजेक्ट भी पूरे होने की उम्मीद है। अडानी एंटरप्राइजेज ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अडानी ग्रुप देश में एयरपोर्ट चलाने वाला सबसे बड़ा प्राइवेट ऑपरेटर है। उनके पास आठ एयरपोर्ट हैं। यह बिजनेस अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स के तहत आता है, जिसके पास मुंबई, लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु में सात चालू एयरपोर्ट हैं।
सितंबर तिमाही में एयरपोर्ट बिजनेस की कमाई (EBITDA) 1,062 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की तुलना में 43% ज्यादा है। अडानी ग्रुप ने मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ और गुवाहाटी के एयरपोर्ट पर 114 एकड़ में सिटी-साइड डेवलपमेंट का पहला चरण शुरू कर दिया है। कंपनी का ध्यान नॉन-एयरो बिजनेस पर है, जो कंपनी की कमाई और मुनाफे में बड़ा योगदान दे रहा है।
लिस्टिंग का दूसरा दौर
मेटल बिजनेस में अडानी एंटरप्राइजेज अगले कुछ साल में वेदांता के बाद दूसरा सबसे बड़ा पोर्टफोलियो बनाने का लक्ष्य रख रहा है। अडानी रोड्स ट्रांसपोर्ट ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 930 करोड़ रुपये का EBITDA दर्ज किया। इस बिजनेस ने अपना सातवां प्रोजेक्ट चालू कर दिया है और सात अन्य पर काम चल रहा है। अडानी एंटरप्राइजेज में लिस्टिंग का यह दूसरा दौर पहले दौर की तरह ही बड़ा साबित होने की उम्मीद है। इससे आने वाले दशक में शेयरधारकों को काफी फायदा होने की संभावना है।
ईटी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अगले तीन साल में कंपनी के कई बड़े प्रोजेक्ट तैयार हो जाएंगे जिससे नई लिस्टिंग का रास्ता साफ होगा। इससे पहले ग्रुप ने 2016 से 2020 के बीच अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी विल्मर जैसी कंपनियों को लिस्ट कराया था। एक सूत्र ने बताया कि 2027-28 तक एयरपोर्ट बिजनेस की कमाई (EBITDA) अभी के मुकाबले तीन गुना हो जाएगी। इसी तरह कॉपर और अन्य मेटल बिजनेस भी पूरी तरह लिस्टिंग के लिए तैयार होंगे।
गंगा एक्सप्रेसवे
इसी दौरान गंगा एक्सप्रेसवे और सात अन्य रोड प्रोजेक्ट भी पूरे होने की उम्मीद है। अडानी एंटरप्राइजेज ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अडानी ग्रुप देश में एयरपोर्ट चलाने वाला सबसे बड़ा प्राइवेट ऑपरेटर है। उनके पास आठ एयरपोर्ट हैं। यह बिजनेस अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स के तहत आता है, जिसके पास मुंबई, लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु में सात चालू एयरपोर्ट हैं।
सितंबर तिमाही में एयरपोर्ट बिजनेस की कमाई (EBITDA) 1,062 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की तुलना में 43% ज्यादा है। अडानी ग्रुप ने मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ और गुवाहाटी के एयरपोर्ट पर 114 एकड़ में सिटी-साइड डेवलपमेंट का पहला चरण शुरू कर दिया है। कंपनी का ध्यान नॉन-एयरो बिजनेस पर है, जो कंपनी की कमाई और मुनाफे में बड़ा योगदान दे रहा है।
लिस्टिंग का दूसरा दौर
मेटल बिजनेस में अडानी एंटरप्राइजेज अगले कुछ साल में वेदांता के बाद दूसरा सबसे बड़ा पोर्टफोलियो बनाने का लक्ष्य रख रहा है। अडानी रोड्स ट्रांसपोर्ट ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 930 करोड़ रुपये का EBITDA दर्ज किया। इस बिजनेस ने अपना सातवां प्रोजेक्ट चालू कर दिया है और सात अन्य पर काम चल रहा है। अडानी एंटरप्राइजेज में लिस्टिंग का यह दूसरा दौर पहले दौर की तरह ही बड़ा साबित होने की उम्मीद है। इससे आने वाले दशक में शेयरधारकों को काफी फायदा होने की संभावना है।
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