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करोड़ों के हैसिंडा घोटाले में नोएडा अथॉरिटी के पूर्व CEO संजीव सरन से होगी पूछताछ, नोटिस जारी

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नोएडा: बिल्डर्स को फायदा पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये की जमीन देने के बाद कीमत नहीं वसूलने वाले नोएडा अथॉरिटी के पूर्व अफसरों पर ईडी का शिकंजा कसने लगा है। अब पूर्व आईएएस संजीव सरन को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है। वहीं, शुक्रवार को इस मामले में पूर्व आईएएस रमारमण से 8 घंटे तक पूछताछ हुई। नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रह चुके रमारमण से ईडी ने उनकी और परिजनों की चल-अचल संपत्तियों के साथ बैंक खातों के बारे में जानकारी मांगी। इस दौरान पूर्व आईएएस पुरानी बात है, याद नहीं कहकर पल्ला झाड़ते रहे। ईडी ने नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रहने के दौरान हैसिंडा प्रॉजेक्ट को आवंटित जमीन की कीमत नहीं वसूलने को लेकर ढेरों सवाल पूछे।बीएसपी सरकार के दौरान नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन सीईओ मोहिंदर सिंह के कार्यकाल में हैसिंडा प्रॉजेक्ट प्रा. लि. कंपनी को टाउनशिप विकसित करने के लिए करीब 36 हजार वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई थी। बाद में कंपनी ने निवेशकों की रकम हड़पने के साथ भूमि का बड़ा हिस्सा प्रतीक ग्रुप को बेच दिया था। इसके लिए नोएडा अथॉरिटी से अनुमति लेना तो दूर, भूमि के बदले दी जाने वाली रकम का भुगतान भी बंद कर दिया था। पिछले साल ईडी ने हैसिंडा ग्रुप के ठिकानों पर छापा मारकर अहम सुराग जुटाने के बाद अफसरों से पूछताछ शुरू की है। शुक्रवार को रमारमण से घंटों पूछताछ के बाद ईडी ने पूर्व आईएएस संजीव सरन से पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। इस प्रकरण में रमारमण ने ईडी की विशेष अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। ईडी ने इसका विरोध करते हुए उन्हें नोटिस देकर तलब किया था। उन्हें जल्द दोबारा तलब कर पूछताछ की तैयारी है। छापे के दौरान मिली थी करोड़ों की जूलरीपूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास पर छापे के दौरान करोड़ों रुपये के हीरे और कंपनी संचालकों के यहां से भी हीरे और सोने के जेवरात बरामद किए गए थे। नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह के आवास से 1 करोड़ रुपये कैश, 12 करोड़ रुपये के हीरे, 7 करोड़ के सोने के जेवरात सहित संदिग्ध दस्तावेज मिले थे। यह है मामलालोटस 300 प्रॉजेक्ट 300 करोड़ रुपये का घोटाला था। मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी मामले की जांच कर रही है। यह जमीन हैसिंडा प्रॉजेक्ट प्रा. लि. (HPPL) को लोटस 300 परियोजना विकसित करने के लिए दी गई थी। इस मामले में हाई कोर्ट ने घोर लापरवाही के लिए नोएडा अथॉरिटी को फटकार भी लगाई है।
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