अहमदाबाद/कच्छ: कहते हैं जाको राखे साइयां मार सके ना कोई, जी हां कच्छ के मांडवी तट से कुछ दूरी करिश्मा ही हुआ। कच्छ के मांडवी का मोटर वाहन जहाज सोमालिया के लिए निकला था। कुछ दूरी तक जाने के बाद अभी जहाज ने रफ्तार पकड़ी थी कि उसमें भीषण आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि उसने कुछ ही मिनट में पूरे जहाज को अपनी चपेट में ले लिया। मुश्किल की घटी में मालवाहक जहाज पर मौजूद नाविकों ने सूझबूझ से काम लिया। वे सभी आग में जलने से बचने के लिए समुद्र में कूद गए और अपनी जान बचा ली।   
   
   
कब क्या और कैसे हुआ?
जानकारी के अनुसार मांडवी की हाजी एंड संस कंपनी का मालवाहक जहाज ‘फजले रब्बी’ (एम.एस.वी. 2192) सोमालिया के किस्मायु बंदरगाह से दुबई के लिए रवाना होने के कुछ ही देर बाद आग की लपटों में घिर गया। घटना कल दोपहर की है, जब जहाज बंदरगाह से मात्र आठ नॉटिकल मील दूर पहुंचा था। यह सामने आया है कि जहाज के इंजन में टर्बो फटने से अचानक भीषण आग लग गई। जान बचाने के लिए जहाज पर सवार सभी 16 नाविक समुद्र में कूद पड़े। स्थानीय कोस्ट गार्ड और कंपनी के ही दूसरे जहाज ‘अल फजल’ (एम.एन.वी. 2031) की त्वरित सहायता से सभी नाविकों को सकुशल बचा लिया गया।
   
     
करोड़ों का जहाज राख
करोड़ों रुपये की कीमत वाला जहाज पूरी तरह जलकर समुद्र में खाक हो गया, जिससे कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। आग बुझाने के सभी प्रयास विफल रहे और जहाज डूब गया। घटना की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक रिपोर्ट में इंजन में तकनीकी खराबी को मुख्य कारण बताया जा रहा है। कच्छ के मांडवी और दूसरे तटों से काफी जहाजों की आवाजाही होती है। कुछदिन पहले पोरबंदर से निकले एक जहाज में आगजनी की घटना हुई थी।
  
कब क्या और कैसे हुआ?
जानकारी के अनुसार मांडवी की हाजी एंड संस कंपनी का मालवाहक जहाज ‘फजले रब्बी’ (एम.एस.वी. 2192) सोमालिया के किस्मायु बंदरगाह से दुबई के लिए रवाना होने के कुछ ही देर बाद आग की लपटों में घिर गया। घटना कल दोपहर की है, जब जहाज बंदरगाह से मात्र आठ नॉटिकल मील दूर पहुंचा था। यह सामने आया है कि जहाज के इंजन में टर्बो फटने से अचानक भीषण आग लग गई। जान बचाने के लिए जहाज पर सवार सभी 16 नाविक समुद्र में कूद पड़े। स्थानीय कोस्ट गार्ड और कंपनी के ही दूसरे जहाज ‘अल फजल’ (एम.एन.वी. 2031) की त्वरित सहायता से सभी नाविकों को सकुशल बचा लिया गया।
करोड़ों का जहाज राख
करोड़ों रुपये की कीमत वाला जहाज पूरी तरह जलकर समुद्र में खाक हो गया, जिससे कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। आग बुझाने के सभी प्रयास विफल रहे और जहाज डूब गया। घटना की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक रिपोर्ट में इंजन में तकनीकी खराबी को मुख्य कारण बताया जा रहा है। कच्छ के मांडवी और दूसरे तटों से काफी जहाजों की आवाजाही होती है। कुछदिन पहले पोरबंदर से निकले एक जहाज में आगजनी की घटना हुई थी।
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