पटना: बिहार के मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या की जांच तेज हो गई है क्योंकि बिहार पुलिस अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने औपचारिक रूप से मामले का प्रभार संभाल लिया है। जांच की निगरानी सीआईडी के डीआईजी जयंत कांत कर रहे हैं, जिन्होंने स्वयं घटनास्थल का दौरा किया और सभी पहलुओं की जांच की। शनिवार को पुलिस की कई टीमें बसावन चक पहुंचीं, जहां ये घटना घटी थी। सीआईडी अधिकारियों ने एफएसएल वैज्ञानिकों के साथ मिलकर पूरे इलाके की वैज्ञानिक जांच की। सूत्रों ने बताया कि कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जो जांच को एक नया मोड़ दे सकते हैं। जांचकर्ताओं ने घटना में शामिल क्षतिग्रस्त वाहनों का भी निरीक्षण किया। इन वाहनों से फॉरेंसिक नमूने एकत्र किए गए हैं।
मोकामा के टाल में मिले 'बाहरी पत्थर'पुलिस हमलावरों की पहचान के लिए क्षति के पैटर्न, पत्थरों के निशान और अन्य निशानों का विश्लेषण कर रही है। मोकामा टाल में अपराध स्थल के निरीक्षण के दौरान, जांचकर्ताओं ने रेलवे पटरियों पर आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले पत्थर बरामद किए। अधिकारियों ने बताया कि मोकामा टाल में ऐसे पत्थर प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाते हैं, जिससे संभावित साजिश का सवाल उठता है। नमूने प्रयोगशाला भेजे गए हैं। सूत्रों के अनुसार काफिले को इन्हीं पत्थरों से निशाना बनाया गया था। अब अहम सवाल ये है कि क्या ये पत्थर जानबूझकर पहले से वहां लाए गए थे? अगर हां, तो यह सिर्फ झड़प नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हमला था।
दुलारचंद हत्याकांड की सीआईडी जांचसीआईडी की टीमों ने ग्रामीणों और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की है। आस-पास के इलाकों से सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन डेटा का भी विश्लेषण किया जा रहा है। घटना से पहले या बाद में किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर बयान एकत्र किए जा रहे हैं। दुलारचंद यादव पर गुरुवार को मोकामा टाल क्षेत्र में जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के साथ प्रचार करते समय हमला किया गया। उनकी मौत बिहार में एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गई है।
गोली लगने से नहीं हुई थी दुलारचंद की मौतशुरुआती दावों में दुलारचंद यादव की हत्या गोली लगने से होने की बात कही गई थी। उनके पैर में भी गोली लगी है, लेकिन ये उनकी मौत का कारण नहीं था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि घातक चोट उनकी छाती पर किसी वाहन के चढ़ने से लगी थी, जिससे कई फ्रैक्चर हुए और फेफड़े फट गए। बाढ़ में एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तीन डॉक्टरों के पैनल ने लगभग दो घंटे तक पोस्टमार्टम किया। अब जब मामला सीधे सीआईडी के हाथ में है, तो उम्मीद है कि जांच जल्द ही पूरी साजिश और जिम्मेदार लोगों का पता लगा लेगी।
दुलारचंद हत्याकांड के बाद ऐक्शन में ECवहीं, चुनाव आयोग ने शनिवार को मोकामा में दुलारचंद यादव हत्या मामले में बड़ी कार्रवाई की। आयोग ने पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग सहित चार अधिकारियों के तबादले और एक अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई का निर्देश दिया। पटना नगर निगम में अपर नगर आयुक्त के पद पर कार्यरत 2022 बैच के आईएएस अधिकारी आशीष कुमार को चंदन कुमार के स्थान पर बाढ़ एसडीओ के पद पर तैनात किया गया है। सीआईडी के उपपुलिस अधीक्षक आनंद कुमार सिंह को राकेश कुमार के स्थान पर बाढ़-I एसडीपीओ बनाया गया है, जबकि एटीएस के डीएसपी आयुष श्रीवास्तव को अभिषेक सिंह के स्थान पर बाढ़-II एसडीपीओ बनाया गया है।
पटना के ग्रामीण एसपी हटाए गएचुनाव आयोग ने पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग को भी हटा दिया है और 2 नवंबर को दोपहर 12 बजे तक मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। ये कदम चुनाव आयोग द्वारा बिहार के डीजीपी और पटना डीएम को दुलारचंद यादव की हत्या की परिस्थितियों पर रिपोर्ट देने के पूर्व निर्देश के बाद उठाया गया है। ये मामला मोकामा विधानसभा क्षेत्र में जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह और जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी उर्फ लल्लू मुखिया के समर्थकों के बीच हुई झड़प से संबंधित है। शुरुआती दावों में दुलारचंद यादव की हत्या गोली लगने से होने की बात कही गई थी। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये निष्कर्ष निकला कि घातक चोट उनके सीने पर किसी वाहन के चढ़ने से लगी थी, जिसके परिणामस्वरूप कई फ्रैक्चर हुए और फेफड़े फट गए।
इनपुट- आईएएनएस
मोकामा के टाल में मिले 'बाहरी पत्थर'पुलिस हमलावरों की पहचान के लिए क्षति के पैटर्न, पत्थरों के निशान और अन्य निशानों का विश्लेषण कर रही है। मोकामा टाल में अपराध स्थल के निरीक्षण के दौरान, जांचकर्ताओं ने रेलवे पटरियों पर आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले पत्थर बरामद किए। अधिकारियों ने बताया कि मोकामा टाल में ऐसे पत्थर प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाते हैं, जिससे संभावित साजिश का सवाल उठता है। नमूने प्रयोगशाला भेजे गए हैं। सूत्रों के अनुसार काफिले को इन्हीं पत्थरों से निशाना बनाया गया था। अब अहम सवाल ये है कि क्या ये पत्थर जानबूझकर पहले से वहां लाए गए थे? अगर हां, तो यह सिर्फ झड़प नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हमला था।
दुलारचंद हत्याकांड की सीआईडी जांचसीआईडी की टीमों ने ग्रामीणों और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की है। आस-पास के इलाकों से सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन डेटा का भी विश्लेषण किया जा रहा है। घटना से पहले या बाद में किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर बयान एकत्र किए जा रहे हैं। दुलारचंद यादव पर गुरुवार को मोकामा टाल क्षेत्र में जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के साथ प्रचार करते समय हमला किया गया। उनकी मौत बिहार में एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गई है।
गोली लगने से नहीं हुई थी दुलारचंद की मौतशुरुआती दावों में दुलारचंद यादव की हत्या गोली लगने से होने की बात कही गई थी। उनके पैर में भी गोली लगी है, लेकिन ये उनकी मौत का कारण नहीं था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि घातक चोट उनकी छाती पर किसी वाहन के चढ़ने से लगी थी, जिससे कई फ्रैक्चर हुए और फेफड़े फट गए। बाढ़ में एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तीन डॉक्टरों के पैनल ने लगभग दो घंटे तक पोस्टमार्टम किया। अब जब मामला सीधे सीआईडी के हाथ में है, तो उम्मीद है कि जांच जल्द ही पूरी साजिश और जिम्मेदार लोगों का पता लगा लेगी।
दुलारचंद हत्याकांड के बाद ऐक्शन में ECवहीं, चुनाव आयोग ने शनिवार को मोकामा में दुलारचंद यादव हत्या मामले में बड़ी कार्रवाई की। आयोग ने पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग सहित चार अधिकारियों के तबादले और एक अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई का निर्देश दिया। पटना नगर निगम में अपर नगर आयुक्त के पद पर कार्यरत 2022 बैच के आईएएस अधिकारी आशीष कुमार को चंदन कुमार के स्थान पर बाढ़ एसडीओ के पद पर तैनात किया गया है। सीआईडी के उपपुलिस अधीक्षक आनंद कुमार सिंह को राकेश कुमार के स्थान पर बाढ़-I एसडीपीओ बनाया गया है, जबकि एटीएस के डीएसपी आयुष श्रीवास्तव को अभिषेक सिंह के स्थान पर बाढ़-II एसडीपीओ बनाया गया है।
पटना के ग्रामीण एसपी हटाए गएचुनाव आयोग ने पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग को भी हटा दिया है और 2 नवंबर को दोपहर 12 बजे तक मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। ये कदम चुनाव आयोग द्वारा बिहार के डीजीपी और पटना डीएम को दुलारचंद यादव की हत्या की परिस्थितियों पर रिपोर्ट देने के पूर्व निर्देश के बाद उठाया गया है। ये मामला मोकामा विधानसभा क्षेत्र में जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह और जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी उर्फ लल्लू मुखिया के समर्थकों के बीच हुई झड़प से संबंधित है। शुरुआती दावों में दुलारचंद यादव की हत्या गोली लगने से होने की बात कही गई थी। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये निष्कर्ष निकला कि घातक चोट उनके सीने पर किसी वाहन के चढ़ने से लगी थी, जिसके परिणामस्वरूप कई फ्रैक्चर हुए और फेफड़े फट गए।
इनपुट- आईएएनएस
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