नई दिल्ली : युवराज सिंह को भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में शुमार करने में उनके पिता, पूर्व क्रिकेटर और अभिनेता योगराज सिंह की कठोर ट्रेनिंग और समर्पण का काफी अहम रोल रहा। योगराज सिंह ने हाल ही में अपने जीवन के उस मोड़ पर एक बड़ा खुलासा किया है, जिसने उनके और युवराज के रिश्ते को हमेशा के लिए बदल दिया।
जब पूरी तरह से अकेले पड़ गए थे योगराज सिंह
योगराज सिंह ने अनटोल्ड पंजाब को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी जिंदगी पूरी तरह से तब बदल गई जब उनके बेटे युवराज सिंह ने जवानी में उन्हें छोड़कर अपनी मां शबनम सिंह के साथ रहने का फैसला किया। योगराज ने खुलासा किया कि जब युवराज ने भारत के लिए डेब्यू किया था, तब वह जेल में थे, लेकिन उन्होंने ठाना था कि वह अपने बेटे को एक दिग्गज क्रिकेटर बनाकर रहेंगे।
उन्होंने बताया कि जब उनकी पूर्व पत्नी और युवराज उनका घर छोड़कर चले गए, तब वह बिल्कुल अकेले पड़ गए और उनका जीवन और भी नियंत्रण से बाहर हो गया। योगराज ने भावुक होते हुए कहा कि 'मैं एक पापी हूं, मैंने अपनी जिंदगी में बहुत गलतियां की हैं। मैं सारी जिंदगी तकलीफ झेलता रहा, लेकिन जिस दिन युवी और उसकी मां ने मुझे छोड़ा, मेरी जिंदगी पलट गई। पर शायद यह होना ही था। मुझे लगता है कि यह भगवान ने मुझे सिखाने के लिए किया।'
बेटे के जाने के बाद अकेलेपन के सवाल पर योगराज ने कहा कि भले ही वह शारीरिक रूप से अकेले थे, लेकिन वह आध्यात्मिक रूप से एक उच्च शक्ति से जुड़े हुए थे। उन्होंने याद किया कि कैसे कई बार उन्हें बिना खाने के रहना पड़ा था। यह खुलासा दिखाता है कि युवराज सिंह की क्रिकेट यात्रा केवल मैदान तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि यह उनके माता-पिता के निजी जीवन की जटिलताओं से भी जुड़ी हुई थी। इन चुनौतियों के बावजूद, योगराज सिंह ने युवराज को उस मुकाम तक पहुंचाया, जहां वह भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े मैच-विनर में से एक बने।
युवराज सिंह पर योगराज सिंह का बड़ा बयान
योगराज सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि 'जिस पिता ने खून-पसीना बहाकर, आंसू बहाकर इतनी ऊंचाई तक पहुंचाया, वो तुम्हारे बाबा से कमतर कैसे हो सकता है? कैसे? जिस आदमी ने चार परिवारों का पालन-पोषण किया, उनके लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया, जिसने कभी एक पल भी चैन नहीं लिया, जिसने खुद पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया, तुम उससे मुंह मोड़कर दूसरे बाबा की शरण में चले गए? तुमने अपने पिता के लिए कभी कुर्ता-पायजामा नहीं खरीदा, लेकिन बाबा को 15 लाख की घड़ी भेंट कर दी? मुझे तो किसी ने घर भी नहीं दिया... ये रिश्तेदार कौन हैं? ये बच्चे कौन हैं?' योगराज सिंह के इन दावों ने एक बार फिर युवराज सिंह और उनके पिता के रिश्ते को सवालों के घेरे में ला दिया है।
जब पूरी तरह से अकेले पड़ गए थे योगराज सिंह
योगराज सिंह ने अनटोल्ड पंजाब को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी जिंदगी पूरी तरह से तब बदल गई जब उनके बेटे युवराज सिंह ने जवानी में उन्हें छोड़कर अपनी मां शबनम सिंह के साथ रहने का फैसला किया। योगराज ने खुलासा किया कि जब युवराज ने भारत के लिए डेब्यू किया था, तब वह जेल में थे, लेकिन उन्होंने ठाना था कि वह अपने बेटे को एक दिग्गज क्रिकेटर बनाकर रहेंगे।
उन्होंने बताया कि जब उनकी पूर्व पत्नी और युवराज उनका घर छोड़कर चले गए, तब वह बिल्कुल अकेले पड़ गए और उनका जीवन और भी नियंत्रण से बाहर हो गया। योगराज ने भावुक होते हुए कहा कि 'मैं एक पापी हूं, मैंने अपनी जिंदगी में बहुत गलतियां की हैं। मैं सारी जिंदगी तकलीफ झेलता रहा, लेकिन जिस दिन युवी और उसकी मां ने मुझे छोड़ा, मेरी जिंदगी पलट गई। पर शायद यह होना ही था। मुझे लगता है कि यह भगवान ने मुझे सिखाने के लिए किया।'
बेटे के जाने के बाद अकेलेपन के सवाल पर योगराज ने कहा कि भले ही वह शारीरिक रूप से अकेले थे, लेकिन वह आध्यात्मिक रूप से एक उच्च शक्ति से जुड़े हुए थे। उन्होंने याद किया कि कैसे कई बार उन्हें बिना खाने के रहना पड़ा था। यह खुलासा दिखाता है कि युवराज सिंह की क्रिकेट यात्रा केवल मैदान तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि यह उनके माता-पिता के निजी जीवन की जटिलताओं से भी जुड़ी हुई थी। इन चुनौतियों के बावजूद, योगराज सिंह ने युवराज को उस मुकाम तक पहुंचाया, जहां वह भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े मैच-विनर में से एक बने।
युवराज सिंह पर योगराज सिंह का बड़ा बयान
योगराज सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि 'जिस पिता ने खून-पसीना बहाकर, आंसू बहाकर इतनी ऊंचाई तक पहुंचाया, वो तुम्हारे बाबा से कमतर कैसे हो सकता है? कैसे? जिस आदमी ने चार परिवारों का पालन-पोषण किया, उनके लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया, जिसने कभी एक पल भी चैन नहीं लिया, जिसने खुद पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया, तुम उससे मुंह मोड़कर दूसरे बाबा की शरण में चले गए? तुमने अपने पिता के लिए कभी कुर्ता-पायजामा नहीं खरीदा, लेकिन बाबा को 15 लाख की घड़ी भेंट कर दी? मुझे तो किसी ने घर भी नहीं दिया... ये रिश्तेदार कौन हैं? ये बच्चे कौन हैं?' योगराज सिंह के इन दावों ने एक बार फिर युवराज सिंह और उनके पिता के रिश्ते को सवालों के घेरे में ला दिया है।
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