नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को हरी झंडी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को इस आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। अब यह आयोग अपनी रिपोर्ट 18 महीनों में इसे सौंप देगा। इसके बाद यह रिपोर्ट केंद्रीय कैबिनेट के पास समीक्षा और मंजूरी के लिए जाएगी। जब कैबिनेट किसी वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देती है, तो वह 'फिटमेंट फैक्टर' को भी मंजूरी देती है। फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा मल्टीप्लायर होता है जिससे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी की जाती है। इससे एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर क्या होगा, यह जानने में अभी समय लगेगा। लेकिन यह फिटमेंट फैक्टर आखिर वेतन और पेंशन कैसे तय करता है? इसे कैसे तय किया जाता है? क्या महंगाई भत्ता (DA) का भी इसमें कोई रोल होता है? अगर 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.0 तय हुआ तो वेतन और पेंशन कितनी बढ़ जाएगी? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
वेतन और अन्य भत्तों पर असर
ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लॉइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल बताते हैं कि पिछले वेतन आयोग के हिसाब से कर्मचारी का जो मूल वेतन होता है, उसे नए फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके नए वेतन आयोग के तहत मूल वेतन तय किया जाता है। उदाहरण के लिए अगर किसी को 35,000 रुपये मूल वेतन मिल रहा है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.11 है, तो उसका नया मूल वेतन 73,850 रुपये हो जाएगा।
Nexdigm के डायरेक्टर (पेरोल सर्विसेज) रामाचंद्रन कृष्णमूर्ति कहते हैं कि एचआरए (HRA) जैसे भत्ते, जो मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर तय होते हैं, नए मूल वेतन के तय होते ही अपने आप बढ़ जाएंगे। वहीं, ट्रांसपोर्ट अलाउंस जैसे निश्चित भत्ते आमतौर पर अलग से देखे जाते हैं और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के कुछ महीनों के भीतर इनमें भी बढ़ोतरी हो सकती है।
महंगाई भत्ते का रोल
कर्मचारी का महंगाई भत्ता (DA) सीधे तौर पर फिटमेंट फैक्टर तय नहीं करता है। लेकिन जब कोई वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर तय करता है, तो मूल वेतन के आधार पर गणना किए जाने वाले DA की दर भी एक महत्वपूर्ण कारक होती है। पटेल बताते हैं कि मौजूदा DA 58% है और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने तक इसमें 12% की बढ़ोतरी होती है, तो DA 70% तक पहुंच जाएगा।
इसके अलावा सरकार ग्रोथ फैक्टर की गणना करती है, जो पिछली बार 24% था। फिटमेंट फैक्टर की गणना करते समय वेतन आयोग फैमिली यूनिट्स को भी ध्यान में रखता है, जो पिछली बार 3 थी और इस बार 4 हो सकती है। अगर आयोग 4 फैमिली यूनिट्स को ध्यान में रखता है, तो इसमें एक और 13% की बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है। तो, फिटमेंट फैक्टर इन सब चीजों का एक मिश्रण है।
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
पटेल कहते हैं कि फिटमेंट फैक्टर का असर मूल वेतन और एचआरए पर पड़ता है। लेकिन साथ ही नए वेतन आयोग में DA शून्य हो जाता है। इसलिए कुल मिलाकर वेतन में 20-25% की बढ़ोतरी हो सकती है। कृष्णमूर्ति बताते हैं कि 7वें वेतन आयोग में, सभी स्तरों के लिए 2.57 का एक समान फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। सरकार सरलता के लिए इसी एक समान तरीके को जारी रख सकती है। हालांकि, वेतन असमानताओं को कम करने के लिए निचले वेतन बैंड के लिए थोड़ा अधिक मल्टीप्लायर पर विचार किया जा सकता है।
पटेल का कहना है कि उच्च वेतन स्तर के कर्मचारियों को निचले स्तर के कर्मचारियों की तुलना में पदोन्नति के अधिक अवसर मिलते हैं। इसलिए, वेतन आयोग निम्न-स्तर के कर्मचारियों के लिए उच्च फिटमेंट फैक्टर और उच्च-स्तर के कर्मचारियों के लिए निम्न फिटमेंट फैक्टर रख सकता है। यह वेतन मैट्रिक्स प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कुछ वेतन स्तरों को मर्ज भी कर सकता है। अभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए 18 वेतन स्तर हैं।
दोगुना होगा वेतन?
कृष्णमूर्ति समझाते हैं कि अगर कोई कर्मचारी 7वें वेतन आयोग के तहत 50,000 रुपये मूल वेतन कमा रहा है और 8वां वेतन आयोग 2.0 का फिटमेंट फैक्टर सुझाता है, तो नया मूल वेतन सीधे दोगुना हो जाएगा। यह 50,000 रुपये × 2.0 = 1,00,000 रुपये होगा। इसके बाद संशोधित वेतन मैट्रिक्स कर्मचारी को निकटतम उच्च सेल में रखेगा।
DA, HRA और ट्रांसपोर्ट अलाउंस जैसे भत्तों की बाद में इस नए मूल वेतन के हिसाब से गणना की जाएगी। कृष्णमूर्ति कहते हैं कि केंद्रीय सरकारी पेंशनर्स को आमतौर पर उसी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर संबंधित संशोधन मिलता है। इसलिए यदि फिटमेंट फैक्टर 2.0 है, तो 30,000 रुपये पेंशन पाने वाले पेंशनभोगी की मूल पेंशन लगभग 60,000 रुपये तक बढ़ जाएगी।
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर क्या होगा, यह जानने में अभी समय लगेगा। लेकिन यह फिटमेंट फैक्टर आखिर वेतन और पेंशन कैसे तय करता है? इसे कैसे तय किया जाता है? क्या महंगाई भत्ता (DA) का भी इसमें कोई रोल होता है? अगर 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.0 तय हुआ तो वेतन और पेंशन कितनी बढ़ जाएगी? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
वेतन और अन्य भत्तों पर असर
ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लॉइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल बताते हैं कि पिछले वेतन आयोग के हिसाब से कर्मचारी का जो मूल वेतन होता है, उसे नए फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके नए वेतन आयोग के तहत मूल वेतन तय किया जाता है। उदाहरण के लिए अगर किसी को 35,000 रुपये मूल वेतन मिल रहा है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.11 है, तो उसका नया मूल वेतन 73,850 रुपये हो जाएगा।
Nexdigm के डायरेक्टर (पेरोल सर्विसेज) रामाचंद्रन कृष्णमूर्ति कहते हैं कि एचआरए (HRA) जैसे भत्ते, जो मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर तय होते हैं, नए मूल वेतन के तय होते ही अपने आप बढ़ जाएंगे। वहीं, ट्रांसपोर्ट अलाउंस जैसे निश्चित भत्ते आमतौर पर अलग से देखे जाते हैं और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के कुछ महीनों के भीतर इनमें भी बढ़ोतरी हो सकती है।
महंगाई भत्ते का रोल
कर्मचारी का महंगाई भत्ता (DA) सीधे तौर पर फिटमेंट फैक्टर तय नहीं करता है। लेकिन जब कोई वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर तय करता है, तो मूल वेतन के आधार पर गणना किए जाने वाले DA की दर भी एक महत्वपूर्ण कारक होती है। पटेल बताते हैं कि मौजूदा DA 58% है और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने तक इसमें 12% की बढ़ोतरी होती है, तो DA 70% तक पहुंच जाएगा।
इसके अलावा सरकार ग्रोथ फैक्टर की गणना करती है, जो पिछली बार 24% था। फिटमेंट फैक्टर की गणना करते समय वेतन आयोग फैमिली यूनिट्स को भी ध्यान में रखता है, जो पिछली बार 3 थी और इस बार 4 हो सकती है। अगर आयोग 4 फैमिली यूनिट्स को ध्यान में रखता है, तो इसमें एक और 13% की बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है। तो, फिटमेंट फैक्टर इन सब चीजों का एक मिश्रण है।
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
पटेल कहते हैं कि फिटमेंट फैक्टर का असर मूल वेतन और एचआरए पर पड़ता है। लेकिन साथ ही नए वेतन आयोग में DA शून्य हो जाता है। इसलिए कुल मिलाकर वेतन में 20-25% की बढ़ोतरी हो सकती है। कृष्णमूर्ति बताते हैं कि 7वें वेतन आयोग में, सभी स्तरों के लिए 2.57 का एक समान फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। सरकार सरलता के लिए इसी एक समान तरीके को जारी रख सकती है। हालांकि, वेतन असमानताओं को कम करने के लिए निचले वेतन बैंड के लिए थोड़ा अधिक मल्टीप्लायर पर विचार किया जा सकता है।
पटेल का कहना है कि उच्च वेतन स्तर के कर्मचारियों को निचले स्तर के कर्मचारियों की तुलना में पदोन्नति के अधिक अवसर मिलते हैं। इसलिए, वेतन आयोग निम्न-स्तर के कर्मचारियों के लिए उच्च फिटमेंट फैक्टर और उच्च-स्तर के कर्मचारियों के लिए निम्न फिटमेंट फैक्टर रख सकता है। यह वेतन मैट्रिक्स प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कुछ वेतन स्तरों को मर्ज भी कर सकता है। अभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए 18 वेतन स्तर हैं।
दोगुना होगा वेतन?
कृष्णमूर्ति समझाते हैं कि अगर कोई कर्मचारी 7वें वेतन आयोग के तहत 50,000 रुपये मूल वेतन कमा रहा है और 8वां वेतन आयोग 2.0 का फिटमेंट फैक्टर सुझाता है, तो नया मूल वेतन सीधे दोगुना हो जाएगा। यह 50,000 रुपये × 2.0 = 1,00,000 रुपये होगा। इसके बाद संशोधित वेतन मैट्रिक्स कर्मचारी को निकटतम उच्च सेल में रखेगा।
DA, HRA और ट्रांसपोर्ट अलाउंस जैसे भत्तों की बाद में इस नए मूल वेतन के हिसाब से गणना की जाएगी। कृष्णमूर्ति कहते हैं कि केंद्रीय सरकारी पेंशनर्स को आमतौर पर उसी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर संबंधित संशोधन मिलता है। इसलिए यदि फिटमेंट फैक्टर 2.0 है, तो 30,000 रुपये पेंशन पाने वाले पेंशनभोगी की मूल पेंशन लगभग 60,000 रुपये तक बढ़ जाएगी।
You may also like

Ind vs SA Final: इस बार मिलेगा नया वर्ल्ड चैंपियन, जानें भारत-साउथ अफ्रीका के बीच कब होगा महिला विश्व कप फाइनल

फिर निरहुआ, कंगना क्या हैं? खेसारी लाल यादव को नचनिया कहने पर लालू की बेटी रोहिणी ने पूछा सियासी सवाल, जानें

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी : पीएम मोदी ने 150वीं जयंती पर स्मारक सिक्का अनावरण किया

किसानों की पहल पर 'जीवन विद्या सम्मेलन' का आगाज

बच्चों के मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता की नियमित करें जांच : उपायुक्त




