नई दिल्ली: भारत सरकार ने बुधवार को कहा कि वो थाइलैंड के प्रशासन के साथ उन भारतीयों की वापसी के लिए काम कर रही है,जो म्यांमार में धोखाधड़ी के सेंटर से भागकर वहां पहुंचे थे। बता दें कि इससे पहले थाईलैंड के पीएम ने कहा था कि भारत की ओर से एक स्पेशल फ्लाइट के जरिए पाxच सौ भारतीयों को वहां से निकाल कर ले जाया जाएगा।   
   
कार्यवाही के समय जाल में फंसे भारतीय
दरअसल भारत और चीन समेत करीब 28 देशों के 1500 से ज्यादा लोग उस वक्त म्यांमार के चीनी समर्थित केके पार्क, (साइबर स्कैम ) से भाग कर थाईलैंड के सीमावर्ती इलाके में आ गए, जब वहां मिलिट्री की कार्यवाही हुई थी।
   
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर दी सूचना
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान जारी कर कहा कि थाई प्रशासन के द्वारा हिरासत में लिए गए भारतीयों के बारे में हमें जानकारी है। वो बीते दिनों म्यांमार से थाईलैंड में चले गए थे।
   
थाई प्रशासन के साथ काम कर रही भारत सरकार
भारत सरकार इस संबंध में थाई प्रशासन के साथ नजदीकी से काम कर रही है, जिसके तहत इनकी नागरिकता प्रमाणित किए जाने के साथ साथ वो ज़रूरी क़ानूनी कार्रवाई भी की जा रही है, जिससे कि उन्हें वापस लाया जा सके। हालांकि इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि इन्हें वापस लाए जाने की फ्लाइट कब वहां पहुंचेगी।
   
अच्छी सैलरी के लालच में फंसे भारतीय
दरअसल इनमें से ज्यादातर वो भारतीय हैं जो म्यांमार के केकपार्क में साइबर स्कैम गतिविधियों का शिकार हुए हैं। इन लोगों को अच्छी सैलरी और दूसरे प्रलोभनों केजरिए साइबर धोखाधड़ी के इन सेंटर्स में काम करने के लिए मजबूर किया गया।
   
पहले भी आई थी खबरेंइसी साल मार्च में भारतीय सेना के दो एयरक्राफ्ट ने म्यांमार में फंसे ऐसे साढ़े पांच सौ से ज्यादा भारतीयों को एयरलिफ्ट किया था। दो बैचों में इन लोगों को भारत लाया गया था। दरअसल पिछले साल बीती 29 मार्च को कंबोडिया में भी रोजगार के नाम पर सैंकडों लोगों से जबरन साइबर फ्रॉड कराए जाने की खबर सामने आई थी।
   
मंत्रालय ने जारी की थी एडवाइजरी
इसके बाद विदेश मंत्रालय ने एक एडवाइजरी में कहा था कि जो भी लोग नौकरी के लिए कंबोडिया जाना चाहते हैं वो सिर्फ ऑथोराइज्ड एजेंट्स के जरिए जाएं। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने बताया था कि वहां से 250 लोगों को रेस्क्यू कर वापस लाया गया है। इन देशों में इस तरह की धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहे हैं
   
   
  
कार्यवाही के समय जाल में फंसे भारतीय
दरअसल भारत और चीन समेत करीब 28 देशों के 1500 से ज्यादा लोग उस वक्त म्यांमार के चीनी समर्थित केके पार्क, (साइबर स्कैम ) से भाग कर थाईलैंड के सीमावर्ती इलाके में आ गए, जब वहां मिलिट्री की कार्यवाही हुई थी।
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर दी सूचना
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान जारी कर कहा कि थाई प्रशासन के द्वारा हिरासत में लिए गए भारतीयों के बारे में हमें जानकारी है। वो बीते दिनों म्यांमार से थाईलैंड में चले गए थे।
थाई प्रशासन के साथ काम कर रही भारत सरकार
भारत सरकार इस संबंध में थाई प्रशासन के साथ नजदीकी से काम कर रही है, जिसके तहत इनकी नागरिकता प्रमाणित किए जाने के साथ साथ वो ज़रूरी क़ानूनी कार्रवाई भी की जा रही है, जिससे कि उन्हें वापस लाया जा सके। हालांकि इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि इन्हें वापस लाए जाने की फ्लाइट कब वहां पहुंचेगी।
अच्छी सैलरी के लालच में फंसे भारतीय
दरअसल इनमें से ज्यादातर वो भारतीय हैं जो म्यांमार के केकपार्क में साइबर स्कैम गतिविधियों का शिकार हुए हैं। इन लोगों को अच्छी सैलरी और दूसरे प्रलोभनों केजरिए साइबर धोखाधड़ी के इन सेंटर्स में काम करने के लिए मजबूर किया गया।
पहले भी आई थी खबरेंइसी साल मार्च में भारतीय सेना के दो एयरक्राफ्ट ने म्यांमार में फंसे ऐसे साढ़े पांच सौ से ज्यादा भारतीयों को एयरलिफ्ट किया था। दो बैचों में इन लोगों को भारत लाया गया था। दरअसल पिछले साल बीती 29 मार्च को कंबोडिया में भी रोजगार के नाम पर सैंकडों लोगों से जबरन साइबर फ्रॉड कराए जाने की खबर सामने आई थी।
मंत्रालय ने जारी की थी एडवाइजरी
इसके बाद विदेश मंत्रालय ने एक एडवाइजरी में कहा था कि जो भी लोग नौकरी के लिए कंबोडिया जाना चाहते हैं वो सिर्फ ऑथोराइज्ड एजेंट्स के जरिए जाएं। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने बताया था कि वहां से 250 लोगों को रेस्क्यू कर वापस लाया गया है। इन देशों में इस तरह की धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहे हैं
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