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'सिरहाने खड़े थे यमराज', नहीं थी कोई उम्मीद! फिर नाती ने पास बैठकर पुकारा और 22 दिन बाद कोमा से लौट आई नानी

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प्रयागराज: कैंट अस्‍पताल में भर्ती 52 साल की चमेला देवी और उनका पांच साल का नाती सार्थक बीते 24 सितंबर को सड़क हादसे में घायल हो गए थे। नाती को बचाने के प्रयास में चमेला देवी के सिर में गहरी चोट आई और वह कोमा में चली गईं। डॉक्‍टर लगातार उनका इलाज कर रहे थे पर उन्‍हें होश में नहीं लाया जा सका। इसके बाद डॉक्‍टरों ने नाती और नानी के प्यार को थेरेपी के रूप में इस्तेमाल किया। नाती रोज अस्‍पताल आता और नानी-नानी पुकारने लगता। ये थेरेपी काम कर गई और 22 दिन बाद चमेला देवी को होश आ गया।

होश में आने के बाद डॉक्‍टरों ने जब चमेला देवी की जांच की तो पता चला कि उनके बाएं आंख की रोशनी चली गई है। साथ ही उनके मुंह से आवाज भी नहीं निकल रही थी। डॉक्‍टरों का कहना है कि 15 से 20 दिनों में आवाज वापस आने लगेगी। होश में आने के बाद शुक्रवार को मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

सिर पर लगे थे 25 टांकेप्रतापगढ़ के कोरट डी निवासी इंद्रजीत की पत्नी चमेला देवी के पांच वर्षीय नाती सार्थक को टाइप टू डायबिटीज की शिकायत है। वह नाती को दवा दिलाने के लिए घर के पास स्थित मेडिकल स्टोर पैदल जा रही थीं। तभी सामने से आ रही एक अनियंत्रित कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी थी। पहले उनको जिला अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। फिर प्रयागराज कैंट हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्‍टरों ने मरीज के सिर पर 25 टांके लगाए। इसके बाद महिला कोमा में चली गई।

नाती के अस्‍पताल आने के पांचवें दिन ही नानी को आ गया होशयहां न्यूरो मेडिसिन सिद्धार्थ सिंह, लखनऊ के न्यूरो मेडिसिन विभाग के डॉ. देबूजीत और मेडिसिन विभाग की डॉ. वैशाली सिंह ने चमोली देवी का उपचार शुरू किया। करीब 18 दिन बाद डॉक्‍टरों ने नाती सार्थक को अस्पताल बुलाया। उन्होंने नाती को नानी के पास बैठकर उन्हें पुकारने के लिए कहा। नाती रोज अस्पताल पहुंचता और नानी-नानी पुकारने लगता। पांचवें दिन नाती के पुकारते ही नानी चमेला को होश आ गया और उनकी आंखें खुल गईं।
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