इस्लामाबाद/वॉशिंगटन: पाकिस्तान दुनिया का इकलौता देश है जो अपने अस्तित्व में आने के बाद बार बार अमेरिका को चूना लगा रहा है। इस बार पाकिस्तानी नेताओं की 'तेल मालिश' में डोनाल्ड ट्रंप फंसे हैं। ये वही ट्रंप हैं, जिन्होंने अपने पहले कार्यकाल में पाकिस्तान को 'धोखेबाज' बताकर उसकी सैन्य मदद पूरी तरह से रोक दी थी। लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रंप पाकिस्तान के झांसे में आ चुके हैं। पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति की आंखों में फिर धूल झोंक दिया है। ये वो पाकिस्तान है, जहां की राजधानी इस्लामाबाद में अभी पेट्रोल की कीमत 272 रुपये प्रति लीटर है। ईरानी तेल की तस्करी से कई देश के बड़े हिस्से में गाड़ियों में ईंधन डाला जाता है। फिर भी ट्रंप ख्वाहिश जता रहे हैं कि 'एक दिन ऐसा आएगा जब भारत, पाकिस्तान से तेल खरीदेगा।'
भारतीय उत्पादों पर 25% आयात शुल्क और जुर्माना लगाने की घोषणा के एक दिन बाद डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा कर डाली कि अमेरिका ने पाकिस्तान से एक समझौता किया है, जिसके तहत इस्लामाबाद और वाशिंगटन मिलकर पाकिस्तान के "विशाल तेल भंडार" को विकसित करेंगे। उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "कौन जानता है, शायद वे (पाकिस्तान) किसी दिन भारत को तेल बेचेंगे।" उनका बयान भारत विरोधी है। साल 2019 में पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्रंप को ये चूरन चटाया था, जिसका असर अमेरिकी राष्ट्रपति के सिर पर अभी भी सवार है।
इमरान खान ने 2019 में चटाया था चूरन
मार्च 2019 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान में विशालकाय तेल भंडार होने का दावा किया था। उन्होंने देश की जनता के सामने दावा किया था कि देश में इतना विशालकाय तेल भंडार है, कि कुछ सालों में सऊदी भी पीछे हो जाएगा। इमरान खान ने पाकिस्तान में 'एशिया का सबसे बड़ा तेल भंडार' होने का दावा किया था। हालांकि इमरान खान के ऐलान के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्रालय ने दावे का खंडन कर दिया। डॉन अखबार में मार्च 2019 में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने तेल की खोज के लिए ड्रिलिंग किया था, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं निकले। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्सॉनमोबिल, ईएनआई, पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड और ऑयल एंड गैस डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड ने 5500 मीटर की ड्रिलिंग की थी, लेकिन उन्हें कोई तेल या गैस भंडार नहीं मिला। उस वक्त डॉन को पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था कि 'ड्रिलिंग का काम बंद कर दिया गया है। कोई तेल या गैस नहीं है।'
ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान के पास बिल्कुल तेल भंडार नहीं है। साल 2016 में पाकिस्तान में तेल भंडार की खोज की गई थी। लेकिन पेट्रोल भंडार का पता लगाने के बाद एजेंसियों ने अनुमान लगाया कि देश के पास 353.5 मिलियन बैरल के प्रमाणित तेल भंडार हैं। यानि वैश्विक स्तर पर सिर्फ 0.021% है। इस तेल भंडार के साथ पाकिस्तान को दुनिया में 52वें नंबर पर रखा गया। जबकि इसकी तुलना भारत से की जाए तो भारत के पास प्रमाणित तौर पर करीब 4.9 बिलियन बैरल का भंडार है और भारत दुनिया के टॉप-25 देशों में शामिल है। पाकिस्तान के पास जितना तेल है, अगर उसे पूरा निकाल लिया जाए तो सिर्फ 2 सालों का काम चलेगा।
ईरान से तेल की तस्करी करता है पाकिस्तान
पाकिस्तान के लिए एक दिक्कत ये भी है कि जो भी तेल भंडार है वो बलूचिस्तान में है, जहां बलूचों का नियंत्रण धीरे धीरे बढ़ रहा है। साल 2024 में डॉन अखबार में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि "तेल इंडस्ट्री की बड़ी कंपनियां, जैसे टोटल, शेल और एनी किसी न किसी बहाने पाकिस्तान से बाहर निकल गई हैं। सुरक्षा एक बड़ी चिंता बनी हुई है।" इसके अलावा ईरान इंटरनेशनल ने पाकिस्तान की खुफिया सैन्य विभाग 2024 की एक रिपोर्ट से खुलासा किया था कि पाकिस्तान की ईंधन जरूरतों का लगभग 14% हिस्सा ईरान से तस्करी किए गए तेल से पूरा होता है। 2023 में करीब 1.02 बिलियन डॉलर की ईरानी पेट्रोल और डीजल पाकिस्तान में अवैध रूप से पहुंची। हर दिन पाकिस्तान की करीब 2,000 गाड़ियां 50 से 60 लाख लीटर तेल सीमा पार कर लाती हैं। इससे साफ होता है कि पाकिस्तान ने अमेरिका से झूठ बोला है। द वॉयस ऑफ अमेरिका के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया है कि बलूचिस्तान में लगभग 24 लाख लोग अपनी आजीविका के लिए इस अवैध व्यापार पर निर्भर हैं। इसका एक बड़ा हिस्सा बलूच विद्रोहियों के पास पहुंचता है, जिससे बलूचिस्तान को आजाद करवाने दी जंग लड़ी जा रही है।
भारतीय उत्पादों पर 25% आयात शुल्क और जुर्माना लगाने की घोषणा के एक दिन बाद डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा कर डाली कि अमेरिका ने पाकिस्तान से एक समझौता किया है, जिसके तहत इस्लामाबाद और वाशिंगटन मिलकर पाकिस्तान के "विशाल तेल भंडार" को विकसित करेंगे। उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "कौन जानता है, शायद वे (पाकिस्तान) किसी दिन भारत को तेल बेचेंगे।" उनका बयान भारत विरोधी है। साल 2019 में पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्रंप को ये चूरन चटाया था, जिसका असर अमेरिकी राष्ट्रपति के सिर पर अभी भी सवार है।
इमरान खान ने 2019 में चटाया था चूरन
मार्च 2019 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान में विशालकाय तेल भंडार होने का दावा किया था। उन्होंने देश की जनता के सामने दावा किया था कि देश में इतना विशालकाय तेल भंडार है, कि कुछ सालों में सऊदी भी पीछे हो जाएगा। इमरान खान ने पाकिस्तान में 'एशिया का सबसे बड़ा तेल भंडार' होने का दावा किया था। हालांकि इमरान खान के ऐलान के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्रालय ने दावे का खंडन कर दिया। डॉन अखबार में मार्च 2019 में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने तेल की खोज के लिए ड्रिलिंग किया था, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं निकले। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्सॉनमोबिल, ईएनआई, पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड और ऑयल एंड गैस डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड ने 5500 मीटर की ड्रिलिंग की थी, लेकिन उन्हें कोई तेल या गैस भंडार नहीं मिला। उस वक्त डॉन को पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था कि 'ड्रिलिंग का काम बंद कर दिया गया है। कोई तेल या गैस नहीं है।'
ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान के पास बिल्कुल तेल भंडार नहीं है। साल 2016 में पाकिस्तान में तेल भंडार की खोज की गई थी। लेकिन पेट्रोल भंडार का पता लगाने के बाद एजेंसियों ने अनुमान लगाया कि देश के पास 353.5 मिलियन बैरल के प्रमाणित तेल भंडार हैं। यानि वैश्विक स्तर पर सिर्फ 0.021% है। इस तेल भंडार के साथ पाकिस्तान को दुनिया में 52वें नंबर पर रखा गया। जबकि इसकी तुलना भारत से की जाए तो भारत के पास प्रमाणित तौर पर करीब 4.9 बिलियन बैरल का भंडार है और भारत दुनिया के टॉप-25 देशों में शामिल है। पाकिस्तान के पास जितना तेल है, अगर उसे पूरा निकाल लिया जाए तो सिर्फ 2 सालों का काम चलेगा।
ईरान से तेल की तस्करी करता है पाकिस्तान
पाकिस्तान के लिए एक दिक्कत ये भी है कि जो भी तेल भंडार है वो बलूचिस्तान में है, जहां बलूचों का नियंत्रण धीरे धीरे बढ़ रहा है। साल 2024 में डॉन अखबार में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि "तेल इंडस्ट्री की बड़ी कंपनियां, जैसे टोटल, शेल और एनी किसी न किसी बहाने पाकिस्तान से बाहर निकल गई हैं। सुरक्षा एक बड़ी चिंता बनी हुई है।" इसके अलावा ईरान इंटरनेशनल ने पाकिस्तान की खुफिया सैन्य विभाग 2024 की एक रिपोर्ट से खुलासा किया था कि पाकिस्तान की ईंधन जरूरतों का लगभग 14% हिस्सा ईरान से तस्करी किए गए तेल से पूरा होता है। 2023 में करीब 1.02 बिलियन डॉलर की ईरानी पेट्रोल और डीजल पाकिस्तान में अवैध रूप से पहुंची। हर दिन पाकिस्तान की करीब 2,000 गाड़ियां 50 से 60 लाख लीटर तेल सीमा पार कर लाती हैं। इससे साफ होता है कि पाकिस्तान ने अमेरिका से झूठ बोला है। द वॉयस ऑफ अमेरिका के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया है कि बलूचिस्तान में लगभग 24 लाख लोग अपनी आजीविका के लिए इस अवैध व्यापार पर निर्भर हैं। इसका एक बड़ा हिस्सा बलूच विद्रोहियों के पास पहुंचता है, जिससे बलूचिस्तान को आजाद करवाने दी जंग लड़ी जा रही है।
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