नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के रिश्तों में पिछले कुछ समय से तनाव है। इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति है। अमेरिका ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगाया है। इसके बावजूद अमेरिका भारत का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन बना हुआ है। यह साफ दिखाता है कि अमेरिका भारत के लिए कितना जरूरी है। अगस्त में भारत का निर्यात 6.7% बढ़कर 35.1 अरब डॉलर हो गया। भारत ने इस दौरान 6.86 अरब डॉलर का सामान अमेरिका को भेजा। यह पिछले साल के मुकाबले 7.15% ज्यादा है। हालांकि, मासिक आधार पर इसमें करीब 14% की गिरावट आई है। इससे यह भी पता चलता है कि अमेरिका के साथ भारत को अपने रिश्ते सुधारने के लिए क्यों तेजी से कोशिश करनी चाहिए। भारत के सामने अभी ऐसा कोई देश नहीं है जो अमेरिका की जगह ले सके।
अगस्त में देश का निर्यात बढ़ा है। यह 6.7 फीसदी बढ़कर 35.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वहीं, आयात में गिरावट आई है। यह 10.12 फीसदी घटकर 61.59 अरब डॉलर रह गया। यह जानकारी सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से मिली है।
अमेरिका ने खरीदा सबसे ज्यादा भारतीय सामान
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने सोने का आयात लगभग 57 फीसदी कम हुआ है। इसलिए, देश का व्यापार घाटा 26.49 अरब डॉलर पर आ गया। पिछले साल इसी महीने में यह 35.64 अरब डॉलर था। इसका मतलब है कि व्यापार घाटा कम हुआ है।
अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर विवाद हैं। इसके बाद भी अमेरिका भारत का सबसे बड़ा सामान खरीदने वाला देश बना हुआ है। अगस्त में 6.86 अरब डॉलर का सामान अमेरिका को भेजा गया। यह पिछले साल के मुकाबले 7.15 फीसदी ज्यादा है।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) 3.24 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर रहा। नीदरलैंड 1.83 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान है। भारत से चीन को 1.21 अरब डॉलर का सामान भेजा गया। इस सूची में चीन चौथे स्थान पर है। ब्रिटेन 1.14 अरब डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर है।
आयात के मामले में चीन सबसे आगे है। चीन से 10.91 अरब डॉलर का सामान भारत में आया। रूस 4.83 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है। यूएई 4.66 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर, अमेरिका 3.6 अरब डॉलर के साथ चौथे स्थान पर और सऊदी अरब 2.5 अरब डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर है। इसका मतलब है कि इन देशों से भारत में सबसे ज्यादा सामान आया।
क्या हुआ निर्यात, क्या आयात
अगस्त में वस्तुओं और सेवाओं को मिलाकर कुल निर्यात 69.16 अरब डॉलर रहा। वहीं, आयात 79.04 अरब डॉलर रहा। इस तरह देश का व्यापार घाटा 9.88 अरब डॉलर रहा। व्यापार घाटा का मतलब है कि हमने जितना सामान बेचा, उससे ज्यादा खरीदा।
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त 2025) में देश का कुल निर्यात बढ़ा है। यह 6.18 फीसदी बढ़कर 349.35 अरब डॉलर हो गया है। पिछले साल इसी समय में यह 329.03 अरब डॉलर था।
पिछले महीने कुछ चीजों का निर्यात बहुत ज्यादा हुआ। इनमें इंजीनियरिंग के सामान (9.9 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (4.48 अरब डॉलर), इलेक्ट्रॉनिक सामान (2.93 अरब डॉलर), दवाएं (2.51 अरब डॉलर) और रत्न एवं आभूषण (2.31 अरब डॉलर) शामिल हैं।
आयात के मामले में पेट्रोलियम उत्पाद (13.26 अरब डॉलर), इलेक्ट्रॉनिक सामान (9.73 अरब डॉलर), रसायन (2.49 अरब डॉलर), वनस्पति तेल (2 अरब डॉलर), कोयला एवं कोक (2 अरब डॉलर) और उर्वरक (1.65 अरब डॉलर) सबसे आगे रहे।
अगस्त में देश का निर्यात बढ़ा है। यह 6.7 फीसदी बढ़कर 35.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वहीं, आयात में गिरावट आई है। यह 10.12 फीसदी घटकर 61.59 अरब डॉलर रह गया। यह जानकारी सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से मिली है।
अमेरिका ने खरीदा सबसे ज्यादा भारतीय सामान
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने सोने का आयात लगभग 57 फीसदी कम हुआ है। इसलिए, देश का व्यापार घाटा 26.49 अरब डॉलर पर आ गया। पिछले साल इसी महीने में यह 35.64 अरब डॉलर था। इसका मतलब है कि व्यापार घाटा कम हुआ है।
अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर विवाद हैं। इसके बाद भी अमेरिका भारत का सबसे बड़ा सामान खरीदने वाला देश बना हुआ है। अगस्त में 6.86 अरब डॉलर का सामान अमेरिका को भेजा गया। यह पिछले साल के मुकाबले 7.15 फीसदी ज्यादा है।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) 3.24 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर रहा। नीदरलैंड 1.83 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान है। भारत से चीन को 1.21 अरब डॉलर का सामान भेजा गया। इस सूची में चीन चौथे स्थान पर है। ब्रिटेन 1.14 अरब डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर है।
आयात के मामले में चीन सबसे आगे है। चीन से 10.91 अरब डॉलर का सामान भारत में आया। रूस 4.83 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है। यूएई 4.66 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर, अमेरिका 3.6 अरब डॉलर के साथ चौथे स्थान पर और सऊदी अरब 2.5 अरब डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर है। इसका मतलब है कि इन देशों से भारत में सबसे ज्यादा सामान आया।
क्या हुआ निर्यात, क्या आयात
अगस्त में वस्तुओं और सेवाओं को मिलाकर कुल निर्यात 69.16 अरब डॉलर रहा। वहीं, आयात 79.04 अरब डॉलर रहा। इस तरह देश का व्यापार घाटा 9.88 अरब डॉलर रहा। व्यापार घाटा का मतलब है कि हमने जितना सामान बेचा, उससे ज्यादा खरीदा।
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त 2025) में देश का कुल निर्यात बढ़ा है। यह 6.18 फीसदी बढ़कर 349.35 अरब डॉलर हो गया है। पिछले साल इसी समय में यह 329.03 अरब डॉलर था।
पिछले महीने कुछ चीजों का निर्यात बहुत ज्यादा हुआ। इनमें इंजीनियरिंग के सामान (9.9 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (4.48 अरब डॉलर), इलेक्ट्रॉनिक सामान (2.93 अरब डॉलर), दवाएं (2.51 अरब डॉलर) और रत्न एवं आभूषण (2.31 अरब डॉलर) शामिल हैं।
आयात के मामले में पेट्रोलियम उत्पाद (13.26 अरब डॉलर), इलेक्ट्रॉनिक सामान (9.73 अरब डॉलर), रसायन (2.49 अरब डॉलर), वनस्पति तेल (2 अरब डॉलर), कोयला एवं कोक (2 अरब डॉलर) और उर्वरक (1.65 अरब डॉलर) सबसे आगे रहे।
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