नई दिल्ली: भारत-अमेरिका के बीच व्यापार और टैरिफ को लेकर बातचीत जारी है। इस बीच वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत की व्यापार वार्ता निष्पक्षता और आपसी लाभ के सिद्धांतों पर आधारित है। यह किसी भी डेडलाइन से तय नहीं होती है। अमेरिका की ओर से भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने के बाद भी भारत बातचीत के लिए तैयार है। भारत अन्य देशों जैसे यूरोपीय संघ, चिली, पेरू, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ओमान के साथ भी व्यापारिक समझौते कर रहा है। इस तरह भारत ने अमेरिका के सामने साफ लकीर खींच दी है। उसने साफ कर दिया है कि वह किसी भी सूरत में दबाव में आकर कोई खराब समझौता नहीं करेगा।
पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में कहा कि हम व्यापार सौदे कभी भी समय सीमा के साथ नहीं करते हैं। हम केवल अच्छे व्यापार सौदे करते हैं जो दोनों के लिए फायदेमंद हों। उनका कहना था कि भारत पर समझौते को जल्दबाजी में पूरा करने का कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा कि हम हमेशा एक न्यायसंगत और आपसी लाभ वाले व्यापार सौदे के लिए तैयार हैं।
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत चल रही है। गोयल ने यह भी बताया कि भारत अमेरिका के साथ बीटीए पर बातचीत कर रहा है। इस समझौते पर बातचीत मार्च में शुरू हुई थी। अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन, 27 अगस्त से अमेरिका की ओर से भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने के बाद अमेरिका ने 25 अगस्त को होने वाली छठे दौर की यात्रा को स्थगित कर दिया।
बहुत कुछ हुआ है, बहुत कुछ बाकीपीयूष गोयल के मुताबिक, भारत यूरोपीय संघ, चिली, पेरू, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ओमान जैसे देशों के साथ भी नए व्यापारिक समझौते कर रहा है। उसने EFTA ब्लॉक, ब्रिटेन, यूएई के साथ पहले ही समझौते कर लिए हैं। गोयल ने कहा कि बहुत कुछ हुआ है और बहुत कुछ होना बाकी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत वैश्विक विकास में 18% का योगदान देता है।
ट्रेड डील पर दोबारा बातचीत शुरू होने की उम्मीद
28 अगस्त को 'द इकोनॉमिक टाइम्स' ने बताया था कि भारत अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत फिर से शुरू करने की उम्मीद कर रहा है। इसके लिए भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ को हटाना जरूरी है। ब्लूमबर्ग ने भी बताया कि अनौपचारिक बातचीत चल रही है और भारत की तत्काल जवाबी कार्रवाई करने की कोई योजना नहीं है।
अमेरिका की ओर से 27 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बाद भारतीय निर्यातकों को एक बड़ा झटका लगा है। इससे कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया है। यह कदम भारत की ओर से रूसी तेल के आयात के कारण उठाया गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने भारत पर यूक्रेन में रूस के युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक मदद देने का आरोप लगाया है। इनमें व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो और वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट शामिल हैं।
पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में कहा कि हम व्यापार सौदे कभी भी समय सीमा के साथ नहीं करते हैं। हम केवल अच्छे व्यापार सौदे करते हैं जो दोनों के लिए फायदेमंद हों। उनका कहना था कि भारत पर समझौते को जल्दबाजी में पूरा करने का कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा कि हम हमेशा एक न्यायसंगत और आपसी लाभ वाले व्यापार सौदे के लिए तैयार हैं।
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत चल रही है। गोयल ने यह भी बताया कि भारत अमेरिका के साथ बीटीए पर बातचीत कर रहा है। इस समझौते पर बातचीत मार्च में शुरू हुई थी। अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन, 27 अगस्त से अमेरिका की ओर से भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने के बाद अमेरिका ने 25 अगस्त को होने वाली छठे दौर की यात्रा को स्थगित कर दिया।
बहुत कुछ हुआ है, बहुत कुछ बाकीपीयूष गोयल के मुताबिक, भारत यूरोपीय संघ, चिली, पेरू, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ओमान जैसे देशों के साथ भी नए व्यापारिक समझौते कर रहा है। उसने EFTA ब्लॉक, ब्रिटेन, यूएई के साथ पहले ही समझौते कर लिए हैं। गोयल ने कहा कि बहुत कुछ हुआ है और बहुत कुछ होना बाकी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत वैश्विक विकास में 18% का योगदान देता है।
ट्रेड डील पर दोबारा बातचीत शुरू होने की उम्मीद
28 अगस्त को 'द इकोनॉमिक टाइम्स' ने बताया था कि भारत अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत फिर से शुरू करने की उम्मीद कर रहा है। इसके लिए भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ को हटाना जरूरी है। ब्लूमबर्ग ने भी बताया कि अनौपचारिक बातचीत चल रही है और भारत की तत्काल जवाबी कार्रवाई करने की कोई योजना नहीं है।
अमेरिका की ओर से 27 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बाद भारतीय निर्यातकों को एक बड़ा झटका लगा है। इससे कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया है। यह कदम भारत की ओर से रूसी तेल के आयात के कारण उठाया गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने भारत पर यूक्रेन में रूस के युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक मदद देने का आरोप लगाया है। इनमें व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो और वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट शामिल हैं।
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