नई दिल्ली: फार्मेसी में पीएचडी करने वाले एक व्यक्ति ने सौर ऊर्जा से चलने वाली फैक्ट्री में ऑर्गेनिक आइसक्रीम बनाया। सुन कर आश्चर्य लगता है ना? लेकिन उद्यमी सुहास शेट्टी ने ऐसा कर दिखाया। वह भारत में मिलने वाली आइसक्रीम को बदलना चाहते थे। वह चाहते थे कि आइसक्रीम को बनाने में वेजीटेबल ऑयल खास कर पाम ऑयल का इस्तेमाल न किया जाए। इसके बजाय वह ऑर्गेनिक तरीके से बने और स्वादिष्ट भी हो।
ऐसा कर दिखायासुहास ने बिना रिफाइंड चीनी, केमिकल प्रिजर्वेटिव, आर्टिफिशियल कलर, वेजीटेबल आॉयल और प्रिजर्वेटिव के सहारे डिब्बाबंद किए गए फलों का इस्तेमाल किए बगैर टेस्टी आइसक्रीम बनाई। सुहास बताते हैं कि वह आइसक्रीम में केमिकल प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल करने के बजाय प्राकृतिक गोंद का इस्तेमाल किया। गोंद भी एक प्रिजर्वेटिव की तरह काम करता है। वे कहते हैं, 'यह ऑर्गेनिक है और इससे हमें फ्लेवर के हिसाब से छह से आठ महीने की शेल्फ लाइफ मिलती है।' सुहास के पास पाक कला का कोई औपचारिक ज्ञान नहीं था। उनके पास फार्मेसी में पीएचडी है। उन्हें पहले उद्यमिता का कोई अनुभव नहीं था, इसलिए बिजनेस को बढ़ाना एक चुनौती थी।
देसी चीजों का किया इस्तेमालसुहास फ्लेवर को बेहतर बनाने के लिए दृढ़ थे। उन्होंने मुख्य सामग्री की बजाय देसी दूध, मिश्री (रॉक शुगर), स्टीविया, ऑर्गेनिक बटर और सब्जियों से निकाले गए रंगों का इस्तेमाल किया। आज उनकी आइसक्रीम के ब्रांड आइसबर्ग आइसक्रीम (Ice Berg Ice Creams) के 75 आउटलेट हैं। इसी से इस ब्रांड की सफलता का पता चलता है।
उनके मेनू में एक खास फ्लेवर चारकोल है। इससे काले रंग की आइसक्रीम बनती है। सुहास बताते हैं, 'हम नारियल के खोल को जलाकर चारकोल बनाते हैं। फिर उस चारकोल को अपनी चारकोल आइसक्रीम में इस्तेमाल करते हैं।' ब्रांड ने हाल ही में ऊंटनी के दूध की आइसक्रीम, बकरी के दूध की आइसक्रीम और गधी के दूध की आइसक्रीम भी बनाई है।
कितना है टर्नओवर?आइसबर्ग ऑर्गेनिक आइसक्रीम ब्रांड की आइसक्रीम न केवल लोगों को पसंद आ रही है, बल्कि धरती को सुरक्षित रखने में भी मदद कर रही है। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में उनकी फैक्ट्री 95 प्रतिशत सौर ऊर्जा से चलती है। इनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 25 करोड़ रुपये है।
सुहास शेट्टी ने दिखाया है कि अगर आपके पास कुछ अलग करने का जुनून है, तो आप किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि आप बिना किसी अनुभव के भी एक सफल बिजनेस बना सकते हैं। बस आपको मेहनत और लगन से काम करना होगा। उनकी कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं।
हेल्दी चीजों पर फोकससुहास का कहना है कि वे हमेशा से ही लोगों को स्वस्थ और स्वादिष्ट चीजें देना चाहते थे। इसलिए उन्होंने ऑर्गेनिक आइसक्रीम बनाने का फैसला किया। वे कहते हैं कि वे अपनी आइसक्रीम में किसी भी तरह के हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वे केवल प्राकृतिक और ऑर्गेनिक चीजों का इस्तेमाल करते हैं।
सुहास की आइसक्रीम बच्चों और बड़ों दोनों को पसंद आती है। उनकी आइसक्रीम में कई तरह के फ्लेवर उपलब्ध हैं। आप अपनी पसंद के हिसाब से कोई भी फ्लेवर चुन सकते हैं। उनकी आइसक्रीम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध है। आप इसे किसी भी आइसक्रीम पार्लर या सुपरमार्केट से खरीद सकते हैं।
ऐसा कर दिखायासुहास ने बिना रिफाइंड चीनी, केमिकल प्रिजर्वेटिव, आर्टिफिशियल कलर, वेजीटेबल आॉयल और प्रिजर्वेटिव के सहारे डिब्बाबंद किए गए फलों का इस्तेमाल किए बगैर टेस्टी आइसक्रीम बनाई। सुहास बताते हैं कि वह आइसक्रीम में केमिकल प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल करने के बजाय प्राकृतिक गोंद का इस्तेमाल किया। गोंद भी एक प्रिजर्वेटिव की तरह काम करता है। वे कहते हैं, 'यह ऑर्गेनिक है और इससे हमें फ्लेवर के हिसाब से छह से आठ महीने की शेल्फ लाइफ मिलती है।' सुहास के पास पाक कला का कोई औपचारिक ज्ञान नहीं था। उनके पास फार्मेसी में पीएचडी है। उन्हें पहले उद्यमिता का कोई अनुभव नहीं था, इसलिए बिजनेस को बढ़ाना एक चुनौती थी।
देसी चीजों का किया इस्तेमालसुहास फ्लेवर को बेहतर बनाने के लिए दृढ़ थे। उन्होंने मुख्य सामग्री की बजाय देसी दूध, मिश्री (रॉक शुगर), स्टीविया, ऑर्गेनिक बटर और सब्जियों से निकाले गए रंगों का इस्तेमाल किया। आज उनकी आइसक्रीम के ब्रांड आइसबर्ग आइसक्रीम (Ice Berg Ice Creams) के 75 आउटलेट हैं। इसी से इस ब्रांड की सफलता का पता चलता है।
उनके मेनू में एक खास फ्लेवर चारकोल है। इससे काले रंग की आइसक्रीम बनती है। सुहास बताते हैं, 'हम नारियल के खोल को जलाकर चारकोल बनाते हैं। फिर उस चारकोल को अपनी चारकोल आइसक्रीम में इस्तेमाल करते हैं।' ब्रांड ने हाल ही में ऊंटनी के दूध की आइसक्रीम, बकरी के दूध की आइसक्रीम और गधी के दूध की आइसक्रीम भी बनाई है।
कितना है टर्नओवर?आइसबर्ग ऑर्गेनिक आइसक्रीम ब्रांड की आइसक्रीम न केवल लोगों को पसंद आ रही है, बल्कि धरती को सुरक्षित रखने में भी मदद कर रही है। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में उनकी फैक्ट्री 95 प्रतिशत सौर ऊर्जा से चलती है। इनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 25 करोड़ रुपये है।
सुहास शेट्टी ने दिखाया है कि अगर आपके पास कुछ अलग करने का जुनून है, तो आप किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि आप बिना किसी अनुभव के भी एक सफल बिजनेस बना सकते हैं। बस आपको मेहनत और लगन से काम करना होगा। उनकी कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं।
हेल्दी चीजों पर फोकससुहास का कहना है कि वे हमेशा से ही लोगों को स्वस्थ और स्वादिष्ट चीजें देना चाहते थे। इसलिए उन्होंने ऑर्गेनिक आइसक्रीम बनाने का फैसला किया। वे कहते हैं कि वे अपनी आइसक्रीम में किसी भी तरह के हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वे केवल प्राकृतिक और ऑर्गेनिक चीजों का इस्तेमाल करते हैं।
सुहास की आइसक्रीम बच्चों और बड़ों दोनों को पसंद आती है। उनकी आइसक्रीम में कई तरह के फ्लेवर उपलब्ध हैं। आप अपनी पसंद के हिसाब से कोई भी फ्लेवर चुन सकते हैं। उनकी आइसक्रीम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध है। आप इसे किसी भी आइसक्रीम पार्लर या सुपरमार्केट से खरीद सकते हैं।
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