सतना: मध्य प्रदेश के सतना जिले के नागौद थाना क्षेत्र के वीरपुर गांव में रविवार शाम प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लंबे समय से संबल योजना के पात्र लोग कार्ड बनवाने के लिए भटक रहे थे। लेकिन जिम्मेदारों ने कोई ध्यान नहीं दिया। हालात तब और बिगड़ गए जब 57 वर्षीय महेंद्र कुशवाहा की मौत हो गई और संबल कार्ड न होने के कारण उनके परिवार को अंतिम संस्कार के लिए सरकारी सहायता राशि नहीं मिल सकी।
राशि न मिलने से आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतक का शव लेकर पोड़ी चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि वे महीनों से सचिव, सरपंच और रोजगार सहायक से कार्ड बनाने की मांग कर रहे थे, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
मृतक का कार्ड बना दिया
गुस्साए ग्रामीणों के विरोध और चक्का जाम के दौरान, सचिव तरुण मिश्रा ने आनन-फानन में मृतक महेंद्र कुशवाहा का संबल कार्ड जारी कर दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव के कई पात्र लोग अब भी संबल योजना से वंचित हैं। सचिव, सरपंच और रोजगार सहायक की लापरवाही से गरीब परिवारों को न तो संबल कार्ड मिला और न ही योजना का लाभ। महेंद्र कुशवाहा का मामला इसका ताजा उदाहरण है, जहां जीवित रहते कार्ड नहीं बना, लेकिन मरने के बाद मामला बिगड़ता देख तत्काल जारी कर दिया गया।
प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। स्थिति को शांत कराने के लिए सरपंच शिवेंद्र सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक के परिजनों को 5,000 रुपए की अंत्येष्टि सहायता राशि सौंपी। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए और जाम समाप्त किया।
सरपंच ने दी सफाई
सरपंच शिवेंद्र सिंह ने कहा कि वे कई बार जनपद और जिला स्तर पर संबल कार्ड बनाने की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब मृतक के परिवार को योजना का लाभ दिलाया जाएगा और बाकी पात्र लोगों के कार्ड भी जल्द बनाए जाएंगे।
सीईओ ने सचिव को किया निलंबित
जिला पंचायत सीईओ संजना जैन ने कार्रवाई करते हुए ग्राम पंचायत बीरपुर के सचिव तरुण मिश्रा को संबल कार्ड प्रकरण में लापरवाही के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जनपद उचेहरा मुख्यालय में अटैच किया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियम अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
राशि न मिलने से आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतक का शव लेकर पोड़ी चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि वे महीनों से सचिव, सरपंच और रोजगार सहायक से कार्ड बनाने की मांग कर रहे थे, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
मृतक का कार्ड बना दिया
गुस्साए ग्रामीणों के विरोध और चक्का जाम के दौरान, सचिव तरुण मिश्रा ने आनन-फानन में मृतक महेंद्र कुशवाहा का संबल कार्ड जारी कर दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव के कई पात्र लोग अब भी संबल योजना से वंचित हैं। सचिव, सरपंच और रोजगार सहायक की लापरवाही से गरीब परिवारों को न तो संबल कार्ड मिला और न ही योजना का लाभ। महेंद्र कुशवाहा का मामला इसका ताजा उदाहरण है, जहां जीवित रहते कार्ड नहीं बना, लेकिन मरने के बाद मामला बिगड़ता देख तत्काल जारी कर दिया गया।
प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। स्थिति को शांत कराने के लिए सरपंच शिवेंद्र सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक के परिजनों को 5,000 रुपए की अंत्येष्टि सहायता राशि सौंपी। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए और जाम समाप्त किया।
सरपंच ने दी सफाई
सरपंच शिवेंद्र सिंह ने कहा कि वे कई बार जनपद और जिला स्तर पर संबल कार्ड बनाने की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब मृतक के परिवार को योजना का लाभ दिलाया जाएगा और बाकी पात्र लोगों के कार्ड भी जल्द बनाए जाएंगे।
सीईओ ने सचिव को किया निलंबित
जिला पंचायत सीईओ संजना जैन ने कार्रवाई करते हुए ग्राम पंचायत बीरपुर के सचिव तरुण मिश्रा को संबल कार्ड प्रकरण में लापरवाही के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जनपद उचेहरा मुख्यालय में अटैच किया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियम अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
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