बरेली: मौलाना तौकीर रजा की आज 14 मुकदमों में सुनवाई होगी। तौकीर रजा बरेली में 26 सितंबर को हुए उपद्रव में आरोपी हैं। फिलहाल वह फतेहगढ़ जेल में बद हैं। इससे पहले 28 अक्टूबर को सीजेएम कोर्ट समेत स्थानीय अदालतों में इन मुकदमों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी।
हालांकि, मौलाना के साथ जेल भेजे गए सात दूसरे आरोपियों को बरेली जिला जेल से कोर्ट में पेश किया गया था। पिछली सुनवाई पर सभी की न्यायिक हिरासत 11 नवंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया गया था। लेकिन मौलाना तौकीर रजा की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। इस पर पुलिस ने तर्क दिया था कि उनकी जमानत से मुकदमों की जांच प्रभावित हो सकती है।
इसके बाद 6 नवंबर को मौलाना की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान उनके वकील ने बढ़ती उम्र, बीमारी व स्वास्थ्य के मद्देनजर मौलाना को जेल से बाहर लाने की जरूरत बताई थी। उन्होंने पुलिस के आरोपों को बेबुनियाद बताया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद उनके तर्क खारिज कर दिए थे।
26 सितंबर 2025 को बरेली के श्यामगंज/इस्लामिया मैदान के आस-पास जुमे की नमाज़ के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन हिंसा में बदल गया था। विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब प्रदर्शनकारियों ने 'I love Muhammad' वाले पोस्टर और नारे के मुद्दे को लेकर मार्च बुलाया — जिसके बाद पुलिस और भीड़ के बीच टकराव हुआ और मामला बड़े उपद्रव में बदल गया।
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को मुख्य आरोपियों में से एक बताया गया। उन पर भीड़ इकट्ठा कराने, धारा 144 के उल्लंघन और हिंसा भड़काने के आरोप लगे हैं। पुलिस ने उन्हें और उनके कई साथियों को गिरफ्तार किया या नामजद कर भेजा। कुल मिलाकर दर्ज मामलों की संख्या और गिरफ्तारियों की विस्तृत जानकारी के मुताबिक सैकड़ों लोगों के नाम शिकायतों में जोड़े गए।
हालांकि, मौलाना के साथ जेल भेजे गए सात दूसरे आरोपियों को बरेली जिला जेल से कोर्ट में पेश किया गया था। पिछली सुनवाई पर सभी की न्यायिक हिरासत 11 नवंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया गया था। लेकिन मौलाना तौकीर रजा की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। इस पर पुलिस ने तर्क दिया था कि उनकी जमानत से मुकदमों की जांच प्रभावित हो सकती है।
इसके बाद 6 नवंबर को मौलाना की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान उनके वकील ने बढ़ती उम्र, बीमारी व स्वास्थ्य के मद्देनजर मौलाना को जेल से बाहर लाने की जरूरत बताई थी। उन्होंने पुलिस के आरोपों को बेबुनियाद बताया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद उनके तर्क खारिज कर दिए थे।
26 सितंबर 2025 को बरेली के श्यामगंज/इस्लामिया मैदान के आस-पास जुमे की नमाज़ के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन हिंसा में बदल गया था। विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब प्रदर्शनकारियों ने 'I love Muhammad' वाले पोस्टर और नारे के मुद्दे को लेकर मार्च बुलाया — जिसके बाद पुलिस और भीड़ के बीच टकराव हुआ और मामला बड़े उपद्रव में बदल गया।
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को मुख्य आरोपियों में से एक बताया गया। उन पर भीड़ इकट्ठा कराने, धारा 144 के उल्लंघन और हिंसा भड़काने के आरोप लगे हैं। पुलिस ने उन्हें और उनके कई साथियों को गिरफ्तार किया या नामजद कर भेजा। कुल मिलाकर दर्ज मामलों की संख्या और गिरफ्तारियों की विस्तृत जानकारी के मुताबिक सैकड़ों लोगों के नाम शिकायतों में जोड़े गए।
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