नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पब्लिक प्लेस पर खड़े किसी भी निजी वाहन को जब्त करने का एमसीडी या अन्य संबंधित अथॉरिटी को पूरा अधिकार है। कोर्ट के सामने एक ऐसा मामला था, जिसमें एक व्यक्ति ने अपने घर के बाहर खड़ी अपनी एक कार को उसकी गैरमौजूदगी में जब्त करने को चुनौती दी थी।
कोर्ट ने मानी ये बात
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा सार्वजनिक स्थान की परिभाषा पर गौर करते हुए कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता की गाड़ी सड़क पर खड़ी थी। जस्टिस मिनी पुष्करणा ने कहा, 'यह साफ है कि याचिकाकर्ता की कार उसके घर के बाहर सार्वजनिक स्थान पर खड़ी थी।'
याचिकाकर्ता के तर्क को किया खारिज
दिल्ली के परिवहन विभाग के मुताबिक सार्वजनिक स्थान से मतलब उस जगह से है जहां कोई भी बिना किसी प्रतिबंध के कभी भी आ-जा सकता है। इसमें सिविक एजेंसी या निर्माण विभाग द्वारा विकसित सभी सड़कें, नालियां और फुटपाथ आदि शामिल हैं। उक्त दिशानिर्देश के मद्देनजर कोर्ट ने याचिकाकर्ता के इस तर्क को खारिज कर दिया कि उसकी कार सार्वजनिक जगह पर नहीं खड़ी थी। कोर्ट ने आदेश सुनाया कि प्रतिवादियों द्वारा की गई कार्रवाई कानून के अधिकार क्षेत्र में थी।
याचिकाकर्ता ने की ये निर्देश देने की मांग
मौजूदा याचिका विकास कुमार सिंह की थी। उन्होंने 11 जुलाई, 2025 के निष्कासन (रिमूवल) आदेश को रद्द करने और उनकी गाड़ी को नष्ट नहीं करने का निर्देश देने की मांग की थी। हालांकि याचिकाकर्ता को गाड़ी छुड़ाने के लिए संबंधित प्रावधानों में याचिका दायर करने कार्यवाही पूरी होने तक गाड़ी स्क्रैप न करने का निर्देश
की छूट मिली।आदेश के मुताबिक, इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने और औपचारिकताएं पूरी होने के बाद याचिकाकर्ता को गाड़ी सौंपी जा सकती है। स्क्रैप कंपनी को निर्देश मिला कि इस मामले में कार्यवाही पूरी होने तक गाड़ी को कबाड़ में तब्दील नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने मानी ये बात
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा सार्वजनिक स्थान की परिभाषा पर गौर करते हुए कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता की गाड़ी सड़क पर खड़ी थी। जस्टिस मिनी पुष्करणा ने कहा, 'यह साफ है कि याचिकाकर्ता की कार उसके घर के बाहर सार्वजनिक स्थान पर खड़ी थी।'
याचिकाकर्ता के तर्क को किया खारिज
दिल्ली के परिवहन विभाग के मुताबिक सार्वजनिक स्थान से मतलब उस जगह से है जहां कोई भी बिना किसी प्रतिबंध के कभी भी आ-जा सकता है। इसमें सिविक एजेंसी या निर्माण विभाग द्वारा विकसित सभी सड़कें, नालियां और फुटपाथ आदि शामिल हैं। उक्त दिशानिर्देश के मद्देनजर कोर्ट ने याचिकाकर्ता के इस तर्क को खारिज कर दिया कि उसकी कार सार्वजनिक जगह पर नहीं खड़ी थी। कोर्ट ने आदेश सुनाया कि प्रतिवादियों द्वारा की गई कार्रवाई कानून के अधिकार क्षेत्र में थी।
याचिकाकर्ता ने की ये निर्देश देने की मांग
मौजूदा याचिका विकास कुमार सिंह की थी। उन्होंने 11 जुलाई, 2025 के निष्कासन (रिमूवल) आदेश को रद्द करने और उनकी गाड़ी को नष्ट नहीं करने का निर्देश देने की मांग की थी। हालांकि याचिकाकर्ता को गाड़ी छुड़ाने के लिए संबंधित प्रावधानों में याचिका दायर करने कार्यवाही पूरी होने तक गाड़ी स्क्रैप न करने का निर्देश
की छूट मिली।आदेश के मुताबिक, इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने और औपचारिकताएं पूरी होने के बाद याचिकाकर्ता को गाड़ी सौंपी जा सकती है। स्क्रैप कंपनी को निर्देश मिला कि इस मामले में कार्यवाही पूरी होने तक गाड़ी को कबाड़ में तब्दील नहीं किया जाएगा।
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