कंधमाल: ओडिशा के कंधमाल जिले में हैरान कर देना वाला मामला सामने आया है। जहां एक स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र की नोटिस बोर्ड पर लगी पिन निगलने से मौत हो गई। छात्र की मौत के परिवार वालों ने स्कूल के शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि शिक्षकों ने शुरुआत में मामले को गंभीरता से नहीं लिया और छात्र को अस्पताल ले जाने में देरी की। बता दें कि यह घटना 15 अक्टूबर को हुई थी। 26 अक्टूबर को इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई। स्कूल के हेडमास्टर ने किसी भी लापरवाही से इनकार किया है और कहा है कि जांच से सच्चाई सामने आएगी। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।   
   
   
फेफड़ों में फंसा था पिन
जानकारी के अनुसार, मृतक छात्र अपने मामा के घर रहता था। छात्र के पिता का आरोप है कि उसके बेटे ने नोटिस बोर्ड में लगी को लगी पिन को निगल लिया था। उसके दोस्तों ने इस बारे में शिक्षकों को बताया, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अगर उसे समय पर अस्पताल ले जाया जाता, तो वह आज जिंदा होता। घटना वाले दिन छात्र स्कूल से मामा के घर लौटा और पेट में तेज दर्द की शिकायत की। इसके बाद उसने अपने दादा को पूरी बात बताई, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। एक्स-रे में पता चला कि छात्र के फेफड़ों में पिन फंसा हुआ था।
     
   
पिन निकालने के बाद कोमा में गया छात्र
इसके बाद परिवार छात्र को भुवनेश्वर के कैपिटल हॉस्पिटल और फिर कटक के शिशु भवन ले गया। डॉक्टरों ने सर्जरी करके पिन तो निकाल दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। छात्र कोमा में चला गया और 26 अक्टूबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। छात्र की मौत के एक दिन बाद उसके पिता द्वारा पुलिस में शिकायत देने के बाद यह मामला सामने आया। पुलिस ने स्कूल प्रशासन से बात की है और सीसीटीवी फुटेज भी मांगा है। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि अभी तक इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। छात्र के माता-पिता ने जिला प्रशासन से इस मामले की गहन जांच कराने की मांग की है।
     
  
फेफड़ों में फंसा था पिन
जानकारी के अनुसार, मृतक छात्र अपने मामा के घर रहता था। छात्र के पिता का आरोप है कि उसके बेटे ने नोटिस बोर्ड में लगी को लगी पिन को निगल लिया था। उसके दोस्तों ने इस बारे में शिक्षकों को बताया, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अगर उसे समय पर अस्पताल ले जाया जाता, तो वह आज जिंदा होता। घटना वाले दिन छात्र स्कूल से मामा के घर लौटा और पेट में तेज दर्द की शिकायत की। इसके बाद उसने अपने दादा को पूरी बात बताई, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। एक्स-रे में पता चला कि छात्र के फेफड़ों में पिन फंसा हुआ था।
पिन निकालने के बाद कोमा में गया छात्र
इसके बाद परिवार छात्र को भुवनेश्वर के कैपिटल हॉस्पिटल और फिर कटक के शिशु भवन ले गया। डॉक्टरों ने सर्जरी करके पिन तो निकाल दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। छात्र कोमा में चला गया और 26 अक्टूबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। छात्र की मौत के एक दिन बाद उसके पिता द्वारा पुलिस में शिकायत देने के बाद यह मामला सामने आया। पुलिस ने स्कूल प्रशासन से बात की है और सीसीटीवी फुटेज भी मांगा है। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि अभी तक इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। छात्र के माता-पिता ने जिला प्रशासन से इस मामले की गहन जांच कराने की मांग की है।
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