नवसारी: गुजरात पुलिस की स्टेट मॉनिटरिंग सेल (SMC) और अपराधियों के बीच मंगलवार को नवसारी जिले के बिलिमोरा कस्बे में मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मध्य प्रदेश की कुख्यात ‘ रावण गैंग ’ के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी मुंबई और मध्य प्रदेश में अपराध करने की साजिश रच रहे थे और हथियारों के सौदे के लिए बिलिमोरा में इकट्ठे हुए थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान ऋषभ अशोक शर्मा उर्फ रावण (मध्य प्रदेश), यशसिंह सुंदरसिंह (हरियाणा), मनीष कलूराम कुमावत और मदन गोपीराम कुमावत (राजस्थान) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, मनीष और मदन को पहले बिलिमोरा रेलवे स्टेशन के पास एक होटल से गुप्त सूचना के आधार पर पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान उन्होंने अपने साथियों के ठिकाने की जानकारी दी, जिसके बाद टीम उन्हें महादेव मंदिर पार्किंग स्थल ले गई।
पुलिस पर कर दी फायरिंग
वहीं, जब पुलिस ने वहां मौजूद अन्य दो आरोपियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, तो यशसिंह ने पुलिस पर दो राउंड फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस इंस्पेक्टर सी.एच. पनारा ने भी गोली चलाई, जिसमें यशसिंह के पैर में गोली लगी। उसे बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने आरोपियों से तीन पिस्तौल और 25 कारतूस बरामद किए हैं। सभी को आर्म्स एक्ट और हत्या के प्रयास (एटेम्प्ट टू मर्डर) के तहत केस दर्ज कर गांधीनगर स्थित एसएमसी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों को बुधवार शाम नवसारी जिले की गंदेवी अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा।
डीआईजी ने क्या बताया
एसएमसी के डीआईजी निरलिप्त राय ने बताया कि मुख्य आरोपी ऋषभ शर्मा उर्फ रावण मध्य प्रदेश और राजस्थान में हत्या, मादक पदार्थों की तस्करी, रंगदारी और अवैध हथियारों के कारोबार से जुड़ा है। राय ने कहा कि मनीष पिछले चार वर्षों से बिलिमोरा में रह रहा था। उसने रावण से मुंबई में होने वाले अपराध के लिए हथियार मंगवाए थे। इसके अलावा वे मध्य प्रदेश में एक ज्वेलरी फर्म को लूटने की योजना बना रहे थे। लेकिन इससे पहले ही हमारी टीम ने उन्हें पकड़ लिया। उन्होंने बताया कि मदन मुंबई के एक गैंगस्टर के संपर्क में था और चारों आरोपी ट्रेन से हथियार लेकर बिलिमोरा पहुंचे थे। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि मनीष बिलिमोरा में एक छोटी किराने की दुकान चलाता था। वो अपन पत्नी और 12 वर्षीय बेटे के साथ वहीं रहता था।
पुलिस पर कर दी फायरिंग
वहीं, जब पुलिस ने वहां मौजूद अन्य दो आरोपियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, तो यशसिंह ने पुलिस पर दो राउंड फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस इंस्पेक्टर सी.एच. पनारा ने भी गोली चलाई, जिसमें यशसिंह के पैर में गोली लगी। उसे बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने आरोपियों से तीन पिस्तौल और 25 कारतूस बरामद किए हैं। सभी को आर्म्स एक्ट और हत्या के प्रयास (एटेम्प्ट टू मर्डर) के तहत केस दर्ज कर गांधीनगर स्थित एसएमसी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों को बुधवार शाम नवसारी जिले की गंदेवी अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा।
डीआईजी ने क्या बताया
एसएमसी के डीआईजी निरलिप्त राय ने बताया कि मुख्य आरोपी ऋषभ शर्मा उर्फ रावण मध्य प्रदेश और राजस्थान में हत्या, मादक पदार्थों की तस्करी, रंगदारी और अवैध हथियारों के कारोबार से जुड़ा है। राय ने कहा कि मनीष पिछले चार वर्षों से बिलिमोरा में रह रहा था। उसने रावण से मुंबई में होने वाले अपराध के लिए हथियार मंगवाए थे। इसके अलावा वे मध्य प्रदेश में एक ज्वेलरी फर्म को लूटने की योजना बना रहे थे। लेकिन इससे पहले ही हमारी टीम ने उन्हें पकड़ लिया। उन्होंने बताया कि मदन मुंबई के एक गैंगस्टर के संपर्क में था और चारों आरोपी ट्रेन से हथियार लेकर बिलिमोरा पहुंचे थे। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि मनीष बिलिमोरा में एक छोटी किराने की दुकान चलाता था। वो अपन पत्नी और 12 वर्षीय बेटे के साथ वहीं रहता था।
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