पश्चिम बंगाल से वो पैसा कमाने के लिए कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु आ बसी थी। शादियों में ब्यूटिशियनका काम करती। पति और दो बेटों के साथ किराए के घर में रहकर गुजर-बसर कर रही थी। दिवाली के अगले दिन 21 अक्टूबर को वो अपनी पड़ोसी सहेली के साथ घर में थी। जो उसी की तरह बंगाल से थी। उसे अंदाजा भी नहीं था कि कुछ ही पलों में उस पर पहाड़ टूटने वाला है।
बेंगलुरु में 27 साल की एक महिला के साथ गैंगरेप और लूटपाट से हर कोई गुस्से में है। पीड़िता ने अस्पताल के बिस्तर से शिकायत दर्ज की। पुलिस ने 5 आरोपियों को दबोच लिया है। इनमें से 3 वो लोग हैं, जिन्होंने महिला के साथ दुष्कर्म किया। बाकी 2 ने उसके साथ लूटपाट की। शिकायत में महिला ने जो अपनी आपबीती सुनाई है, उसे जानकार किसी का भी कलेजा फट जाएगा।
नकली पुलिसवाले बनकर घर में घुसेपीड़िता अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी रह रही थी। 6 महीने पहले ही वो नए किराए के मकान में शिफ्ट हुई थी। यहां दोस्त के रूप में उन्हें पड़ोस में एक बंगाल की ही महिला और उसका पति मिल गए थे। पति असम का था और पीड़िता के पति से उसकी खूब छनती थी। 21 अक्टूबर की शाम को पीड़िता का पति घर पर नहीं था और महिला अपनी पड़ोसी के साथ थी। रात करीब 9.30 बजे 5 लोग पुलिस की वर्दी में घर में जबरन घुस गए।
अचानक से उन्होंने घर का सामान इधर-उधर फेंकना शुरू कर दिया। पीड़िता ने शिकायत में बताया, 'वो तेज-तेज चिल्लाने लगे कि मेरे पास गांजा है। मैं वेश्यावृति में शामिल हूं। उन्होंने एक लाख रुपये की मांग की। इससे पहले कि कुछ समझ में आता, उन्होंने क्रिकेट बैट और धारदार हथियार से वार कर दिया। मेरी पड़ोसन हमले में बेहोश हो गई।'
कमरे में घसीटकर ले गएपीड़िता ने आगे अपनी आपबीती बताते हुए कहा, 'मेरी सहेली बेहोश हो गई, लेकिन मैंने सामना करने की कोशिश की। उन्होंने मेरे छोटे बेटे का गला दबा दिया और मेरी सहेली के पति के साथ टॉयलेट में बंद कर दिया। तीन लोग मुझे घसीटकर कमरे में ले गए और मेरे साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने 25000 रुपये और मोबाइल फोन भी लूट लिया।'
उसका बड़ा बेटा उस समय घर से बाहर था, उसने पुलिस को कॉल किया। पुलिस मौके पर तुरंत पहुंच गई, लेकिन संदिग्ध वहां से भाग निकलने में सफल हो गए। पीड़िता को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसने अस्पताल के बिस्तर से ही शिकायत दर्ज की। इसके बाद पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 70 के तहत गैंग रेप का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। दो दिन के भीतर पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया। इनमें कुछ नाबालिग भी थे।
आपसी रंजिश बनी बड़ी वजहबेंगलुरु ग्रामीण पुलिस अधिकारी के मुताबिक नवीन, कार्तिक और जिलानी को बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार दोपहर को सुयोग, जंगली पृथ्वी और सीना को भी कस्टडी में लिया गया। हालांकि मामले का मुख्य आरोपी मिथुन अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आ रही है कि मामला आपसी रंजिश का है। मिथुन का पीड़िता के परिवार से झगड़ा चल रहा था। पीड़िता का परिवार यहां करीब 6 महीने से रह रहा था। दोनों के बीच अक्सर बहस होती रहती थी और मिथुन ने धमकी दी थी कि वो उसे सबक सिखाएगा। इसलिए वो अपने साथियों के साथ नकली पुलिस बनकर आया और हमले को अंजाम दिया। पुलिस के मुताबिक 3 लोगों ने महिला के साथ रेप किया जबकि दो ने मारपीट की और सामान चुराया। पीड़िता और आरोपियों को मेडिकल टेस्ट के लिए भेज दिया गया है।
बेंगलुरु में 27 साल की एक महिला के साथ गैंगरेप और लूटपाट से हर कोई गुस्से में है। पीड़िता ने अस्पताल के बिस्तर से शिकायत दर्ज की। पुलिस ने 5 आरोपियों को दबोच लिया है। इनमें से 3 वो लोग हैं, जिन्होंने महिला के साथ दुष्कर्म किया। बाकी 2 ने उसके साथ लूटपाट की। शिकायत में महिला ने जो अपनी आपबीती सुनाई है, उसे जानकार किसी का भी कलेजा फट जाएगा।
नकली पुलिसवाले बनकर घर में घुसेपीड़िता अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी रह रही थी। 6 महीने पहले ही वो नए किराए के मकान में शिफ्ट हुई थी। यहां दोस्त के रूप में उन्हें पड़ोस में एक बंगाल की ही महिला और उसका पति मिल गए थे। पति असम का था और पीड़िता के पति से उसकी खूब छनती थी। 21 अक्टूबर की शाम को पीड़िता का पति घर पर नहीं था और महिला अपनी पड़ोसी के साथ थी। रात करीब 9.30 बजे 5 लोग पुलिस की वर्दी में घर में जबरन घुस गए।
अचानक से उन्होंने घर का सामान इधर-उधर फेंकना शुरू कर दिया। पीड़िता ने शिकायत में बताया, 'वो तेज-तेज चिल्लाने लगे कि मेरे पास गांजा है। मैं वेश्यावृति में शामिल हूं। उन्होंने एक लाख रुपये की मांग की। इससे पहले कि कुछ समझ में आता, उन्होंने क्रिकेट बैट और धारदार हथियार से वार कर दिया। मेरी पड़ोसन हमले में बेहोश हो गई।'
कमरे में घसीटकर ले गएपीड़िता ने आगे अपनी आपबीती बताते हुए कहा, 'मेरी सहेली बेहोश हो गई, लेकिन मैंने सामना करने की कोशिश की। उन्होंने मेरे छोटे बेटे का गला दबा दिया और मेरी सहेली के पति के साथ टॉयलेट में बंद कर दिया। तीन लोग मुझे घसीटकर कमरे में ले गए और मेरे साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने 25000 रुपये और मोबाइल फोन भी लूट लिया।'
उसका बड़ा बेटा उस समय घर से बाहर था, उसने पुलिस को कॉल किया। पुलिस मौके पर तुरंत पहुंच गई, लेकिन संदिग्ध वहां से भाग निकलने में सफल हो गए। पीड़िता को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसने अस्पताल के बिस्तर से ही शिकायत दर्ज की। इसके बाद पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 70 के तहत गैंग रेप का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। दो दिन के भीतर पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया। इनमें कुछ नाबालिग भी थे।
आपसी रंजिश बनी बड़ी वजहबेंगलुरु ग्रामीण पुलिस अधिकारी के मुताबिक नवीन, कार्तिक और जिलानी को बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार दोपहर को सुयोग, जंगली पृथ्वी और सीना को भी कस्टडी में लिया गया। हालांकि मामले का मुख्य आरोपी मिथुन अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आ रही है कि मामला आपसी रंजिश का है। मिथुन का पीड़िता के परिवार से झगड़ा चल रहा था। पीड़िता का परिवार यहां करीब 6 महीने से रह रहा था। दोनों के बीच अक्सर बहस होती रहती थी और मिथुन ने धमकी दी थी कि वो उसे सबक सिखाएगा। इसलिए वो अपने साथियों के साथ नकली पुलिस बनकर आया और हमले को अंजाम दिया। पुलिस के मुताबिक 3 लोगों ने महिला के साथ रेप किया जबकि दो ने मारपीट की और सामान चुराया। पीड़िता और आरोपियों को मेडिकल टेस्ट के लिए भेज दिया गया है।
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